चौपई छंद // --सौरभ - Open Books Online2024-03-29T14:43:10Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:526818?groupUrl=chhand&commentId=5170231%3AComment%3A749963&x=1&feed=yes&xn_auth=noहार्दिक धन्यवाद, भाई जी
tag:openbooksonline.com,2016-03-13:5170231:Comment:7499632016-03-13T11:49:22.726ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>हार्दिक धन्यवाद, भाई जी</p>
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<p>हार्दिक धन्यवाद, भाई जी</p>
<p></p> चौपई छंद के बारे में अति महत्…tag:openbooksonline.com,2016-03-13:5170231:Comment:7496882016-03-13T04:34:18.941Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>चौपई छंद के बारे में अति महत्वपूर्ण एवम् लाभप्रद जानकारी इस आलेख के माध्यम से आपने साझा की है श्रद्धेय सौरभ सर।बहुत बहुत आभार आपका।सादर नमन</p>
<p>चौपई छंद के बारे में अति महत्वपूर्ण एवम् लाभप्रद जानकारी इस आलेख के माध्यम से आपने साझा की है श्रद्धेय सौरभ सर।बहुत बहुत आभार आपका।सादर नमन</p> भाई मनन कुमार सिंहजी, आप भारत…tag:openbooksonline.com,2014-10-15:5170231:Comment:5817992014-10-15T05:09:13.631ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाई मनन कुमार सिंहजी, आप भारतीय छन्द विधान समूह के प्रस्तुत आलेखों में रुचि ले रहे हैं यह प्रसन्नता की बात है. काव्य रचनाओं में सदा से छान्दसिक रचनाओं की विशिष्ट महत्ता रही है. <br></br><br></br>आपके प्रश्न के उत्तर में मैं एक लिंक देता हूँ. आप उस लिंक पर मौज़ूद आलेख देख जायें. आपके प्रश्न का उत्तर मिल जायेगा. …<br></br><br></br></p>
<p>भाई मनन कुमार सिंहजी, आप भारतीय छन्द विधान समूह के प्रस्तुत आलेखों में रुचि ले रहे हैं यह प्रसन्नता की बात है. काव्य रचनाओं में सदा से छान्दसिक रचनाओं की विशिष्ट महत्ता रही है. <br/><br/>आपके प्रश्न के उत्तर में मैं एक लिंक देता हूँ. आप उस लिंक पर मौज़ूद आलेख देख जायें. आपके प्रश्न का उत्तर मिल जायेगा. <br/><br/><a href="http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:Topic:506564" target="_blank">http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:Topic:506564</a><br/><br/>शुभ-शुभ<br/><br/></p> ये चौकल, अठकल क्या हुए ?
tag:openbooksonline.com,2014-10-15:5170231:Comment:5818932014-10-15T03:12:28.500ZManan Kumar singhhttp://openbooksonline.com/profile/MananKumarsingh
<p>ये चौकल, अठकल क्या हुए ?</p>
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<p>ये चौकल, अठकल क्या हुए ?</p>
<p></p> प्रस्तुत आलेख आप जैसे पाठकों…tag:openbooksonline.com,2014-05-21:5170231:Comment:5428032014-05-21T12:42:58.347ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>प्रस्तुत आलेख आप जैसे पाठकों के किसी काम आया, मेरे लिए यही पारितोषिक है. <br/>सादर आदरणीय<br/><br/></p>
<p>प्रस्तुत आलेख आप जैसे पाठकों के किसी काम आया, मेरे लिए यही पारितोषिक है. <br/>सादर आदरणीय<br/><br/></p> आदरणीय सौरभ जी
आपने चौपाई और…tag:openbooksonline.com,2014-05-21:5170231:Comment:5429202014-05-21T06:37:28.732Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आदरणीय सौरभ जी</p>
<p>आपने चौपाई और चौपई का अन्तर बहुत सलीके से समझाया i इसे लेकर लोगो में बड़ा भ्रम था i परन्तु आपका लेख पढ़कर भ्रम समाप्त हो जाता है</p>
<p>बहुत धन्यवाद i</p>
<p>आदरणीय सौरभ जी</p>
<p>आपने चौपाई और चौपई का अन्तर बहुत सलीके से समझाया i इसे लेकर लोगो में बड़ा भ्रम था i परन्तु आपका लेख पढ़कर भ्रम समाप्त हो जाता है</p>
<p>बहुत धन्यवाद i</p> सादर धन्यवाद, आदरणीया
tag:openbooksonline.com,2014-04-04:5170231:Comment:5277722014-04-04T09:12:58.677ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>सादर धन्यवाद, आदरणीया</p>
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<p>सादर धन्यवाद, आदरणीया</p>
<p></p> चौपई छंद पर, चौपाई छंद की तुल…tag:openbooksonline.com,2014-04-03:5170231:Comment:5275042014-04-03T15:54:18.734ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>चौपई छंद पर, चौपाई छंद की तुलनात्मकता के साथ सम्यक जानकारी साँझा करने के लिए धन्यवाद आ० सौरभ जी.. </p>
<p></p>
<p>यह छंद बालसाहित्य के लिए उपयोगी है, यह जानना रोचक है </p>
<p>सादर </p>
<p>चौपई छंद पर, चौपाई छंद की तुलनात्मकता के साथ सम्यक जानकारी साँझा करने के लिए धन्यवाद आ० सौरभ जी.. </p>
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<p>यह छंद बालसाहित्य के लिए उपयोगी है, यह जानना रोचक है </p>
<p>सादर </p> आदरणीय : Saurabh Pandey जी म…tag:openbooksonline.com,2014-04-02:5170231:Comment:5271792014-04-02T05:23:48.138ZAshish Srivastavahttp://openbooksonline.com/profile/AshishSrivastavaSagarSandhya
<p>आदरणीय : <a href="http://openbooksonline.com/group/chhand/forum/topic/listForContributor?user=2hgrsx5v453xn" style="font-size: 13px;">Saurabh Pandey</a> जी मैंने दोनों छंद पर पढ़ा और इस जानकारी से अभिभूत हूँ , </p>
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<p>रघुपति राघव राजाराम ..... हर घर में गया जाने ये पंक्तिया शायद इसी छंद पर है ... </p>
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<p>सादर </p>
<p>आदरणीय : <a href="http://openbooksonline.com/group/chhand/forum/topic/listForContributor?user=2hgrsx5v453xn" style="font-size: 13px;">Saurabh Pandey</a> जी मैंने दोनों छंद पर पढ़ा और इस जानकारी से अभिभूत हूँ , </p>
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<p>रघुपति राघव राजाराम ..... हर घर में गया जाने ये पंक्तिया शायद इसी छंद पर है ... </p>
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<p>सादर </p> आपने प्रतिक्रिया के तौर को छं…tag:openbooksonline.com,2014-04-01:5170231:Comment:5268752014-04-01T12:24:15.805ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपने प्रतिक्रिया के तौर को छंद रूप में प्रस्तुत किया है, इसके लिए हार्दिक धन्यवाद, भाईजी. <br></br><br></br>आपने मात्राओं की पकड़ ठीक रखी है. लेकिन तुकान्तता के प्रति ऐसी पकड़ नहीं रह पायी है.</p>
<p>दूसरे, छंद में <strong>भेद</strong> के साथ <strong>सचेत</strong> या साथ के साथ बात की तुकान्तता सटीक नहीं मानी जायेगी. ध्वन्यात्मक तुकान्तता का भी इतिहास रहा है. उद्भट्ट विद्वान कवियों ने ऐसी तुकान्तता को लेकर प्रयोग किये हैं. लेकिन हम सीखने के दौर में हैं, तो सीखने के समय हमारी पकड़ मज़बूत ही नहीं जबर्दस्त…</p>
<p>आपने प्रतिक्रिया के तौर को छंद रूप में प्रस्तुत किया है, इसके लिए हार्दिक धन्यवाद, भाईजी. <br/><br/>आपने मात्राओं की पकड़ ठीक रखी है. लेकिन तुकान्तता के प्रति ऐसी पकड़ नहीं रह पायी है.</p>
<p>दूसरे, छंद में <strong>भेद</strong> के साथ <strong>सचेत</strong> या साथ के साथ बात की तुकान्तता सटीक नहीं मानी जायेगी. ध्वन्यात्मक तुकान्तता का भी इतिहास रहा है. उद्भट्ट विद्वान कवियों ने ऐसी तुकान्तता को लेकर प्रयोग किये हैं. लेकिन हम सीखने के दौर में हैं, तो सीखने के समय हमारी पकड़ मज़बूत ही नहीं जबर्दस्त मज़बूत होनी चाहिये. <br/>इस हिसाब से छंदों में ऐसे प्रयोग न हों तो ही उचित.</p>
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<p>और पहले छंद में <strong>चौपाई ना आवे संत</strong> का क्या अर्थ हुआ ? यदि पद संप्रेषणीय नहीं हुए तो सारे प्रयास पर पानी-सा फिर जाता है.</p>
<p><br/>सादर<br/> </p>