"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61 - Open Books Online2024-03-28T11:32:02Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/61?commentId=5170231%3AComment%3A680712&feed=yes&xn_auth=noगिरह का शेर ख़ास पसंद आया
सु…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6811612015-07-25T18:29:22.360ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>गिरह का शेर ख़ास पसंद आया </p>
<p>सुन्दर ग़ज़ल कही है </p>
<p>हार्दिक बधाई डॉ० नीरज शर्मा जी </p>
<p>गिरह का शेर ख़ास पसंद आया </p>
<p>सुन्दर ग़ज़ल कही है </p>
<p>हार्दिक बधाई डॉ० नीरज शर्मा जी </p> हर इंसाँ में होते हैं शैताँ भ…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6809922015-07-25T18:28:02.156ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p><span>हर इंसाँ में होते हैं शैताँ भी और फ़रिश्ते भी</span><br/><span>दिल को आज सुकून मिला जब शैताँ को नाकाम किया</span></p>
<p></p>
<p>बहुत सुन्दर </p>
<p>हार्दिक बधाई आ० शिज्जू जी </p>
<p><span>हर इंसाँ में होते हैं शैताँ भी और फ़रिश्ते भी</span><br/><span>दिल को आज सुकून मिला जब शैताँ को नाकाम किया</span></p>
<p></p>
<p>बहुत सुन्दर </p>
<p>हार्दिक बधाई आ० शिज्जू जी </p> जी हाँ. . कई त्रुटियां रह गईं…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6811602015-07-25T18:27:07.336Zshree suneelhttp://openbooksonline.com/profile/shreesuneel
जी हाँ. . कई त्रुटियां रह गईं हैं इस ग़ज़ल में भाई गणेश जी. दुरूस्त करने की कोशिश होगी.
जी हाँ. . कई त्रुटियां रह गईं हैं इस ग़ज़ल में भाई गणेश जी. दुरूस्त करने की कोशिश होगी. जनाब श्री सुनील जी,आदाब,ग़ज़ल म…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6810762015-07-25T18:26:35.586ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब श्री सुनील जी,आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
जनाब श्री सुनील जी,आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ । आंसू, सिसकी, आह, पुकारें सब क…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6812242015-07-25T18:25:15.086ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आंसू, सिसकी, आह, पुकारें सब को घोल के पी जाएँ</p>
<p>यूँ हमने जीना सीखा खुदकी हस्ती को जाम किया</p>
<p></p>
<p>गुलदस्ते में मुरझाये से फूल देख बोला माली</p>
<p>क्या मैंने आगाज़ किया था क्या तू ने अंजाम किया</p>
<p> </p>
<p>बहुत खूबसूरत '</p>
<p>हार्दिक बधाई आ० भुवन निस्तेज जी </p>
<p>आंसू, सिसकी, आह, पुकारें सब को घोल के पी जाएँ</p>
<p>यूँ हमने जीना सीखा खुदकी हस्ती को जाम किया</p>
<p></p>
<p>गुलदस्ते में मुरझाये से फूल देख बोला माली</p>
<p>क्या मैंने आगाज़ किया था क्या तू ने अंजाम किया</p>
<p> </p>
<p>बहुत खूबसूरत '</p>
<p>हार्दिक बधाई आ० भुवन निस्तेज जी </p> जनाब ई.गणेश जी "बाग़ी" जी,आदाब…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6809912015-07-25T18:24:57.439ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब ई.गणेश जी "बाग़ी" जी,आदाब,ये महज़ आपकी शंका मात्र है,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
जनाब ई.गणेश जी "बाग़ी" जी,आदाब,ये महज़ आपकी शंका मात्र है,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ । बहुत खूबसूरत मतला और शानदार ग…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6810752015-07-25T18:19:41.615ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>बहुत खूबसूरत मतला और शानदार गिरह </p>
<p></p>
<p>बहुत सुन्दर </p>
<p>हार्दिक बधाई आ० गिरिराज भंडारी जी </p>
<p>बहुत खूबसूरत मतला और शानदार गिरह </p>
<p></p>
<p>बहुत सुन्दर </p>
<p>हार्दिक बधाई आ० गिरिराज भंडारी जी </p> हिन्दू- मुस्लिम लड़ें तो रोटी…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6811582015-07-25T18:16:26.203ZDr.Prachi Singhhttp://openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>हिन्दू- मुस्लिम लड़ें तो रोटी सेंकें मुल्ला पंडित अपनी</p>
<p>मगर नवयुगी नयी सोच ने साजिश को नाकाम किया................नवयुगी नयी सोच को सलाम </p>
<p></p>
<p>सुन्दर ग़ज़ल कही है आ० आशुतोष जी </p>
<p>हार्दिक बधाई</p>
<p>हिन्दू- मुस्लिम लड़ें तो रोटी सेंकें मुल्ला पंडित अपनी</p>
<p>मगर नवयुगी नयी सोच ने साजिश को नाकाम किया................नवयुगी नयी सोच को सलाम </p>
<p></p>
<p>सुन्दर ग़ज़ल कही है आ० आशुतोष जी </p>
<p>हार्दिक बधाई</p> मोहतरमा डॉ नीरज शर्मा जी,आदाब…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6809902015-07-25T18:08:51.363ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
मोहतरमा डॉ नीरज शर्मा जी,आदाब,तरही मुशायरे की मेरी पसंदीदा ग़ज़लों आपकी ग़ज़ल भी शामिल है ,बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल से नवाज़ा है आपने,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।<br />
आपकी ग़ज़ल के दो मिसरों की तरफ़ तवज्जो दिलाना चाहता हूँ :-<br />
<br />
(1)"पहरे में रहकर दुनिया के, बस यादे अय्याम किया<br />
<br />
:- इस मिसरे में "यादे अय्याम किया" सही नहीं है ,याद-ए-अय्याम की जाती है ,किया नहीं जाता,यह मिसरा इस तरह दुरुस्त हो सकता है :-<br />
<br />
"पहरे में रहकर दुनिया के याद ग़म-ए-अय्याम किया"<br />
<br />
(2)"मज़हब , ज़ात ,ज़रायम से क्या, राम, ज़मानए-हाल…
मोहतरमा डॉ नीरज शर्मा जी,आदाब,तरही मुशायरे की मेरी पसंदीदा ग़ज़लों आपकी ग़ज़ल भी शामिल है ,बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल से नवाज़ा है आपने,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।<br />
आपकी ग़ज़ल के दो मिसरों की तरफ़ तवज्जो दिलाना चाहता हूँ :-<br />
<br />
(1)"पहरे में रहकर दुनिया के, बस यादे अय्याम किया<br />
<br />
:- इस मिसरे में "यादे अय्याम किया" सही नहीं है ,याद-ए-अय्याम की जाती है ,किया नहीं जाता,यह मिसरा इस तरह दुरुस्त हो सकता है :-<br />
<br />
"पहरे में रहकर दुनिया के याद ग़म-ए-अय्याम किया"<br />
<br />
(2)"मज़हब , ज़ात ,ज़रायम से क्या, राम, ज़मानए-हाल हुआ"<br />
<br />
:- इस मिसरे में "ज़मानए हाल" शब्द का 'ए' दब रहा है ,मिसरे का वज़्न इस तरह पूरा हो जाता है :-<br />
<br />
"मज़हब , ज़ात ,ज़रायम से क्या, राम, ज़माना हाल हुआ"<br />
<br />
इस लिहाज़ से "ज़माना-ए-हाल" की तरकीब ठीक नहीं है ,देख लीजियेगा ,कृपया अन्यथा न लें। समर साहब आपका शुक्रिया।
मैंने…tag:openbooksonline.com,2015-07-25:5170231:Comment:6810732015-07-25T17:44:16.783Zशिज्जु "शकूर"http://openbooksonline.com/profile/ShijjuS
समर साहब आपका शुक्रिया।<br />
मैंने पहले ही अपने कमेंट में कहा था कि इस बह्र में मैं सहज महसूस नहीं करता वैसे इस ग़ज़ल पर मैंने बहुत मेहनत की थी लेकिन स्तरीय नहीं बन पाई इसके लिए मैं सभी से क्षमा चाहता हूँ मैं इसे पोस्ट नहीं करना चाहता था
समर साहब आपका शुक्रिया।<br />
मैंने पहले ही अपने कमेंट में कहा था कि इस बह्र में मैं सहज महसूस नहीं करता वैसे इस ग़ज़ल पर मैंने बहुत मेहनत की थी लेकिन स्तरीय नहीं बन पाई इसके लिए मैं सभी से क्षमा चाहता हूँ मैं इसे पोस्ट नहीं करना चाहता था