ओबीओ ’चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 70 की समस्त रचनाएँ चिह्नित - Open Books Online2024-03-29T10:21:32Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/70-1?groupUrl=pop&feed=yes&xn_auth=noआ० सौरभ जी . लगता है मेरा अन्…tag:openbooksonline.com,2017-02-24:5170231:Comment:8385532017-02-24T08:52:12.238Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० सौरभ जी . लगता है मेरा अन्तश्चेतना में ही कोइ दोष है - एक कोशिश और करता हूँ -</p>
<p><font color="#FF0000"> </font><span style="color: #ff0000;">इस तपस्विनी का सुधारस पीता जातक सदाशय</span></p>
<p><span style="color: #ff0000;">व्यावहारिक शब्द अवश्य सही है . पर आपने रक्तांकित नहीं किया था इसलिए सुधार प्रस्तुत नहीं हुआ . अब सादर प्रस्तुत है-</span></p>
<p><span style="color: #ff0000;"><span style="color: #008000;">मायामय यह जीव गति निरख रहा शिशु ध्यान से…</span></span></p>
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<p>आ० सौरभ जी . लगता है मेरा अन्तश्चेतना में ही कोइ दोष है - एक कोशिश और करता हूँ -</p>
<p><font color="#FF0000"> </font><span style="color: #ff0000;">इस तपस्विनी का सुधारस पीता जातक सदाशय</span></p>
<p><span style="color: #ff0000;">व्यावहारिक शब्द अवश्य सही है . पर आपने रक्तांकित नहीं किया था इसलिए सुधार प्रस्तुत नहीं हुआ . अब सादर प्रस्तुत है-</span></p>
<p><span style="color: #ff0000;"><span style="color: #008000;">मायामय यह जीव गति निरख रहा शिशु ध्यान से</span></span></p>
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<p><span style="color: #ff0000;"><span style="color: #008000;">आपका बहुत बहुत आभार - आपकी कृपा से हम अपने दोष देख पाते हैं और उनके निराकरण का प्रयास करते है. -यही इस मंच की विशेषता है . -सचमुच,----------- बिन गुरु ज्ञान न होय -------------------सादर .</span></span></p> उत्साहवर्द्धन के लिए हार्दिक…tag:openbooksonline.com,2017-02-22:5170231:Comment:8381812017-02-22T15:52:17.733ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>उत्साहवर्द्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सुरेश कल्याण जी. </p>
<p>शुअ-शुभ</p>
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<p>उत्साहवर्द्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सुरेश कल्याण जी. </p>
<p>शुअ-शुभ</p>
<p></p> जी इसका भान हमें भी है आदरणीय…tag:openbooksonline.com,2017-02-22:5170231:Comment:8382212017-02-22T15:50:19.836ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>जी इसका भान हमें भी है आदरणीय सत्यनारायण जी. कि, आदरणीय अशोक भाई की रचना दीख नहीं है. लेकिन यह इस पेज की तकनीकी समस्या के कारण ही हुआ है. आप मेरी मानें आदरणीय सत्यनारायण जी, कि आ० अशोक जी की रचना वहीं है. </p>
<p>सादर</p>
<p>जी इसका भान हमें भी है आदरणीय सत्यनारायण जी. कि, आदरणीय अशोक भाई की रचना दीख नहीं है. लेकिन यह इस पेज की तकनीकी समस्या के कारण ही हुआ है. आप मेरी मानें आदरणीय सत्यनारायण जी, कि आ० अशोक जी की रचना वहीं है. </p>
<p>सादर</p> हार्दिक धन्यवाद आदरणीया राजेश…tag:openbooksonline.com,2017-02-22:5170231:Comment:8382172017-02-22T15:45:12.592ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>हार्दिक धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी</p>
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<p>हार्दिक धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी जी</p>
<p></p> आपकी प्रतिक्रिया अत्यंत उत्सा…tag:openbooksonline.com,2017-02-22:5170231:Comment:8381792017-02-22T15:44:37.236ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपकी प्रतिक्रिया अत्यंत उत्साहित कर रही है आदरणीया प्रतिभा जी. </p>
<p>इस बार का चित्र भाई गणेश जीके सौजन्य से प्राप्त हुआ था. </p>
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<p>आपकी प्रतिक्रिया अत्यंत उत्साहित कर रही है आदरणीया प्रतिभा जी. </p>
<p>इस बार का चित्र भाई गणेश जीके सौजन्य से प्राप्त हुआ था. </p>
<p></p> आप भी अपनी रचनाओं के साथ छंदो…tag:openbooksonline.com,2017-02-22:5170231:Comment:8380962017-02-22T15:42:18.518ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आप भी अपनी रचनाओं के साथ छंदोत्सव में सम्मिलित हों आदरणीय आलोक निगम जी. </p>
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<p>आप भी अपनी रचनाओं के साथ छंदोत्सव में सम्मिलित हों आदरणीय आलोक निगम जी. </p>
<p></p> आपका स्वागत है, आदरणीया सीमा…tag:openbooksonline.com,2017-02-22:5170231:Comment:8380942017-02-22T15:41:12.508ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपका स्वागत है, आदरणीया सीमा जी. रचनाकर्म को आवश्यक अध्ययन का संबल मिले तो रचनाएँ निखर कर प्रस्तुत होती हैं और पाठक भी भाव-भावनाओं की हुई शाब्दिकता से समृद्ध होते हैं. </p>
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<p>आपका स्वागत है, आदरणीया सीमा जी. रचनाकर्म को आवश्यक अध्ययन का संबल मिले तो रचनाएँ निखर कर प्रस्तुत होती हैं और पाठक भी भाव-भावनाओं की हुई शाब्दिकता से समृद्ध होते हैं. </p>
<p></p> जनाब तस्दीक अहमद साहब की रचना…tag:openbooksonline.com,2017-02-20:5170231:Comment:8378052017-02-20T08:59:41.814ZAlok nigamhttp://openbooksonline.com/profile/Aloknigam
जनाब तस्दीक अहमद साहब की रचना काफी अच्छी थी। जनाब अंतर मन से लिखते है। आदरणीय सौरभ जी को हार्दिक बधाई।
जनाब तस्दीक अहमद साहब की रचना काफी अच्छी थी। जनाब अंतर मन से लिखते है। आदरणीय सौरभ जी को हार्दिक बधाई। जी ! सादर प्रणाम, ओ बी ओ पर क…tag:openbooksonline.com,2017-02-20:5170231:Comment:8380222017-02-20T07:26:12.379ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>जी ! सादर प्रणाम, ओ बी ओ पर कम ही होता अन्य वेब साइट्स पर तो कई समस्याएँ और भी देखी गईं हैं. सादर.</p>
<p>जी ! सादर प्रणाम, ओ बी ओ पर कम ही होता अन्य वेब साइट्स पर तो कई समस्याएँ और भी देखी गईं हैं. सादर.</p> आदरनीय सौरभ भाई , त्वरित संकल…tag:openbooksonline.com,2017-02-19:5170231:Comment:8379332017-02-19T16:02:32.982Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरनीय सौरभ भाई , त्वरित संकलन प्रस्तुति के लिये आपका हार्दिक आभार , एक और सफल आयोजन के लिये सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाइयाँ ।</p>
<p>आदरनीय सौरभ भाई , त्वरित संकलन प्रस्तुति के लिये आपका हार्दिक आभार , एक और सफल आयोजन के लिये सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाइयाँ ।</p>