"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-33 (विषय: नीड़ की ओर) - Open Books Online2024-03-28T18:23:12Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/33-2?feed=yes&xn_auth=noबहुत बहुत आभार आदरणीय छोटेलाल…tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9071032017-12-30T17:46:12.521ZManan Kumar singhhttp://openbooksonline.com/profile/MananKumarsingh
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय छोटेलाल जी।</p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय छोटेलाल जी।</p> आभार आदरणीय सतविंदर जी।tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9071662017-12-30T17:45:28.939ZManan Kumar singhhttp://openbooksonline.com/profile/MananKumarsingh
<p>आभार आदरणीय सतविंदर जी।</p>
<p>आभार आदरणीय सतविंदर जी।</p> विवरणात्मक शैली में लघुकथा कह…tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9071652017-12-30T17:41:58.629ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>विवरणात्मक शैली में लघुकथा कहने का प्रयास किया है। कुछ शब्दों को विशेष महत्व देते हुए हाइलाइट करते हुए इन्वर्टेड क़ौमाज़ में लिखने की भी एक शैली है, उसका उपयोग किया है। आपकी टिप्पणी पर ग़ौर कर रहा हूं। सादर।</p>
<p>विवरणात्मक शैली में लघुकथा कहने का प्रयास किया है। कुछ शब्दों को विशेष महत्व देते हुए हाइलाइट करते हुए इन्वर्टेड क़ौमाज़ में लिखने की भी एक शैली है, उसका उपयोग किया है। आपकी टिप्पणी पर ग़ौर कर रहा हूं। सादर।</p> बहुत-बहुत आभार आदरणीय छोटे ला…tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9072272017-12-30T17:37:58.641ZMohammed Arifhttp://openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>बहुत-बहुत आभार आदरणीय छोटे लाल जी ।</p>
<p>बहुत-बहुत आभार आदरणीय छोटे लाल जी ।</p> बहुत अच्छी ,संदेशपरक लघु कथा…tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9071642017-12-30T17:26:42.182ZManan Kumar singhhttp://openbooksonline.com/profile/MananKumarsingh
<p>बहुत अच्छी ,संदेशपरक लघु कथा हुई है आदरणीय, बधाइयाँ।</p>
<p>बहुत अच्छी ,संदेशपरक लघु कथा हुई है आदरणीय, बधाइयाँ।</p> रचना पर समय देकर पुनः ताक़ीद…tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9072262017-12-30T17:24:33.150ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>रचना पर समय देकर पुनः ताक़ीद और मार्गदर्शन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब वीरेंद्र वीर मेहता साहिब। शायद कुछ बातें मैं अभी भी समझ नहीं पा रहा हूं, इसलिए कुछ ग़लतियां हो रही हैं। कृपया इनबॉक्स पर समय देकर स्पष्ट कीजिएगा। सादर।</p>
<p>रचना पर समय देकर पुनः ताक़ीद और मार्गदर्शन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब वीरेंद्र वीर मेहता साहिब। शायद कुछ बातें मैं अभी भी समझ नहीं पा रहा हूं, इसलिए कुछ ग़लतियां हो रही हैं। कृपया इनबॉक्स पर समय देकर स्पष्ट कीजिएगा। सादर।</p> रचना पर समय देकर ताक़ीद और मा…tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9072252017-12-30T17:21:00.080ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>रचना पर समय देकर ताक़ीद और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सतविंदर कुमार राणा साहिब।</p>
<p>रचना पर समय देकर ताक़ीद और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सतविंदर कुमार राणा साहिब।</p> विषयाधारित इस रचना में आपने प…tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9071022017-12-30T17:08:48.175ZVIRENDER VEER MEHTAhttp://openbooksonline.com/profile/VIRENDERMEHTAVEERMEHTA
विषयाधारित इस रचना में आपने पक्षियों का अच्छा प्रयोग किया तेजवीर सिंह भाई जी। रचना अपने व्यंग्यात्मक लहजे में समाज पर चोट करती है और सहज ही यही बात पाठक को अपील करती है। यही कथा का प्रभावी पक्ष है जिसके लिये बधाई देना भी बनता है। बधाई भाई जी।
विषयाधारित इस रचना में आपने पक्षियों का अच्छा प्रयोग किया तेजवीर सिंह भाई जी। रचना अपने व्यंग्यात्मक लहजे में समाज पर चोट करती है और सहज ही यही बात पाठक को अपील करती है। यही कथा का प्रभावी पक्ष है जिसके लिये बधाई देना भी बनता है। बधाई भाई जी। आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त वि…tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9071012017-12-30T17:07:56.285Zडॉ छोटेलाल सिंहhttp://openbooksonline.com/profile/20ch7d01r75yx
<p>आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय को चरितार्थ करती आकर्षक रचना के लिए बहुत बहुत बधाई</p>
<p>आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय को चरितार्थ करती आकर्षक रचना के लिए बहुत बहुत बधाई</p> आदरणीय आरिफ साहब कम से कम शब्…tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:Comment:9071002017-12-30T17:05:05.887Zडॉ छोटेलाल सिंहhttp://openbooksonline.com/profile/20ch7d01r75yx
<p>आदरणीय आरिफ साहब कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक भावों को पिरोया है आपने इस बेहतरीन सृजन के लिए बहुत बहुत बधाई</p>
<p>आदरणीय आरिफ साहब कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक भावों को पिरोया है आपने इस बेहतरीन सृजन के लिए बहुत बहुत बधाई</p>