"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-53 (विषय अधिकार) - Open Books Online2024-03-29T14:18:31Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/53-3?commentId=5170231%3AComment%3A991836&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=no शुक्रिया बबीता जी
tag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9917332019-08-31T18:27:36.415Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p> शुक्रिया बबीता जी</p>
<p></p>
<p> शुक्रिया बबीता जी</p>
<p></p> शुक्रिया तेजवीर जीtag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9918412019-08-31T18:27:19.353Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p> शुक्रिया तेजवीर जी</p>
<p> शुक्रिया तेजवीर जी</p> हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप…tag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9917322019-08-31T18:26:57.839ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप्ता जी।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप्ता जी।</p> शुक्रिया विनय जी।
कहानी विषय…tag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9918402019-08-31T18:26:47.982Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p> शुक्रिया विनय जी।</p>
<p>कहानी विषय से अलग क़तई नहीं है। हमें किसी के बारे में निंदा करने का क्या अधिकार है। और क्या हमने अपने जीवन साथी को उतना ध्यान दिया है जितने की वो अधिकारी है।</p>
<p> शुक्रिया विनय जी।</p>
<p>कहानी विषय से अलग क़तई नहीं है। हमें किसी के बारे में निंदा करने का क्या अधिकार है। और क्या हमने अपने जीवन साथी को उतना ध्यान दिया है जितने की वो अधिकारी है।</p> शुक्रिया डॉ विजय
tag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9918392019-08-31T18:24:31.625Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>शुक्रिया डॉ विजय</p>
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<p>शुक्रिया डॉ विजय</p>
<p></p> शुक्रिया उस्मानी साहब
tag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9915932019-08-31T18:24:12.556Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>शुक्रिया उस्मानी साहब</p>
<p></p>
<p>शुक्रिया उस्मानी साहब</p>
<p></p> आदाब। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष…tag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9915922019-08-31T18:20:38.054ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विषयांतर्गत परिवेश और परिदृश्यों को शाब्दिक करती बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई जनाब मनन कुमार सिंह साहिब।</p>
<p>आदाब। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विषयांतर्गत परिवेश और परिदृश्यों को शाब्दिक करती बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई जनाब मनन कुमार सिंह साहिब।</p> आदाब। रचना की का अनुमोदन करती…tag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9916462019-08-31T18:16:17.452ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। रचना की का अनुमोदन करती बढ़िया टिप्पणी और मुझे प्रोत्साहित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीया बबीता गुप्ता जी।</p>
<p>आदाब। रचना की का अनुमोदन करती बढ़िया टिप्पणी और मुझे प्रोत्साहित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीया बबीता गुप्ता जी।</p> आदाब। रचना के मर्म पर.बढ़िया ट…tag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9915912019-08-31T18:14:08.884ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। रचना के मर्म पर.बढ़िया टिप्पणी और.मुझे प्रोत्साहित करने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अजय गुप्ता साहिब।</p>
<p>आदाब। रचना के मर्म पर.बढ़िया टिप्पणी और.मुझे प्रोत्साहित करने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अजय गुप्ता साहिब।</p> आदाब। रचना पर.समय देकर संबंधि…tag:openbooksonline.com,2019-08-31:5170231:Comment:9918382019-08-31T18:11:53.741ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। रचना पर.समय देकर संबंधित टिप्पणी और मुझे प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार जनाब ओमप्रकाश क्षत्रीय 'प्रकाश' साहब।</p>
<p>आदाब। रचना पर.समय देकर संबंधित टिप्पणी और मुझे प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार जनाब ओमप्रकाश क्षत्रीय 'प्रकाश' साहब।</p>