"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-89 - Open Books Online2024-03-28T13:51:21Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/89?commentId=5170231%3AComment%3A898581&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=noआदरणीय सलीम रजा जी बहुत-बहुत…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8989632017-11-25T18:01:02.787ZAmit Kumar "Amit"http://openbooksonline.com/profile/AmitKumar568
आदरणीय सलीम रजा जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपका इशारा समझ में आ गया
आदरणीय सलीम रजा जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपका इशारा समझ में आ गया आदरणीय जनाब समर कबीर जी आपकी…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8988872017-11-25T17:51:35.054ZAmit Kumar "Amit"http://openbooksonline.com/profile/AmitKumar568
आदरणीय जनाब समर कबीर जी आपकी सलाह सही है मैं आगे से ध्यान रखूंगा हौसला अफजाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया
आदरणीय जनाब समर कबीर जी आपकी सलाह सही है मैं आगे से ध्यान रखूंगा हौसला अफजाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया आ. भाई अजय जी, स्नेहाशीष के ल…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8989622017-11-25T17:42:26.491Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अजय जी, स्नेहाशीष के लिए धन्यवाद ।</p>
<p>आ. भाई अजय जी, स्नेहाशीष के लिए धन्यवाद ।</p> आ. भाई समर जी, अभिवादन । उपस्…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8988862017-11-25T17:40:40.568Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई समर जी, अभिवादन । उपस्थिति और प्रशंसा से गजल का मान बढ़ने के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई समर जी, अभिवादन । उपस्थिति और प्रशंसा से गजल का मान बढ़ने के लिए आभार ।</p> जनाब तस्दीक़ साहिब,"ग़मीं"शब्द…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8989612017-11-25T16:55:27.593ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब तस्दीक़ साहिब,"ग़मीं"शब्द तो मिल गया,जो सही है,लेकिन 'ज़ेरे नगीं'बहुत तलाश के बाद भी नहीं मिला, ख़ैर ।<br />
एक बात आपसे ये कहना चाहता हूँ कि नए क़ाफिये लेने के चक्कर में शैर में सिर्फ़ क़ाफिये ही चमक रहे हैं,मफ़हूम और शिल्प कमज़ोर हैं,और ये बात आप तस्लीम करने को तैयार नहीं होंगे ।
जनाब तस्दीक़ साहिब,"ग़मीं"शब्द तो मिल गया,जो सही है,लेकिन 'ज़ेरे नगीं'बहुत तलाश के बाद भी नहीं मिला, ख़ैर ।<br />
एक बात आपसे ये कहना चाहता हूँ कि नए क़ाफिये लेने के चक्कर में शैर में सिर्फ़ क़ाफिये ही चमक रहे हैं,मफ़हूम और शिल्प कमज़ोर हैं,और ये बात आप तस्लीम करने को तैयार नहीं होंगे । आदरणीय लक्ष्मण जी,
खूबसूरत ग़ज़…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8989602017-11-25T16:52:31.772ZAjay Tiwarihttp://openbooksonline.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी,</p>
<p>खूबसूरत ग़ज़ल हुई है. हार्दिक शुभकामनाएं.</p>
<p>सादर </p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी,</p>
<p>खूबसूरत ग़ज़ल हुई है. हार्दिक शुभकामनाएं.</p>
<p>सादर </p> आ. भाई आरिफ जी, इस स्नेह व मा…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8990392017-11-25T16:45:57.334Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई आरिफ जी, इस स्नेह व मान के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई आरिफ जी, इस स्नेह व मान के लिए आभार ।</p> जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब,बहु…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8991162017-11-25T16:44:48.349ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब,बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब,बहुत उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ । आदरणीय लक्ष्मण जी,
आपकी उत्सा…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8989592017-11-25T16:44:20.794ZAjay Tiwarihttp://openbooksonline.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी,</p>
<p>आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद.</p>
<p>सादर </p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी,</p>
<p>आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद.</p>
<p>सादर </p> हार्दिक आभार आ. लक्ष्मण धामी…tag:openbooksonline.com,2017-11-25:5170231:Comment:8988852017-11-25T16:40:37.440ZMahendra Kumarhttp://openbooksonline.com/profile/Mahendra
<p>हार्दिक आभार आ. लक्ष्मण धामी जी. बहुत-बहुत शुक्रिया. सादर.</p>
<p>हार्दिक आभार आ. लक्ष्मण धामी जी. बहुत-बहुत शुक्रिया. सादर.</p>