"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-129 - Open Books Online2024-03-28T22:16:21Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/129?commentId=5170231%3AComment%3A1057366&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-…tag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10577272021-03-27T18:27:37.193ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p style="text-align: center;">"ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-129 को सफल बनाने के लिये सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p>
<p style="text-align: center;">"ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-129 को सफल बनाने के लिये सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p> आदरणीय नाहक़ जी,नमस्कार
बहुत ख…tag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10577262021-03-27T18:22:45.397ZRicha Yadavhttp://openbooksonline.com/profile/RichaYadav
<p>आदरणीय नाहक़ जी,नमस्कार</p>
<p>बहुत खूब ग़ज़ल हुई</p>
<p>बधाई स्वीकार कीजिये।</p>
<p>आदरणीय नाहक़ जी,नमस्कार</p>
<p>बहुत खूब ग़ज़ल हुई</p>
<p>बधाई स्वीकार कीजिये।</p> जनाब सतविन्द्र राणा जी आदाब,…tag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10576772021-03-27T18:22:31.052ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सतविन्द्र राणा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>विस्तृत समीक्षा का अब समय नहीं है,इसके लिए इसे पर्सनल पर भेजें ।</p>
<p>जनाब सतविन्द्र राणा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>विस्तृत समीक्षा का अब समय नहीं है,इसके लिए इसे पर्सनल पर भेजें ।</p> आदरणीय
बहुत धन्यवाद
सादर।tag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10575502021-03-27T18:20:20.187ZRicha Yadavhttp://openbooksonline.com/profile/RichaYadav
<p>आदरणीय</p>
<p>बहुत धन्यवाद </p>
<p>सादर।</p>
<p>आदरणीय</p>
<p>बहुत धन्यवाद </p>
<p>सादर।</p> आदरणीय
बहुत धन्यवाद
सादरtag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10577252021-03-27T18:19:50.427ZRicha Yadavhttp://openbooksonline.com/profile/RichaYadav
<p>आदरणीय</p>
<p>बहुत धन्यवाद</p>
<p>सादर</p>
<p>आदरणीय</p>
<p>बहुत धन्यवाद</p>
<p>सादर</p> आदरणीय
बहुत धन्यवाद आपका
साद…tag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10574592021-03-27T18:19:21.698ZRicha Yadavhttp://openbooksonline.com/profile/RichaYadav
<p>आदरणीय </p>
<p>बहुत धन्यवाद आपका</p>
<p>सादर।</p>
<p>आदरणीय </p>
<p>बहुत धन्यवाद आपका</p>
<p>सादर।</p> खुशी से ये जियादा और कम ऐसा भ…tag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10575462021-03-27T18:10:17.557Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>खुशी से ये जियादा और कम ऐसा भी होता है,<br></br>लगे जो खास ही हमको कि ग़म ऐसा भी होता है।</p>
<p></p>
<p>तुम्हारे सब गुनाहों पर हँसी की चादरें ढक दे,<br></br>जो होता मौन रह कर ही, सितम ऐसा भी होता है।</p>
<p><br></br>नहीं कुछ हैसियत जिसकी, दबा है जो ज़मानों से,<br></br>छुपी विस्फोट की आहट, हाँ बम ऐसा भी होता है।</p>
<p><br></br>जरूरत को शिकारी खुद बहुत ऊपर को ले आता,<br></br>बदल देता समय पर सब नियम ऐसा भी होता है।</p>
<p></p>
<p>बहुत कुछ सोच कर तुमने ए 'हसरत' ये कहा होगा.<br></br>*खुशी ऐसी भी होती है अलम ऐसा भी होता…</p>
<p>खुशी से ये जियादा और कम ऐसा भी होता है,<br/>लगे जो खास ही हमको कि ग़म ऐसा भी होता है।</p>
<p></p>
<p>तुम्हारे सब गुनाहों पर हँसी की चादरें ढक दे,<br/>जो होता मौन रह कर ही, सितम ऐसा भी होता है।</p>
<p><br/>नहीं कुछ हैसियत जिसकी, दबा है जो ज़मानों से,<br/>छुपी विस्फोट की आहट, हाँ बम ऐसा भी होता है।</p>
<p><br/>जरूरत को शिकारी खुद बहुत ऊपर को ले आता,<br/>बदल देता समय पर सब नियम ऐसा भी होता है।</p>
<p></p>
<p>बहुत कुछ सोच कर तुमने ए 'हसरत' ये कहा होगा.<br/>*खुशी ऐसी भी होती है अलम ऐसा भी होता है।</p>
<p></p>
<p>जहाँ जाए वहाँ पर झूठ ले जाए बहुत सारा,<br/>इसी से जीतना चाहे बलम ऐसा भी होता है।</p>
<p></p>
<p>मौलिक/अप्रकाशित</p> शुक्रिय: प्रिय ।tag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10575452021-03-27T17:53:49.589ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>शुक्रिय: प्रिय ।</p>
<p>शुक्रिय: प्रिय ।</p> जी गुरु जी बड़े शायर जीतने भी…tag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10577242021-03-27T17:38:53.575ZAazi Tamaamhttp://openbooksonline.com/profile/AaziTamaa
<p>जी गुरु जी बड़े शायर जीतने भी हैं अगर उनकी ग़ज़ल में ये शब्द इस तरह लिखे मिले तब भी सभी इनका वज़्न 21 ही लेते हैं</p>
<p>आप से बेहतर मार्गदर्शक निशुल्क मिलना कठिन है</p>
<p>आप सही मायनों में एक बेहतरीन शिक्षक का काम दिल से करते हैं यही बात आपको सबसे ख़ास बनाती है</p>
<p>सहृदय प्रणाम गुरु जी</p>
<p>जी गुरु जी बड़े शायर जीतने भी हैं अगर उनकी ग़ज़ल में ये शब्द इस तरह लिखे मिले तब भी सभी इनका वज़्न 21 ही लेते हैं</p>
<p>आप से बेहतर मार्गदर्शक निशुल्क मिलना कठिन है</p>
<p>आप सही मायनों में एक बेहतरीन शिक्षक का काम दिल से करते हैं यही बात आपको सबसे ख़ास बनाती है</p>
<p>सहृदय प्रणाम गुरु जी</p> सादर प्रणाम आदरणीय अबरार जी…tag:openbooksonline.com,2021-03-27:5170231:Comment:10574582021-03-27T17:19:16.915ZAazi Tamaamhttp://openbooksonline.com/profile/AaziTamaa
<p>सादर प्रणाम आदरणीय अबरार जी</p>
<p></p>
<p>उन्हीं का माल उनको........... बेहतरीन शैर</p>
<p></p>
<p>मुआफ़ी चाहूँगा पर 5 वां शैर समझने में थोड़ी सी कठिनाई हो रही है</p>
<p></p>
<p>अच्छी ग़ज़ल के लिये बधाई</p>
<p>सादर प्रणाम आदरणीय अबरार जी</p>
<p></p>
<p>उन्हीं का माल उनको........... बेहतरीन शैर</p>
<p></p>
<p>मुआफ़ी चाहूँगा पर 5 वां शैर समझने में थोड़ी सी कठिनाई हो रही है</p>
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<p>अच्छी ग़ज़ल के लिये बधाई</p>