कविता की विकास यात्रा : नयी कविता, गीत और नवगीत (भाग -२) // --सौरभ - Open Books Online2024-03-29T05:35:30Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:776692?commentId=5170231%3AComment%3A798307&feed=yes&xn_auth=noआदरणीय मिथिलेश जी, आपने इस आल…tag:openbooksonline.com,2016-09-06:5170231:Comment:7982242016-09-06T07:52:21.323ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय मिथिलेश जी, आपने इस आलेख का पुनः वाचन किया यह आश्वस्तिकारी है. </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p>
<p>आदरणीय मिथिलेश जी, आपने इस आलेख का पुनः वाचन किया यह आश्वस्तिकारी है. </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> आपका सादर धन्यवाद. समय दिया आ…tag:openbooksonline.com,2016-09-06:5170231:Comment:7983072016-09-06T07:51:35.089ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपका सादर धन्यवाद. समय दिया आपने यही कम बात नहीं है, आदरणीय तिलकराज जी. वर्ना ऐसे आलेखों को लेकर आज के साहित्यकर्मियों में बहुत उत्साह नहीं हुआ करता. आलेख ’लम्बा’ जो है ! हा हा हा.......</p>
<p>इस आलेख को आपके ही शहर भोपाल में आयोजित <strong>ओबीओ वार्षिकोत्सव</strong> के आयोजन के अवसर निस्सृत स्मारिका ’शब्द-शिल्पी’ में समुचित स्थान मिला है. </p>
<p>मुखर अनुमोदन केलिए सादर धन्यवाद.</p>
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<p>आपका सादर धन्यवाद. समय दिया आपने यही कम बात नहीं है, आदरणीय तिलकराज जी. वर्ना ऐसे आलेखों को लेकर आज के साहित्यकर्मियों में बहुत उत्साह नहीं हुआ करता. आलेख ’लम्बा’ जो है ! हा हा हा.......</p>
<p>इस आलेख को आपके ही शहर भोपाल में आयोजित <strong>ओबीओ वार्षिकोत्सव</strong> के आयोजन के अवसर निस्सृत स्मारिका ’शब्द-शिल्पी’ में समुचित स्थान मिला है. </p>
<p>मुखर अनुमोदन केलिए सादर धन्यवाद.</p>
<p></p> आदरणीय सौरभ सर, आलेख साझा करन…tag:openbooksonline.com,2016-09-03:5170231:Comment:7976702016-09-03T07:48:28.098Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooksonline.com/profile/mw
<p>आदरणीय सौरभ सर, आलेख साझा करने के लिए हार्दिक आभार. बहुत बहुत धन्यवाद </p>
<p>आदरणीय सौरभ सर, आलेख साझा करने के लिए हार्दिक आभार. बहुत बहुत धन्यवाद </p> आप तो समर्पित हो गये साहित्य…tag:openbooksonline.com,2016-06-27:5170231:Comment:7795792016-06-27T16:48:59.098ZTilak Raj Kapoorhttp://openbooksonline.com/profile/TilakRajKapoor
<p>आप तो समर्पित हो गये साहित्य को। आज की व्यस्तताओं के बीच इतना समय अध्ययन, शोध्ा व आलेख के लिये निकाल पाना सम्माननीय है। बधाई के पात्र हैं आप। </p>
<p>आप तो समर्पित हो गये साहित्य को। आज की व्यस्तताओं के बीच इतना समय अध्ययन, शोध्ा व आलेख के लिये निकाल पाना सम्माननीय है। बधाई के पात्र हैं आप। </p> आदरणीया कान्ताजी एवं आदरणीय अ…tag:openbooksonline.com,2016-06-21:5170231:Comment:7776892016-06-21T22:32:03.959ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया कान्ताजी एवं आदरणीय अशोक शर्माजी, आपने इस आलेख को देखा-पढ़ा, हार्दिक धन्यवाद.</p>
<p>क्या आपने इस आलेख के पहले भाग को पढ़ लिया है ?</p>
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<p>आदरणीया कान्ताजी एवं आदरणीय अशोक शर्माजी, आपने इस आलेख को देखा-पढ़ा, हार्दिक धन्यवाद.</p>
<p>क्या आपने इस आलेख के पहले भाग को पढ़ लिया है ?</p>
<p></p> विशिष्ट आलेख, सार्थक पोस्ट. आ…tag:openbooksonline.com,2016-06-21:5170231:Comment:7777362016-06-21T12:19:22.235Zअशोक शर्मा 'कटेठिया'http://openbooksonline.com/profile/1sbazzd2gyk9p
<p>विशिष्ट आलेख, सार्थक पोस्ट. आपको बहुत -बहुत धन्यवाद </p>
<p>विशिष्ट आलेख, सार्थक पोस्ट. आपको बहुत -बहुत धन्यवाद </p> नवगीत यथार्थबोध का मुखर पक्षध…tag:openbooksonline.com,2016-06-18:5170231:Comment:7767672016-06-18T03:59:18.944Zkanta royhttp://openbooksonline.com/profile/kantaroy
नवगीत यथार्थबोध का मुखर पक्षधर है । आजके मशीनी युग में जीते हुए मानव की ज़िन्दग़ी की लयात्मक प्रस्तुति हैं ये नवगीत । ------<br />
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नवगीत व्यक्ति की सामाजिक मोहभंगता की उपज हैं ।----------<br />
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सार्थक पोस्ट है यह ।<br />
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इस तरह के आलेख रचनाकर्मीयों के लिये धरोहर हुआ करती है ।नवगीत विकास व उसका मूल्यांकन को संदर्भित करती हुई बहुत ही उपयोगी आलेख की प्रस्तुति हुई है । यह आलेख नवगीत लेखन में कई भ्रामक परिस्थितियों से उबारने में मदद करेगी । आभार आपको इस आलेख को मंच पर प्रस्तुत करने के लिए । सादर
नवगीत यथार्थबोध का मुखर पक्षधर है । आजके मशीनी युग में जीते हुए मानव की ज़िन्दग़ी की लयात्मक प्रस्तुति हैं ये नवगीत । ------<br />
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नवगीत व्यक्ति की सामाजिक मोहभंगता की उपज हैं ।----------<br />
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सार्थक पोस्ट है यह ।<br />
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इस तरह के आलेख रचनाकर्मीयों के लिये धरोहर हुआ करती है ।नवगीत विकास व उसका मूल्यांकन को संदर्भित करती हुई बहुत ही उपयोगी आलेख की प्रस्तुति हुई है । यह आलेख नवगीत लेखन में कई भ्रामक परिस्थितियों से उबारने में मदद करेगी । आभार आपको इस आलेख को मंच पर प्रस्तुत करने के लिए । सादर