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साहित्य (66)

Featured Discussions

सदस्य टीम प्रबंधन

दिल्ली के गुलाबी मौसम में सम्मिलन सह काव्य-गोष्ठी

ओपेन बुक्स ऑनलाइन (ओबीओ) के प्रबन्धन द्वारा इसके प्रादुर्भाव काल से ही इसके उद्येश्यों के मुख्य विन्दुओं को सदा से मुखर रखा गया है. साहित्य…

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सदस्य टीम प्रबंधन

प्रयाग-क्षेत्र में ओबीओ के तत्त्वावधान में काव्य-गोष्ठी का आयोजन

आज की तारीख में नेट पर समाज के हर क्षेत्र में ऐसा बहुत कुछ सकारात्मक हो रहा है जो अधिक नहीं मात्र दसेक वर्ष पूर्व इस तरह की गतिविधियों के ब…

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सदस्य टीम प्रबंधन

वाराणसी में ओबीओ सदस्यों की काव्य-गोष्ठी सम्पन्न

दिनांक 15 नवम्बर 2011 की संध्या इस मायने में यादगार हो गयी कि वाराणसी के काशी विद्यापीठ के निकट स्थित होटल जाह्नवी इण्टनेशनल में ओबीओ के सद…

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Discussions Replies Latest Activity

जातीय व्यवस्था की हिलती नींव का दस्तावेज है उपन्यास ‘सुलगते ज्वालामुखी ’:: डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव

‘सुलगते ज्वालामुखी’ कवयित्री एवं कथाकार डॉ. अर्चना प्रकाश जी का नवीनतम लघु उपन्यास है, जिसका कथानक मात्र 110 पृष्ठों में सिमटा हुआ है I मैं…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Jan 7, 2021

पूर्वराग के रंग कच्चे भी और पक्के भी: डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

मानव के रूप में हम सभी ने अपने अंतस में शृंगार रस के संयोग और वियोग दोनों स्वरूपों का अनुभव अवश्य किया होगा I इस रस का स्थाई भाव ‘रति’ है I…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Jun 3, 2020

अभिसार रति नहीं एक जोखिम या खतरा है //डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

भिसार का अर्थ लोग प्रायशः प्रणय या काम-क्रीडा समझते हैं I यह सही अर्थ नहीं है I सही अर्थ है अभिसरण करना अर्थत गमन करना /जाना I अर्थ रूढ़ि मे…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 May 23, 2020

ओबीओ लखनऊ चैप्टर की साहित्य संध्या माह अप्रैल 2020

दिनांक 19.04.2020, रविवार को ओबीओ लखनऊ चैप्टर की साहित्य-संध्या माह अप्रैल 2020 का ऑन लाइन आयोजन हुआ I इसके प्रथम चरण में ओज और आवेश के यु…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 May 20, 2020

ओपन बुक्स ऑनलाइन की मासिक गोष्ठी माह मार्च 2010 में आलोक रावत ‘आहत लखनवी ‘ की दो गजलों पर परिचर्चा :: प्रस्तुति- डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

गजल-एक दर्द मेरा हम क़दम औ हमसफ़र हो जाये तो, क्या करूं मॉं की दुआ भी बे असर हो जाये तो? II1II क्या गिले-शिक़वे करूं तुझसे मेरे मालिक़ बता बस ज़…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Apr 15, 2020

पं० चंद्रशेखर पाण्डेय ’चंद्रमणि’ जी की नाट्यधर्मिता :: एक तात्विक विवेचन                  डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव

   भारत में नाटक की परंपरा अत्यधिक प्राचीन है I यद्यपि वर्तमान में उपलब्ध भरत मुनि का नाटयशास्त्र ही सबसे पुराना है जो पाश्चात्य विद्वानों…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Apr 18, 2019

मध्यकालीन हिदी साहित्य में होली का कोलाज - डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

हिन्दी साहित्य में काल विभाजन के अनुसार आदिकाल और आधुनिक काल के बीच का समय मध्ययुग (1318ई०-1843ई०) कहलाता है I इस प्रकार भक्ति एवं रीतिकाल…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Mar 21, 2019

लेखन में आत्ममुग्धता की बढ़ती प्रवृत्ति और उसके खतरे-एक परिचर्चा /// प्रस्तुति – डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव

 भारतीय संस्कृति में विनम्रता का महत्वपूर्ण स्थान रहा है I अपनी  तारीफ सुनकर आज भी विनम्र लोग शील सँकोच से सिकुड़ जाते हैं I  पर पाश्चात्य स…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

6 Feb 9, 2019
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

बदलते रहे है हिंदी कविता में संयोग शृंगार के प्रतिमान  ///    डॉ.गोपाल नारायण श्रीवास्तव

काव्य-शास्त्र के अनुसार वियोग शृंगार के चार प्रकार हैं –पूर्वराग, मान, प्रवास और करुण I इसकी दस दशायें होती हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह ह…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Feb 6, 2019

मुल्ला दाउद  के ‘चंदायन’ से मुतासिर रहे है जायसी -डॉ, गोपाल नारायन श्रीवास्तव

‘पद्मावत’ मूवी के आने पर आज का आत्ममुग्ध भारतीय यह जान सका कि मलिक मुहम्मद ‘जायसी’ नाम का भी कोई कवि भी था, जिसने अवधी लोक-भाषा में ‘पद्माव…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

4 Jan 8, 2019
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

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Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागत है"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
Thursday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
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'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Apr 14

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13

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