उल्लाला छन्द - Open Books Online2024-03-28T21:08:52Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:213794?groupUrl=chhand&commentId=5170231%3AComment%3A214305&groupId=5170231%3AGroup%3A156482&feed=yes&xn_auth=noगुरुदेव प्रणाम! मेरा मानना है…tag:openbooksonline.com,2012-04-17:5170231:Comment:2149952012-04-17T07:33:15.600Zविन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीhttp://openbooksonline.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi
गुरुदेव प्रणाम! मेरा मानना है कि गुरु आखिर गुरु ही होते है।उसका शिष्य क्या करने वाला है और कहां गलत है वे पहले ही अनुमान कर लेते हैं।हालांकि मुझे लग रहा है-अभी यह जानकारी पूर्ण नहीं है।इस पोस्ट पर गुरुजनों से चर्चा सादर आमंत्रित है।
गुरुदेव प्रणाम! मेरा मानना है कि गुरु आखिर गुरु ही होते है।उसका शिष्य क्या करने वाला है और कहां गलत है वे पहले ही अनुमान कर लेते हैं।हालांकि मुझे लग रहा है-अभी यह जानकारी पूर्ण नहीं है।इस पोस्ट पर गुरुजनों से चर्चा सादर आमंत्रित है। भाई मृदुजी ने ’उल्लाला’ छंद स…tag:openbooksonline.com,2012-04-17:5170231:Comment:2150612012-04-17T06:17:17.156ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाई मृदुजी ने ’उल्लाला’ छंद से सम्बन्धित तथ्यपरक प्रश्न उसी दिन किया था, जिस दिन आपकी प्रस्तुत पोस्ट आयी थी.</p>
<p>मैंने उन्हें वही बातें बतायी थीं जिनकी अब वीनसजी द्वारा चर्चा हो रही है. आगे मैंने उन्हें यही कहा था कि विंध्येश्वरी जी को तथ्यपरक जानकारी जब होगी तो वे स्वयं साझा करेंगे. आज आपकी प्रस्तुत टिप्पणी को देख कर अपार संतोष हुआ है कि आपने अपनी जानकारी से छंद सम्बन्धी तथ्य प्राप्त किये हैं. </p>
<p>यह <strong>स्वाध्याय</strong> ही किसी रचनाकार या पाठक की संलग्नता और गंभीरता का…</p>
<p>भाई मृदुजी ने ’उल्लाला’ छंद से सम्बन्धित तथ्यपरक प्रश्न उसी दिन किया था, जिस दिन आपकी प्रस्तुत पोस्ट आयी थी.</p>
<p>मैंने उन्हें वही बातें बतायी थीं जिनकी अब वीनसजी द्वारा चर्चा हो रही है. आगे मैंने उन्हें यही कहा था कि विंध्येश्वरी जी को तथ्यपरक जानकारी जब होगी तो वे स्वयं साझा करेंगे. आज आपकी प्रस्तुत टिप्पणी को देख कर अपार संतोष हुआ है कि आपने अपनी जानकारी से छंद सम्बन्धी तथ्य प्राप्त किये हैं. </p>
<p>यह <strong>स्वाध्याय</strong> ही किसी रचनाकार या पाठक की संलग्नता और गंभीरता का प्रमाण है.</p>
<p>सधन्यवाद</p> विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी…tag:openbooksonline.com,2012-04-16:5170231:Comment:2151262012-04-16T19:07:28.649Zवीनस केसरीhttp://openbooksonline.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p><a class="fn url" href="../topic/listForContributor?user=0158exn9ih3ka">विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी</a> जी,<br></br> <br></br> मैंने उल्लाला छ्न्द के बारे में कुछ छानबीन की तो कुछ जानकारी प्राप्त हुई है वह आपसे साझा कर रहा हूँ <br></br><br></br> इस छ्न्द को दो तरह से लिखा जाता है <br></br>१ -<br></br>पहली पंक्ति - १३ / १३ = २६ मात्रा<br></br> दूसरी पंक्ति - १३ / १३ = २६ मात्रा<br></br><br></br>२ -<br></br> पहली पंक्ति - १५ / १३ = २८ मात्रा<br></br>दूसरी पंक्ति - १५ / १३ = २८ मात्रा<br></br><br></br>इस छ्न्द को १५ / १५ = ३० मात्रा में…</p>
<p><a href="../topic/listForContributor?user=0158exn9ih3ka" class="fn url">विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी</a> जी,<br/> <br/> मैंने उल्लाला छ्न्द के बारे में कुछ छानबीन की तो कुछ जानकारी प्राप्त हुई है वह आपसे साझा कर रहा हूँ <br/><br/> इस छ्न्द को दो तरह से लिखा जाता है <br/>१ -<br/>पहली पंक्ति - १३ / १३ = २६ मात्रा<br/> दूसरी पंक्ति - १३ / १३ = २६ मात्रा<br/><br/>२ -<br/> पहली पंक्ति - १५ / १३ = २८ मात्रा<br/>दूसरी पंक्ति - १५ / १३ = २८ मात्रा<br/><br/>इस छ्न्द को १५ / १५ = ३० मात्रा में लिखने का विधान नहीं है <br/><br/>रोला (११/१३) की ४ पंक्ति और उल्लाला (१३/१३ या १५ / १३ ) की २ पंक्ति के संयोग से छप्पय छंद बनता है<br/><br/>इस छ्न्द की और कोंई जानकारी प्राप्त हुई तो पुनः साझा करूगा ...</p> आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी।tag:openbooksonline.com,2012-04-15:5170231:Comment:2146172012-04-15T06:35:50.834Zविन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीhttp://openbooksonline.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi
आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी।
आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी। आभार आदरणीय अभिनव जी!
उल्लाला…tag:openbooksonline.com,2012-04-15:5170231:Comment:2146142012-04-15T06:33:20.931Zविन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठीhttp://openbooksonline.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi
आभार आदरणीय अभिनव जी!<br />
उल्लाला छन्द पर जो थोड़ी बहुत जानकारी साझा हो सकी है,उसका सम्पूर्ण श्रेय आदरणीय वीनस जी को जाता है।उन्होंने अगर मुझ अज्ञानी से प्रश्न न किया होता ,न ही मैं ढूढ़ता और न ही यह जानकारी साझा हो पाती।मैं तो उल्लाला छन्द पर छोटी सी रचना कर हाथ पर हाथ रखकर बैठ चुका था।अभी इसपर आप सब गुरुजनों से विस्तृत चर्चा सादर आमंत्रित है ताकि छन्द के बारे में और भी नई जानकारी सके,कुछ बातें और भी स्पष्ट हो सकें।<br />
सादर।
आभार आदरणीय अभिनव जी!<br />
उल्लाला छन्द पर जो थोड़ी बहुत जानकारी साझा हो सकी है,उसका सम्पूर्ण श्रेय आदरणीय वीनस जी को जाता है।उन्होंने अगर मुझ अज्ञानी से प्रश्न न किया होता ,न ही मैं ढूढ़ता और न ही यह जानकारी साझा हो पाती।मैं तो उल्लाला छन्द पर छोटी सी रचना कर हाथ पर हाथ रखकर बैठ चुका था।अभी इसपर आप सब गुरुजनों से विस्तृत चर्चा सादर आमंत्रित है ताकि छन्द के बारे में और भी नई जानकारी सके,कुछ बातें और भी स्पष्ट हो सकें।<br />
सादर। ओ बी ओ साहित्यिक धरोहरों के स…tag:openbooksonline.com,2012-04-15:5170231:Comment:2144772012-04-15T05:24:57.298ZAbhinav Arunhttp://openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>ओ बी ओ साहित्यिक धरोहरों के संचयन और पुष्पन पल्लवन का केंद्र बन रहा है | इसमें आप जैसे सजगों का योगदान प्रशंसनीय है | बहुत स्वागत और शुभकामनाएं <a href="http://openbooksonline.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi">विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी</a><a class="nolink"></a> जी | इस उपयोगी जानकारी को साझा करने के लिए आभार भी !!</p>
<p>ओ बी ओ साहित्यिक धरोहरों के संचयन और पुष्पन पल्लवन का केंद्र बन रहा है | इसमें आप जैसे सजगों का योगदान प्रशंसनीय है | बहुत स्वागत और शुभकामनाएं <a href="http://openbooksonline.com/profile/Vindhyeshwariprasadtripathi">विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी</a><a class="nolink"></a> जी | इस उपयोगी जानकारी को साझा करने के लिए आभार भी !!</p> उल्लाला छंद की अच्छी जानकारी…tag:openbooksonline.com,2012-04-15:5170231:Comment:2143052012-04-15T04:38:10.100Zrajesh kumarihttp://openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p><span>उल्लाला छंद की अच्छी जानकारी दी है विन्ध्येश्वरी जी आपने आभार एवं बधाई आपको </span></p>
<p><span>उल्लाला छंद की अच्छी जानकारी दी है विन्ध्येश्वरी जी आपने आभार एवं बधाई आपको </span></p>