रोला छंद एक परिचय: - Open Books Online2024-03-29T15:05:30Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:249263?groupUrl=chhand&commentId=5170231%3AComment%3A249717&groupId=5170231%3AGroup%3A156482&feed=yes&xn_auth=noइस सुन्दर और लाभप्रद जानकारी…tag:openbooksonline.com,2012-11-29:5170231:Comment:2943172012-11-29T04:27:29.775Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooksonline.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<div><font color="#454545" face="Arial, Helvetica Neue, Helvetica, sans-serif"><span>इस सुन्दर और लाभप्रद जानकारी के लिए हार्दिक आभार स्वीकारे आदरणीय अम्बरीश श्रीवास्तव जी </span></font></div>
<div><font color="#454545" face="Arial, Helvetica Neue, Helvetica, sans-serif"><span>दोहे के 13-11 का उलट 11-13 भी रोला ही होता है क्या आदरणीय अथवा 11-12 मात्रा गुरु </span></font><span>पर</span><span> </span><span>यति होने पर </span></div>
<div><span>जैसे अंकित नियम का पालन होना चाहिय </span></div>
<div><font color="#454545" face="Arial, Helvetica Neue, Helvetica, sans-serif"><span>इस सुन्दर और लाभप्रद जानकारी के लिए हार्दिक आभार स्वीकारे आदरणीय अम्बरीश श्रीवास्तव जी </span></font></div>
<div><font color="#454545" face="Arial, Helvetica Neue, Helvetica, sans-serif"><span>दोहे के 13-11 का उलट 11-13 भी रोला ही होता है क्या आदरणीय अथवा 11-12 मात्रा गुरु </span></font><span>पर</span><span> </span><span>यति होने पर </span></div>
<div><span>जैसे अंकित नियम का पालन होना चाहिय </span></div> स्वागत है आशीष यादव जी ! यह ज…tag:openbooksonline.com,2012-07-18:5170231:Comment:2497172012-07-18T10:37:05.760ZEr. Ambarish Srivastavahttp://openbooksonline.com/profile/AmbarishSrivastava
<p>स्वागत है आशीष यादव जी ! यह जानकारी हम सभी मित्रों के लिए ही तो है :-)</p>
<p></p>
<p>स्वागत है आशीष यादव जी ! यह जानकारी हम सभी मित्रों के लिए ही तो है :-)</p>
<p></p> बहुत अच्छी जानकारी। आदरणीय गु…tag:openbooksonline.com,2012-07-18:5170231:Comment:2495372012-07-18T04:59:34.048Zआशीष यादवhttp://openbooksonline.com/profile/Ashishyadav
<p>बहुत अच्छी जानकारी। आदरणीय गुरुजनों से ऐसी ही जानकारियाँ मिलती रहें और मुझ जैसे अल्पज्ञ भी कुछ ज्ञान पा सकें।</p>
<p>बहुत अच्छी जानकारी। आदरणीय गुरुजनों से ऐसी ही जानकारियाँ मिलती रहें और मुझ जैसे अल्पज्ञ भी कुछ ज्ञान पा सकें।</p> धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी, एकदम…tag:openbooksonline.com,2012-07-18:5170231:Comment:2494362012-07-18T04:54:56.371ZEr. Ambarish Srivastavahttp://openbooksonline.com/profile/AmbarishSrivastava
<p>धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी, एकदम सत्य कहा आपने ! विद्वजनों की प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा ही तो है मित्रवर ! सादर</p>
<p>धन्यवाद आदरणीय सौरभ जी, एकदम सत्य कहा आपने ! विद्वजनों की प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा ही तो है मित्रवर ! सादर</p> //रोले के विषम चरणों में तुका…tag:openbooksonline.com,2012-07-18:5170231:Comment:2493732012-07-18T02:36:44.108ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>//<em>रोले के विषम चरणों में तुकांत व चरणान्त में लघु की भी अनिवार्यता नहीं है यद्यपि वहाँ पर अधिकतर लघु ही प्रयोग किये जाते हैं |</em>//</p>
<p>रोले के विषम चरण अक्सर तुकांत नहीं होते, विषम चरण में लघु का प्रयोग होता रहा है. या, इसे ही अपना लिया गया है. अलबत्ता सम का तुकांत होना पद्य की अनिवार्यता है.</p>
<p>आदरणीय अम्बरीषजी, छंद या किसी ज्ञातव्य की प्रस्तुति के साथ-साथ उक्त प्रविष्टि पर आयी टिप्पणियाँ और प्रतिक्रियाएँ खासा महत्त्व रखती हैं. कई जाने-अनजाने तथ्य सामने तो आते ही हैं, कई…</p>
<p>//<em>रोले के विषम चरणों में तुकांत व चरणान्त में लघु की भी अनिवार्यता नहीं है यद्यपि वहाँ पर अधिकतर लघु ही प्रयोग किये जाते हैं |</em>//</p>
<p>रोले के विषम चरण अक्सर तुकांत नहीं होते, विषम चरण में लघु का प्रयोग होता रहा है. या, इसे ही अपना लिया गया है. अलबत्ता सम का तुकांत होना पद्य की अनिवार्यता है.</p>
<p>आदरणीय अम्बरीषजी, छंद या किसी ज्ञातव्य की प्रस्तुति के साथ-साथ उक्त प्रविष्टि पर आयी टिप्पणियाँ और प्रतिक्रियाएँ खासा महत्त्व रखती हैं. कई जाने-अनजाने तथ्य सामने तो आते ही हैं, कई भ्रम भी दूर होते हैं. और, सटीक नियमावलियाँ स्पष्ट हो पाती हैं.</p>
<p>सादर</p> स्वागत है आदरणीय सौरभ जी ! अन…tag:openbooksonline.com,2012-07-17:5170231:Comment:2495102012-07-17T17:09:27.245ZEr. Ambarish Srivastavahttp://openbooksonline.com/profile/AmbarishSrivastava
<p>स्वागत है आदरणीय सौरभ जी ! अनुमोदन के लिए आपके प्रति हार्दिक आभार ज्ञापित कर रहा हूँ आपने सत्य कहा कि दो सोरठों को मिला कर रोला बनाया जा सकता है बशर्ते उनके सम चरण तुकांत हों क्योंकि रोला के सम चरण तुकांत होते हैं |एक बात और........पिगल के अनुसार रोले के विषम चरणों में तुकांत व चरणान्त में लघु की भी अनिवार्यता नहीं है यद्यपि वहाँ पर अधिकतर लघु ही प्रयोग किये जाते हैं | सादर</p>
<p>स्वागत है आदरणीय सौरभ जी ! अनुमोदन के लिए आपके प्रति हार्दिक आभार ज्ञापित कर रहा हूँ आपने सत्य कहा कि दो सोरठों को मिला कर रोला बनाया जा सकता है बशर्ते उनके सम चरण तुकांत हों क्योंकि रोला के सम चरण तुकांत होते हैं |एक बात और........पिगल के अनुसार रोले के विषम चरणों में तुकांत व चरणान्त में लघु की भी अनिवार्यता नहीं है यद्यपि वहाँ पर अधिकतर लघु ही प्रयोग किये जाते हैं | सादर</p> रोला छंद पर अति समृद्ध प्रविष…tag:openbooksonline.com,2012-07-17:5170231:Comment:2490982012-07-17T13:45:04.363ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>रोला छंद पर अति समृद्ध प्रविष्टि हेतु सादर बधाई स्वीकारें, आदरणीय अम्बरीषभाईजी.</p>
<p>रोला के विस्तृत स्वरूप को प्रस्तुत कर आपने इसके प्राचीन और आजका स्वीकार्य प्रारूप दोनों को स्थान दे कर आपने किसी मत-मतांतर से इस मंच को विलग कर दिया है.</p>
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<p>//<em>ऐसा भी कह सकते हैं के दो सोरठा मिलकर रोला बनता है।</em>//</p>
<p>सोरठा किसी अर्द्ध रोला से इस बात पर अलग होता है कि इसके विषम चरण तुकांत होते हैं. जबकि रोला के सम चरण के तुकांत होने की विधा स्वीकार्य है.…</p>
<p>रोला छंद पर अति समृद्ध प्रविष्टि हेतु सादर बधाई स्वीकारें, आदरणीय अम्बरीषभाईजी.</p>
<p>रोला के विस्तृत स्वरूप को प्रस्तुत कर आपने इसके प्राचीन और आजका स्वीकार्य प्रारूप दोनों को स्थान दे कर आपने किसी मत-मतांतर से इस मंच को विलग कर दिया है.</p>
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<p>//<em>ऐसा भी कह सकते हैं के दो सोरठा मिलकर रोला बनता है।</em>//</p>
<p>सोरठा किसी अर्द्ध रोला से इस बात पर अलग होता है कि इसके विषम चरण तुकांत होते हैं. जबकि रोला के सम चरण के तुकांत होने की विधा स्वीकार्य है. <span style="text-decoration: underline;">इस तथ्य को रेखांकित करना अति आवश्यक है.</span></p>
<p>सादर</p>