सॉनेट: एक परिचय - Open Books Online2024-03-28T18:22:04Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:417528?groupUrl=chhand&commentId=5170231%3AComment%3A419413&groupId=5170231%3AGroup%3A156482&feed=yes&xn_auth=noकैसा समझ का फेर आदरणीय और भ्र…tag:openbooksonline.com,2013-09-06:5170231:Comment:4299752013-09-06T14:41:53.816ZVindu Babuhttp://openbooksonline.com/profile/vandanatiwari
कैसा समझ का फेर आदरणीय और भ्रम क्या?<br />
यहां पर मेरा पुन: स्पष्ट करना उचित रहेगा कि ऊपर pentameter(पंचपदीय) होने की सम्भावना व्यक्त की है iamb penta की नहीं।<br />
जी सर इसे दुर्भाग्य ही कहना चाहिए क्योंकि जिस आधारभूत सिद्धान्त से चर्चा की शुरुआत होनी चाहिए थी वह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया।<br />
आशा है आपके अग्रिम लेख में शब्दों का अर्थ और भी बहुतकुछ सुस्पष्ट हो सकेगा।<br />
सादर
कैसा समझ का फेर आदरणीय और भ्रम क्या?<br />
यहां पर मेरा पुन: स्पष्ट करना उचित रहेगा कि ऊपर pentameter(पंचपदीय) होने की सम्भावना व्यक्त की है iamb penta की नहीं।<br />
जी सर इसे दुर्भाग्य ही कहना चाहिए क्योंकि जिस आधारभूत सिद्धान्त से चर्चा की शुरुआत होनी चाहिए थी वह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया।<br />
आशा है आपके अग्रिम लेख में शब्दों का अर्थ और भी बहुतकुछ सुस्पष्ट हो सकेगा।<br />
सादर आदरणीया मीना जी आपका बहुत आभा…tag:openbooksonline.com,2013-09-04:5170231:Comment:4277022013-09-04T04:37:55.498Zबृजेश नीरजhttp://openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीया मीना जी आपका बहुत आभार!<br/>इस विधा को सीखने-समझने का मैं भी प्रयास ही कर रहा हूं।</p>
<p>आदरणीया मीना जी आपका बहुत आभार!<br/>इस विधा को सीखने-समझने का मैं भी प्रयास ही कर रहा हूं।</p> आदरणीय बृजेश जी, इस विधा की…tag:openbooksonline.com,2013-09-04:5170231:Comment:4278772013-09-04T04:32:21.411ZMeena Pathakhttp://openbooksonline.com/profile/MeenaPathak
<p>आदरणीय बृजेश जी, इस विधा की विस्तृत जानकारी दे कर हम जैसो पर बहुत उपकार किया आपने | सादर आभार स्वीकारें</p>
<p>आदरणीय बृजेश जी, इस विधा की विस्तृत जानकारी दे कर हम जैसो पर बहुत उपकार किया आपने | सादर आभार स्वीकारें</p> आदरणीय वीनस भाई अनुमोदन हेतु…tag:openbooksonline.com,2013-09-03:5170231:Comment:4275212013-09-03T13:39:33.334Zबृजेश नीरजhttp://openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीय वीनस भाई अनुमोदन हेतु आपका आभार! अगले लेख को प्रस्तुत करने के लिए प्रयासरत हूं। <br/>सादर!</p>
<p>आदरणीय वीनस भाई अनुमोदन हेतु आपका आभार! अगले लेख को प्रस्तुत करने के लिए प्रयासरत हूं। <br/>सादर!</p> // इस विधा के आधारभूत सिद्धान…tag:openbooksonline.com,2013-09-03:5170231:Comment:4273902013-09-03T13:28:31.340Zवीनस केसरीhttp://openbooksonline.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p><strong>// इस विधा के आधारभूत सिद्धान्त प्रस्तुत करती है। यह इस चर्चा का अभी तक का दुर्भाग्य रहा है कि इस विधा के आधारभूत सिद्धान्त की तरफ तो किसी का ध्यान ही नहीं गया। ....</strong> //<br/><br/>:(((((((((((((((<br/><br/>सहमत हूँ ,,,,,, <br/>अभी तक हम अन्य बातों में उलझे हुए हैं ... <br/>सानेट पर आपका दूसरा लेख सभी को संयत कर देगा इसी की आकांक्षा/अपेक्षा है ....<br/> <br/><br/></p>
<p><strong>// इस विधा के आधारभूत सिद्धान्त प्रस्तुत करती है। यह इस चर्चा का अभी तक का दुर्भाग्य रहा है कि इस विधा के आधारभूत सिद्धान्त की तरफ तो किसी का ध्यान ही नहीं गया। ....</strong> //<br/><br/>:(((((((((((((((<br/><br/>सहमत हूँ ,,,,,, <br/>अभी तक हम अन्य बातों में उलझे हुए हैं ... <br/>सानेट पर आपका दूसरा लेख सभी को संयत कर देगा इसी की आकांक्षा/अपेक्षा है ....<br/> <br/><br/></p> इन बिन्दुओं पर आगे के लेखों म…tag:openbooksonline.com,2013-09-03:5170231:Comment:4273812013-09-03T12:57:34.746Zबृजेश नीरजhttp://openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>इन बिन्दुओं पर आगे के लेखों में चर्चा करने का प्रयास रहेगा।</p>
<p>इन बिन्दुओं पर आगे के लेखों में चर्चा करने का प्रयास रहेगा।</p> आदरणीय वंदना जी,
यहां मैं यह…tag:openbooksonline.com,2013-09-03:5170231:Comment:4275082013-09-03T12:55:52.453Zबृजेश नीरजhttp://openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीय वंदना जी,</p>
<p>यहां मैं यह स्पष्ट कर दूं कि यह केवल समझ का फेर है कि यह परिभाषा इस विधा के आधारभूत सिद्धान्त प्रस्तुत करती है। यह इस चर्चा का अभी तक का दुर्भाग्य रहा है कि इस विधा के आधारभूत सिद्धान्त की तरफ तो किसी का ध्यान ही नहीं गया।</p>
<p>//उक्त परिभाषा के उल्लेख से मतलब केवल 'equal lines' को प्रकाश में लाना था//</p>
<p>प्रश्न तो मेरा यही था कि क्या 24 मात्रा कहने से पंक्तियां समान नहीं होतीं जो बार बार हमें ‘iambic pentameter’ के द्वारा ही समान पंक्तियों का सिद्धान्त समझना…</p>
<p>आदरणीय वंदना जी,</p>
<p>यहां मैं यह स्पष्ट कर दूं कि यह केवल समझ का फेर है कि यह परिभाषा इस विधा के आधारभूत सिद्धान्त प्रस्तुत करती है। यह इस चर्चा का अभी तक का दुर्भाग्य रहा है कि इस विधा के आधारभूत सिद्धान्त की तरफ तो किसी का ध्यान ही नहीं गया।</p>
<p>//उक्त परिभाषा के उल्लेख से मतलब केवल 'equal lines' को प्रकाश में लाना था//</p>
<p>प्रश्न तो मेरा यही था कि क्या 24 मात्रा कहने से पंक्तियां समान नहीं होतीं जो बार बार हमें ‘iambic pentameter’ के द्वारा ही समान पंक्तियों का सिद्धान्त समझना पड़े।</p>
<p>आपने त्रिलोचन की पंक्तियों के सहारे जो उदाहरण प्रस्तुत किया है वह आपका भ्रम दर्शाती हैं। मेरा अनुरोध है कि आप शब्दों का अर्थ ठीक से समझ लें।</p> इस विधा पर इतनी गहन परिचर्चा…tag:openbooksonline.com,2013-08-31:5170231:Comment:4250462013-08-31T10:10:45.893ZVindu Babuhttp://openbooksonline.com/profile/vandanatiwari
इस विधा पर इतनी गहन परिचर्चा के पश्चात निवेदन करना चाहूंगी कि अभी तक के शोध के आधार पर,सानेट के लम्बे सफर और आए बदलावों को ध्यान में रखते हुए हिंदी में भी इस विधा के लिए एक ढांचागत सिद्धान्त प्रस्तुत करना सुनिश्चित किया जाय। जिससे हिंदी सानेट का भी एक स्वच्छंद स्वरूप निर्धारित हो सके (जैसे अन्य भाषाओं में आधारभूत नियम के अतिरिक्त कुछ न कुछ विशेष भी है),और नवीन प्रयास को प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन प्राप्त हो सके।<br />
त्रिलोचन जी की बहुरंगी सानेट्स तो हमारे समक्ष हैं पर अभी हम हिंदी के लिए किसी विशेष…
इस विधा पर इतनी गहन परिचर्चा के पश्चात निवेदन करना चाहूंगी कि अभी तक के शोध के आधार पर,सानेट के लम्बे सफर और आए बदलावों को ध्यान में रखते हुए हिंदी में भी इस विधा के लिए एक ढांचागत सिद्धान्त प्रस्तुत करना सुनिश्चित किया जाय। जिससे हिंदी सानेट का भी एक स्वच्छंद स्वरूप निर्धारित हो सके (जैसे अन्य भाषाओं में आधारभूत नियम के अतिरिक्त कुछ न कुछ विशेष भी है),और नवीन प्रयास को प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन प्राप्त हो सके।<br />
त्रिलोचन जी की बहुरंगी सानेट्स तो हमारे समक्ष हैं पर अभी हम हिंदी के लिए किसी विशेष नियम का उद्घोष करने में शायद सक्षम नहीं हैं।अभी हमारे शोध में कमी है या...। हम सभी हिंदी भाषियों को मिल कर सकारात्मकता की ओर कदम भरना होगा।<br />
यदि मैं सही हूं तो इस दिशा में निम्न विन्दुओं पर आपके विचारों का सादर आह्वाहन है-<br />
*कितने बन्द हों और उनका क्या स्वरूप हो?<br />
*तुकबन्दी का क्या विधान हो?<br />
*लघु/गुरु का भी कोई नियम हो?<br />
*यति और voltaआदि की क्या कोई भूमिका होगी यदि हां तो क्या?<br />
*प्रत्येक पंक्ति में मात्राएं 24 हों<br />
*गेयता/भाषा/रुख/विषय के सम्बन्ध में कोई विशेष बात स्पष्ट हो रही तो जरूर साझा करें।<br />
और भी कई विन्दु निकल कर आएंगे लेकिन पहले इन विन्दुओं पर एक-एक करके चर्चा करना उचित रहेगा,ऐसा मेरा मत है।<br />
आपका क्या मत है?<br />
विधा पूर्णतय: स्थापित होने के बाद उसमें विविधता आती ही है।<br />
सादर जी आदरणीय कुछ भी नया नहीं है…tag:openbooksonline.com,2013-08-31:5170231:Comment:4250262013-08-31T09:04:27.869ZVindu Babuhttp://openbooksonline.com/profile/vandanatiwari
जी आदरणीय कुछ भी नया नहीं है इसमें।<br />
लेकिन यह परिभाषा सानेट के विकास की कहानी के साथ ही एक आधारभूत सिद्धान्त भी प्रस्तुत करती है।<br />
जिसे आप 'मोह' कह रहे हैं वह एक सन्दर्भ मात्र ही है महोदय!<br />
और अंग्रेजी या पैट्रार्कन सानेट का सन्दर्भ लिए बिना तो 'हिंदी सानेट' के बारे में अभी, मैं कुछ कहने के लिए स्वयं को अक्षम पाती हूं।<br />
//हर बार बात iabic pentameter पर अटक जाती है//<br />
उक्त परिभाषा के उल्लेख से मतलब केवल 'equal lines' को प्रकाश में लाना था,penta आदि से यहां पर अभी मेरा कोई अभिप्राय नहीं।<br />
iambic…
जी आदरणीय कुछ भी नया नहीं है इसमें।<br />
लेकिन यह परिभाषा सानेट के विकास की कहानी के साथ ही एक आधारभूत सिद्धान्त भी प्रस्तुत करती है।<br />
जिसे आप 'मोह' कह रहे हैं वह एक सन्दर्भ मात्र ही है महोदय!<br />
और अंग्रेजी या पैट्रार्कन सानेट का सन्दर्भ लिए बिना तो 'हिंदी सानेट' के बारे में अभी, मैं कुछ कहने के लिए स्वयं को अक्षम पाती हूं।<br />
//हर बार बात iabic pentameter पर अटक जाती है//<br />
उक्त परिभाषा के उल्लेख से मतलब केवल 'equal lines' को प्रकाश में लाना था,penta आदि से यहां पर अभी मेरा कोई अभिप्राय नहीं।<br />
iambic pentameter का आशय आदरणीया प्राची जी स्पष्ट तो कर चुकी हैं सर,बताएं तो पुन: स्पष्ट करूं!<br />
यदि pentameter की बात आती भी है तो मुझे लगता है,त्रिलोचनजी इसे प्रयोग भी किया है(हो सकता है मैं सही न होउं पर मुझे आभास हुआ तो साझा किया)-<br />
*इस सानेट का रास्ता चौड़ा<br />
*हमको छू छू छू छू<br />
*जीवन है दुनियां का सपना<br />
('iamb' का अनुकरण मुझे नहीं दिखा)<br />
lyric poem और rhythic lines के बारे में जहां तक मेरी समझ है मैं साझा करती हूं-<br />
lyric poem-व्यक्तिगत मनोभावों/विचारों को व्यकात करने वाली कविता/प्रगीत(जिसका उल्लेख आप लेख में कर चुके हैं)<br />
rhythmic lines-लयबद्ध पंक्तियां(इसे भी आपने गेयता के सम्बन्ध में शामिल किया है)<br />
सादर //''Sonnet is a lyric poem co…tag:openbooksonline.com,2013-08-29:5170231:Comment:4241722013-08-29T16:50:40.513Zबृजेश नीरजhttp://openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>//''Sonnet is a lyric poem comprising fourteen rhythmic lines of equal length: iambic pentameter in English,alexandrines in French,hendecasyllables in Italian...''(oxford dic of Eng Literature)//</p>
<p>आपने जो परिभाषा कोट की है उसमें नई बात क्या है? यह परिभाषा सिर्फ और सिर्फ इस विधा के विकास या कहें कि विभिन्न भाषाओं में इसके रूपों की कहानी ही कहती है। इसमें ऐसा कौन सा तथ्य जिसके आधार पर हिन्दी के मानक तय कर दिए जाएंगे।</p>
<p>यूं अंग्रेजी का मोह थामे हिन्दी में इस विधा के सही मानकों का…</p>
<p>//''Sonnet is a lyric poem comprising fourteen rhythmic lines of equal length: iambic pentameter in English,alexandrines in French,hendecasyllables in Italian...''(oxford dic of Eng Literature)//</p>
<p>आपने जो परिभाषा कोट की है उसमें नई बात क्या है? यह परिभाषा सिर्फ और सिर्फ इस विधा के विकास या कहें कि विभिन्न भाषाओं में इसके रूपों की कहानी ही कहती है। इसमें ऐसा कौन सा तथ्य जिसके आधार पर हिन्दी के मानक तय कर दिए जाएंगे।</p>
<p>यूं अंग्रेजी का मोह थामे हिन्दी में इस विधा के सही मानकों का निर्धारण नहीं किया जा सकता।</p>
<p>मैं यह महसूस कर रहा हूं कि हर बार चर्चा ‘iambic pentameter’ इस पर आकर अटक जाती है। तो मैं समझता हूं कि पहले इस शब्द का मतलब ही स्पष्ट कर लिया जाए। आपसे अपेक्षा है कि आप इस शब्द का अर्थ स्पष्ट करें।</p>
<p>‘lyric poem’, ‘rhythmic lines’ इन शब्दों के भी अर्थ स्पष्ट हो सकें तो बेहतर होगा।</p>
<p>सादर!</p>