"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-140 - Open Books Online2024-03-28T19:31:03Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/140-1?commentId=5170231%3AComment%3A1085524&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=noआ. भाई लक्ष्मण सिंह थामी 'मु…tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10854742022-06-12T17:05:21.991ZChetan Prakashhttp://openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आ. भाई लक्ष्मण सिंह थामी 'मुसाफिर' आप के प्रति एतद्वारा अशेष कृतज्ञता ज्ञापन करता हूँ कि गीत आप को प्रशंसनीय लगा , अशेष साधुवाद आप को, बंधुवर !</p>
<p>आ. भाई लक्ष्मण सिंह थामी 'मुसाफिर' आप के प्रति एतद्वारा अशेष कृतज्ञता ज्ञापन करता हूँ कि गीत आप को प्रशंसनीय लगा , अशेष साधुवाद आप को, बंधुवर !</p> आ. गीत " आसमाँ टूट कर गिरा क…tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10853832022-06-12T16:59:29.565ZChetan Prakashhttp://openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आ. गीत " आसमाँ टूट कर गिरा कैसे' की सहानुभूति पूर्ण प्रशंसा और संस्तुति हेतु आप का आभार, सु श्री जी !</p>
<p>आ. गीत " आसमाँ टूट कर गिरा कैसे' की सहानुभूति पूर्ण प्रशंसा और संस्तुति हेतु आप का आभार, सु श्री जी !</p> नमन, आ. प्रतिभा पाण्डेय जी…tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10856342022-06-12T16:52:18.512ZChetan Prakashhttp://openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>नमन, आ. प्रतिभा पाण्डेय जी , आपकी प्रस्तुति मुझे अच्छी लगी। कवि की अतिरिक्त संवेदनशील दृष्टि रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं में कविता ढूढ़ लेती है ।</p>
<p>नमन, आ. प्रतिभा पाण्डेय जी , आपकी प्रस्तुति मुझे अच्छी लगी। कवि की अतिरिक्त संवेदनशील दृष्टि रोजमर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं में कविता ढूढ़ लेती है ।</p> आ. भाई लक्ष्मण सिंह धामी 'मु…tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10855312022-06-12T16:42:44.314ZChetan Prakashhttp://openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आ. भाई लक्ष्मण सिंह धामी 'मुसाफिर ' अच्छा गीत रचा, आप ने ! टंकण की कुछ त्रुटियाँ कदाचित भूल बशर रह गई हैं , जैसे, बातों के स्थान पर, बोतों, बदी की जगह, 'वदो', तो के स्थान पर, 'लुनो' ।</p>
<p>आ. भाई लक्ष्मण सिंह धामी 'मुसाफिर ' अच्छा गीत रचा, आप ने ! टंकण की कुछ त्रुटियाँ कदाचित भूल बशर रह गई हैं , जैसे, बातों के स्थान पर, बोतों, बदी की जगह, 'वदो', तो के स्थान पर, 'लुनो' ।</p> आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10856322022-06-12T14:59:57.493Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई।</p> आ. प्रतिभा बहन , रचना पर उपस्…tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10855302022-06-12T14:58:00.439Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. प्रतिभा बहन , रचना पर उपस्थिति व प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p>
<p>आ. प्रतिभा बहन , रचना पर उपस्थिति व प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p> //माँ तुम्हारी है तो …tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10856292022-06-12T13:55:13.093Zpratibha pandehttp://openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p> //माँ तुम्हारी है तो वो मेरी भी</p>
<p> फिर कतर या ईरां तेरा कैसे// बहुत सटीक बात। हार्दिक बधाई इस प्रस्तुती पर आदरणीय</p>
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<p> //माँ तुम्हारी है तो वो मेरी भी</p>
<p> फिर कतर या ईरां तेरा कैसे// बहुत सटीक बात। हार्दिक बधाई इस प्रस्तुती पर आदरणीय</p>
<p></p> हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्…tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10853822022-06-12T13:50:50.136Zpratibha pandehttp://openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी</p> हार्दिक आभार आदरणीय डाॅ छोटेल…tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10855292022-06-12T13:48:59.898Zpratibha pandehttp://openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय डाॅ छोटेलाल सिंह जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय डाॅ छोटेलाल सिंह जी</p> हाल फिलहाल के हालातों पर चिंत…tag:openbooksonline.com,2022-06-12:5170231:Comment:10854712022-06-12T13:46:01.346Zpratibha pandehttp://openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>हाल फिलहाल के हालातों पर चिंता जताती हुई प्रभावशाली प्रस्तुती। हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी</p>
<p>हाल फिलहाल के हालातों पर चिंता जताती हुई प्रभावशाली प्रस्तुती। हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी</p>