ओपन बुक्स ऑनलाईन, लखनऊ चैप्टर समाचार - Open Books Online2024-03-29T14:11:18Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:544015?commentId=5170231%3AComment%3A544182&feed=yes&xn_auth=nobahut bahut badhai ho kunti j…tag:openbooksonline.com,2014-05-29:5170231:Comment:5451592014-05-29T11:49:52.529ZPRAMOD SRIVASTAVAhttp://openbooksonline.com/profile/PRAMODSRIVASTAVA
<p>bahut bahut badhai ho kunti ji.</p>
<p></p>
<p>bahut bahut badhai ho kunti ji.</p>
<p></p> आदरणीया कुंती मुखर्जी जी
सबसे…tag:openbooksonline.com,2014-05-26:5170231:Comment:5446322014-05-26T05:12:09.254ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
आदरणीया कुंती मुखर्जी जी<br />
सबसे पहले तो ओबीओ लखनऊ चैप्टर की पहली वर्षगाँठ पर सफल काव्य-आयोजन पर बहुत-बहुत बधाई.<br />
<br />
बहुत ही सान्द्र सुन्दर सार्थक रिपोर्ट प्रस्तुत हुई है.<br />
मुझे भी गत-वर्ष लखनऊ चैप्टर के तीन आयोजनों में शिरकत करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है..ओबीओ लखनऊ चैप्टर इस मंच की आभासी दुनिया की वास्तविक परिणति के रूप में मुझे बहुत आह्लादित करता है...<br />
<br />
आप सभी को पुनश्च बहुत बहुत शुभकामनाएं व इस रिपोर्ट के लिए धन्यवाद.
आदरणीया कुंती मुखर्जी जी<br />
सबसे पहले तो ओबीओ लखनऊ चैप्टर की पहली वर्षगाँठ पर सफल काव्य-आयोजन पर बहुत-बहुत बधाई.<br />
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बहुत ही सान्द्र सुन्दर सार्थक रिपोर्ट प्रस्तुत हुई है.<br />
मुझे भी गत-वर्ष लखनऊ चैप्टर के तीन आयोजनों में शिरकत करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है..ओबीओ लखनऊ चैप्टर इस मंच की आभासी दुनिया की वास्तविक परिणति के रूप में मुझे बहुत आह्लादित करता है...<br />
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आप सभी को पुनश्च बहुत बहुत शुभकामनाएं व इस रिपोर्ट के लिए धन्यवाद. आदरणीया कुन्तीजी, आपने आयोजन…tag:openbooksonline.com,2014-05-25:5170231:Comment:5445572014-05-25T20:30:35.810ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया कुन्तीजी, आपने आयोजन को शब्दों में समेट कर उसकी सुन्दर झांकी प्रस्तुत की है. एक तरह से आयोजन में सम्मिलित और व्यवहृत हर कुछ सिमट आया है जिसके होने से आयोजन की सार्थकता संभव हुई थी. <br/>इस तब्सिरा के लिए आपको सादर धन्यवाद तथा आयोजन से सम्बद्ध सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएँ. <br/>सादर<br/><br/></p>
<p>आदरणीया कुन्तीजी, आपने आयोजन को शब्दों में समेट कर उसकी सुन्दर झांकी प्रस्तुत की है. एक तरह से आयोजन में सम्मिलित और व्यवहृत हर कुछ सिमट आया है जिसके होने से आयोजन की सार्थकता संभव हुई थी. <br/>इस तब्सिरा के लिए आपको सादर धन्यवाद तथा आयोजन से सम्बद्ध सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएँ. <br/>सादर<br/><br/></p> आदरणीया कुंती जी
सुन्दर ब्रीफ…tag:openbooksonline.com,2014-05-25:5170231:Comment:5441822014-05-25T08:31:09.908Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आदरणीया कुंती जी</p>
<p>सुन्दर ब्रीफिंग के लिए बधाई i सादर i </p>
<p>आदरणीया कुंती जी</p>
<p>सुन्दर ब्रीफिंग के लिए बधाई i सादर i </p>