ग़ज़ल-संक्षिप्त आधार जानकारी-7 - Open Books Online2024-03-28T15:45:41Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:75160?groupUrl=kaksha&commentId=5170231%3AComment%3A961334&x=1&feed=yes&xn_auth=noवाह , बेहतरीन जानकारी।tag:openbooksonline.com,2022-11-10:5170231:Comment:10930932022-11-10T07:26:06.468ZDevesh Kumarhttp://openbooksonline.com/profile/DeveshKumar
<p>वाह , बेहतरीन जानकारी।</p>
<p>वाह , बेहतरीन जानकारी।</p> बहुत अच्छी जानकारीtag:openbooksonline.com,2018-11-17:5170231:Comment:9613342018-11-17T04:43:56.374Zविनोद 'निर्भय'http://openbooksonline.com/profile/VinodNirbhay
<p>बहुत अच्छी जानकारी</p>
<p>बहुत अच्छी जानकारी</p> आदरणीय " तिलक जी" यह सब तो मे…tag:openbooksonline.com,2017-09-26:5170231:Comment:8846212017-09-26T14:56:02.804Zरोहित डोबरियाल "मल्हार"http://openbooksonline.com/profile/Rk78
<p>आदरणीय " तिलक जी" यह सब तो मेरे सर के ऊपर से गुजर गया....जैसे रुक्न , मुसम्मन, मुसद्दस, मुरब्बा जैसे शब्दों को समझना मेरे लिए आसान नहीं है कृपया कोई और तरीका है यह सब सीखने का</p>
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<p>आदरणीय " तिलक जी" यह सब तो मेरे सर के ऊपर से गुजर गया....जैसे रुक्न , मुसम्मन, मुसद्दस, मुरब्बा जैसे शब्दों को समझना मेरे लिए आसान नहीं है कृपया कोई और तरीका है यह सब सीखने का</p>
<p></p> सर.. ये तो बहुत ही बढियां है…tag:openbooksonline.com,2015-03-13:5170231:Comment:6300762015-03-13T04:26:26.571ZNidhi Agrawalhttp://openbooksonline.com/profile/MamtaAgrawalNidhi
<p>सर.. ये तो बहुत ही बढियां है .. बह्र पर इतनी स्पष्ट जानकारी कोई नहीं देता </p>
<p>सर.. ये तो बहुत ही बढियां है .. बह्र पर इतनी स्पष्ट जानकारी कोई नहीं देता </p> आदरणीय, आपने बहुत अच्छा बताया…tag:openbooksonline.com,2012-08-19:5170231:Comment:2617272012-08-19T06:50:09.726Zसूबे सिंह सुजानhttp://openbooksonline.com/profile/2fvsz8v20bb3q
<p>आदरणीय, आपने बहुत अच्छा बताया है।</p>
<p>आदरणीय, आपने बहुत अच्छा बताया है।</p>