कुकुभ छन्द के मूलभूत सिद्धांत // - सौरभ - Open Books Online2024-03-29T07:53:17Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:613628?groupUrl=chhand&commentId=5170231%3AComment%3A616831&groupId=5170231%3AGroup%3A156482&feed=yes&xn_auth=noभाई महर्षिजी, कल रात १२ बजे स…tag:openbooksonline.com,2015-02-20:5170231:Comment:6196702015-02-20T13:50:29.834ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाई महर्षिजी, कल रात १२ बजे से ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का अंक ४६ प्रारम्भ हो चुका है. इस बार का छन्द कुकुभ ही है. आप आयोजन में शिरकत करें और प्रस्तुत हुई रचनाओं को देखें. इससे बढिया कार्यशाला और कहाँ या कैसी होगी ? <br></br>आपने अपना यही प्रश्न इस आयोजन में करें तो आपके माध्यम से बेहतर संवाद स्थापित होगा. ऐसे संवाद सार्थक परिचर्चा का कारण होते हैं. ऐसी परिचर्चाओं से अन्यान्य जिज्ञासु पाठकों को लाभ होता है. <br></br><br></br>आपको भी ज्ञात है, इस माह का छन्दोत्सव अंक ४६ शनिवार दिनांक २१ फरवरी की…</p>
<p>भाई महर्षिजी, कल रात १२ बजे से ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का अंक ४६ प्रारम्भ हो चुका है. इस बार का छन्द कुकुभ ही है. आप आयोजन में शिरकत करें और प्रस्तुत हुई रचनाओं को देखें. इससे बढिया कार्यशाला और कहाँ या कैसी होगी ? <br/>आपने अपना यही प्रश्न इस आयोजन में करें तो आपके माध्यम से बेहतर संवाद स्थापित होगा. ऐसे संवाद सार्थक परिचर्चा का कारण होते हैं. ऐसी परिचर्चाओं से अन्यान्य जिज्ञासु पाठकों को लाभ होता है. <br/><br/>आपको भी ज्ञात है, इस माह का छन्दोत्सव अंक ४६ शनिवार दिनांक २१ फरवरी की रात १२ को समाप्त होगा. <br/><br/>शुभेच्छाएँ. <br/><br/></p>
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<div style="display: none;" id="__hggasdgjhsagd_once"></div> आ.सौरभ जी कृपया आप मात्रा सहि…tag:openbooksonline.com,2015-02-20:5170231:Comment:6197312015-02-20T12:15:06.981Zmaharshi tripathihttp://openbooksonline.com/profile/maharshitripathi815
<p>आ.सौरभ जी कृपया आप मात्रा सहित छन्द का उदाहरण दे मुझे समझने में थोड़ी आसानी होगी | </p>
<p>आ.सौरभ जी कृपया आप मात्रा सहित छन्द का उदाहरण दे मुझे समझने में थोड़ी आसानी होगी | </p> यह एक शुभ संकेत है कि उदाहरण…tag:openbooksonline.com,2015-02-13:5170231:Comment:6167042015-02-13T17:35:57.031ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>यह एक शुभ संकेत है कि उदाहरण के तौर पर भाई राज बुन्देली की हालिया छन्द-रचना की गेयता पर मीमांसाएँ आ रही हैं. विश्वास है, इस बार के छन्दोत्सव में सुगढ़ रचनाओं से मन आह्लादित रहेगा. <br/><br/>सादर आभार आदरणीय अखिलेश भाईजी तथा आदरणीय गोपाल नारायनजी. <br/><br/></p>
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<p>यह एक शुभ संकेत है कि उदाहरण के तौर पर भाई राज बुन्देली की हालिया छन्द-रचना की गेयता पर मीमांसाएँ आ रही हैं. विश्वास है, इस बार के छन्दोत्सव में सुगढ़ रचनाओं से मन आह्लादित रहेगा. <br/><br/>सादर आभार आदरणीय अखिलेश भाईजी तथा आदरणीय गोपाल नारायनजी. <br/><br/></p>
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<div style="display: none;" id="__hggasdgjhsagd_once"></div> आदरणीय सौरभ जी
आपने जो उदहार…tag:openbooksonline.com,2015-02-13:5170231:Comment:6168312015-02-13T13:57:28.894Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आदरणीय सौरभ जी</p>
<p>आपने जो उदहारण दिया है उसकी अंतिम दो पंक्तियों में प्रवाह बाधित प्रतीत होता है i ये पंक्तिया क्रम परिवर्तन से निम्न प्रकार हो तो प्रवाह बाधित नहीं होगा-</p>
<p></p>
<p><span style="color: #000080;">किससे कहें वेदना मन की, भाग्य जगायें <font color="#000080">अब कैसे</font></span></p>
<p><span style="color: #000080;">अन्धकार के जंगल में हम, आग लगायें <font color="#000080">अब कैसे</font> ? </span></p>
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<p><span style="color: #000080;">आपका मार्ग दर्शन अपेक्षित है…</span></p>
<p>आदरणीय सौरभ जी</p>
<p>आपने जो उदहारण दिया है उसकी अंतिम दो पंक्तियों में प्रवाह बाधित प्रतीत होता है i ये पंक्तिया क्रम परिवर्तन से निम्न प्रकार हो तो प्रवाह बाधित नहीं होगा-</p>
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<p><span style="color: #000080;">किससे कहें वेदना मन की, भाग्य जगायें <font color="#000080">अब कैसे</font></span></p>
<p><span style="color: #000080;">अन्धकार के जंगल में हम, आग लगायें <font color="#000080">अब कैसे</font> ? </span></p>
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<p><span style="color: #000080;">आपका मार्ग दर्शन अपेक्षित है i सादर i</span></p> आदरणीय सौरभ भाईजी,
नित नये छ…tag:openbooksonline.com,2015-02-08:5170231:Comment:6154552015-02-08T13:20:14.390Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय सौरभ भाईजी, </p>
<p>नित नये छंदों से परिचय कराने के लिए हृदय से आभार। कुकुभ छंद के नियम भी सरल हैं , कहीं कोई घुमावदार ' गुगली ' नहीं ।</p>
<p><span>अंतिम पंक्ति में प्रवाह बाधक है। /// हम अन्धकार के जंगल में ,अब कैसे आग लगायें !! ///</span></p>
<p>सादर </p>
<p>आदरणीय सौरभ भाईजी, </p>
<p>नित नये छंदों से परिचय कराने के लिए हृदय से आभार। कुकुभ छंद के नियम भी सरल हैं , कहीं कोई घुमावदार ' गुगली ' नहीं ।</p>
<p><span>अंतिम पंक्ति में प्रवाह बाधक है। /// हम अन्धकार के जंगल में ,अब कैसे आग लगायें !! ///</span></p>
<p>सादर </p>