लघुकथा विधा पर योगराज प्रभाकर जी से बातचीत - Open Books Online2024-03-29T08:44:01Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:730015?commentId=5170231%3AComment%3A784985&x=1&feed=yes&xn_auth=noजो सवालात नहीं पूछे गए, वो आप…tag:openbooksonline.com,2016-07-19:5170231:Comment:7849852016-07-19T05:53:35.473Zयोगराज प्रभाकरhttp://openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
<p>जो सवालात नहीं पूछे गए, वो आप पूछें आ० समर कबीर साहिब। ख़ादिम जवाब देने की कोशिश करेगा</p>
<p>जो सवालात नहीं पूछे गए, वो आप पूछें आ० समर कबीर साहिब। ख़ादिम जवाब देने की कोशिश करेगा</p> जनाब योगराज प्रभाकर साहिब आदा…tag:openbooksonline.com,2016-07-08:5170231:Comment:7827542016-07-08T16:20:18.024ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब योगराज प्रभाकर साहिब आदाब,ये साक्षात्कार तो मेरे लिये वरदान की तरह है, आपकी इनायत से आज पढ़ने का मौक़ा मिला,आपके जवाबात से लघुकथा विधा के बारे में इतनी ढेर सारी मालूमात मुझे मयस्सर आईं, सलाम करता हूँ आपकी बे पनाह सलाहियतों को,और रश्मि जी को भी बधाई देता हूँ की उन्होंने एक अज़ीम शख्सियत से ये साक्षात्कार किया,कुछ अह्म सवालात ज़रूर छूट गये लेकिन जितने भी सवाल पूछे गये वो मेरे नसीब खोलने के लिये काफ़ी हैं,बहुत बहुत शुक्रिया ।
जनाब योगराज प्रभाकर साहिब आदाब,ये साक्षात्कार तो मेरे लिये वरदान की तरह है, आपकी इनायत से आज पढ़ने का मौक़ा मिला,आपके जवाबात से लघुकथा विधा के बारे में इतनी ढेर सारी मालूमात मुझे मयस्सर आईं, सलाम करता हूँ आपकी बे पनाह सलाहियतों को,और रश्मि जी को भी बधाई देता हूँ की उन्होंने एक अज़ीम शख्सियत से ये साक्षात्कार किया,कुछ अह्म सवालात ज़रूर छूट गये लेकिन जितने भी सवाल पूछे गये वो मेरे नसीब खोलने के लिये काफ़ी हैं,बहुत बहुत शुक्रिया । आद सौरभ सर, आप को यह साक्षात्…tag:openbooksonline.com,2016-02-16:5170231:Comment:7408652016-02-16T15:44:21.495Zrashmi tarikahttp://openbooksonline.com/profile/rashmitarika458
आद सौरभ सर, आप को यह साक्षात्कार पसंद आया ,उसके लिए दिल से शुक्रिया। इस मंच पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए अमूल्य निधि है।
आद सौरभ सर, आप को यह साक्षात्कार पसंद आया ,उसके लिए दिल से शुक्रिया। इस मंच पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए अमूल्य निधि है। कलम से उकेरे थे कुछ लफ़्ज़ मैने…tag:openbooksonline.com,2016-02-16:5170231:Comment:7409732016-02-16T14:46:36.259Zrashmi tarikahttp://openbooksonline.com/profile/rashmitarika458
कलम से उकेरे थे कुछ लफ़्ज़ मैनें कागज़ पर<br />
वो आपकी इनायत से मिसाल बन गए ...!<br />
सर, शुक्रगुज़ार मैं आपकी हूँ जो आपने इसे कलमबद्ध करने का मौका दिया।सादर।
कलम से उकेरे थे कुछ लफ़्ज़ मैनें कागज़ पर<br />
वो आपकी इनायत से मिसाल बन गए ...!<br />
सर, शुक्रगुज़ार मैं आपकी हूँ जो आपने इसे कलमबद्ध करने का मौका दिया।सादर। मैं केवल एक ज़रिया बनी हूँ इस…tag:openbooksonline.com,2016-02-16:5170231:Comment:7410332016-02-16T14:43:14.177Zrashmi tarikahttp://openbooksonline.com/profile/rashmitarika458
मैं केवल एक ज़रिया बनी हूँ इस विशिष्ट विधा की जानकारी जुटाने के लिए आद मिथिलेश जी। ओबीओ मंच का आभार जिन्होंने मुझे इस साक्षात्कार को प्रस्तुत करने का अवसर दिया।सादर।
मैं केवल एक ज़रिया बनी हूँ इस विशिष्ट विधा की जानकारी जुटाने के लिए आद मिथिलेश जी। ओबीओ मंच का आभार जिन्होंने मुझे इस साक्षात्कार को प्रस्तुत करने का अवसर दिया।सादर। आद सर , बड़े लोग और उनका कार्य…tag:openbooksonline.com,2016-02-16:5170231:Comment:7410312016-02-16T14:40:31.976Zrashmi tarikahttp://openbooksonline.com/profile/rashmitarika458
आद सर , बड़े लोग और उनका कार्य ,उनका व्यक्तित्व अनुकरणीय होता है।मुझे ख़ुशी है कि आद योगराज सर जी की विद्वता का परिचय न केवल मुझे मिला अपितु बाकी सब संगी साथियों को भी मिला। हृदय से आभारी हूँ आप सब की कि आप सब ने इस साक्षत्कार को पढ़कर इसे अमूल्य बना दिया।आभार।
आद सर , बड़े लोग और उनका कार्य ,उनका व्यक्तित्व अनुकरणीय होता है।मुझे ख़ुशी है कि आद योगराज सर जी की विद्वता का परिचय न केवल मुझे मिला अपितु बाकी सब संगी साथियों को भी मिला। हृदय से आभारी हूँ आप सब की कि आप सब ने इस साक्षत्कार को पढ़कर इसे अमूल्य बना दिया।आभार। आद सौरभ सर जी, यह तो मेरा सौभ…tag:openbooksonline.com,2016-02-16:5170231:Comment:7410292016-02-16T14:36:41.487Zrashmi tarikahttp://openbooksonline.com/profile/rashmitarika458
आद सौरभ सर जी, यह तो मेरा सौभाग्य है कि मुझे आद योगराज सर जी से अपने ही दिलो दिमाग में मंथन कर रहे लघु कथा से संबधित प्रश्नों के उत्तर जानने का अवसर मिला।माँ सरस्वती की अनुकम्पा से मेरे ज्ञान में भी वृद्धि हुई और पाठकों को भी जानने का अवसर मिला।इसके लिए मैं योगराज सर जी की बहुत आभारी हूँ।
आद सौरभ सर जी, यह तो मेरा सौभाग्य है कि मुझे आद योगराज सर जी से अपने ही दिलो दिमाग में मंथन कर रहे लघु कथा से संबधित प्रश्नों के उत्तर जानने का अवसर मिला।माँ सरस्वती की अनुकम्पा से मेरे ज्ञान में भी वृद्धि हुई और पाठकों को भी जानने का अवसर मिला।इसके लिए मैं योगराज सर जी की बहुत आभारी हूँ। एक अत्यंत संवेदनशील गद्य विधा…tag:openbooksonline.com,2016-02-16:5170231:Comment:7408612016-02-16T11:43:23.015ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>एक अत्यंत संवेदनशील गद्य विधा पर उत्कृष्ट संवादमाला ! वाह वाह !!</p>
<p></p>
<p>आदरणीय योगराज भाईजी के साथ विधा केन्द्रित ऐसी वार्तालापमाला इस मंच पर इस विधा के रचनाकर्मियों तथा सुधी पाठकों के लिए वरदान सदृश है. क्या कुछ नहीं पूछा गया है और क्या कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है !</p>
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<p>आदरणीया रश्मि जी के प्रश्नों से निस्सृत बल बहुआयामी होते हुए भी केन्द्राभिसारी (Centripetal) है. प्रश्नों की यही संकेन्द्रियता उनकी महत्ता को भी निर्धारित करती है. आदरणीय योगराज भाईजी ने जिस आत्मीयता से सोदाहरण…</p>
<p>एक अत्यंत संवेदनशील गद्य विधा पर उत्कृष्ट संवादमाला ! वाह वाह !!</p>
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<p>आदरणीय योगराज भाईजी के साथ विधा केन्द्रित ऐसी वार्तालापमाला इस मंच पर इस विधा के रचनाकर्मियों तथा सुधी पाठकों के लिए वरदान सदृश है. क्या कुछ नहीं पूछा गया है और क्या कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है !</p>
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<p>आदरणीया रश्मि जी के प्रश्नों से निस्सृत बल बहुआयामी होते हुए भी केन्द्राभिसारी (Centripetal) है. प्रश्नों की यही संकेन्द्रियता उनकी महत्ता को भी निर्धारित करती है. आदरणीय योगराज भाईजी ने जिस आत्मीयता से सोदाहरण उत्तर दिया है वह इस विधा पर उनकी गहरी पकड़ का भी परिचायक है. लघुकथाओं को लेकर उनकी न केवल विधाजन्य बल्कि सूचनात्मक जानकारियाँ भी विशद हैं. </p>
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<p>पुनः, इस विधा के रचनाकर्मियों केलिए इस मंच पर इस अत्यंत आवश्यक साक्षात्कार का होना, जहाँ पाठकों केलिए उपल्ब्धि है, मंच की गरिमा केलिए महत्त्वपूर्ण भी है. </p>
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<p>शुभेच्छाएँ </p>
<p></p> इस अमूल्य प्रस्तुति के लिए आभ…tag:openbooksonline.com,2016-02-13:5170231:Comment:7406132016-02-13T18:45:16.490Zsharadindu mukerjihttp://openbooksonline.com/profile/sharadindumukerji
इस अमूल्य प्रस्तुति के लिए आभार और अभिनंदन आदरणीया रश्मि जी. श्री प्रभाकर जी प्रतिष्ठित और सर्वजन प्रिय विद्वान हैं. उनसे पूछे गये प्रश्नों की गहराई तथा बुनावट आपकी साहित्यिक मानसिकता से सिक्त गम्भीर रुचि की परिचायक हैं. आदरणीय प्रभाकर जी के चमकप्रद उत्तर किसी भी नए पुराने रचनाकार के लिए मार्गदर्शक ही नहीं,शिक्षाप्रद भी हैं. एक साक्षात्कार को इस उच्च स्तर पर पहुँचाने के लिए आप दोनों का योगदान बहुत दिनों तक याद रहेगा. सादर.
इस अमूल्य प्रस्तुति के लिए आभार और अभिनंदन आदरणीया रश्मि जी. श्री प्रभाकर जी प्रतिष्ठित और सर्वजन प्रिय विद्वान हैं. उनसे पूछे गये प्रश्नों की गहराई तथा बुनावट आपकी साहित्यिक मानसिकता से सिक्त गम्भीर रुचि की परिचायक हैं. आदरणीय प्रभाकर जी के चमकप्रद उत्तर किसी भी नए पुराने रचनाकार के लिए मार्गदर्शक ही नहीं,शिक्षाप्रद भी हैं. एक साक्षात्कार को इस उच्च स्तर पर पहुँचाने के लिए आप दोनों का योगदान बहुत दिनों तक याद रहेगा. सादर. इस सार्थक चर्चा हेतु हार्दिक…tag:openbooksonline.com,2016-02-10:5170231:Comment:7394122016-02-10T19:39:02.805Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooksonline.com/profile/mw
<p>इस सार्थक चर्चा हेतु हार्दिक आभार आदरणीया रश्मि जी. लघुकथा जैसी विशिष्ट विधा पर कई तथ्य स्पष्ट हुए. हार्दिक आभार आदरणीय योगराज सर. नमन </p>
<p>इस सार्थक चर्चा हेतु हार्दिक आभार आदरणीया रश्मि जी. लघुकथा जैसी विशिष्ट विधा पर कई तथ्य स्पष्ट हुए. हार्दिक आभार आदरणीय योगराज सर. नमन </p>