"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-95 - Open Books Online2024-03-28T22:17:15Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/95-1?xg_source=activity&id=5170231%3ATopic%3A948122&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ लाइव महाउत्सव" अंक-95 क…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9488882018-09-15T18:29:43.896ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>"ओबीओ लाइव महाउत्सव" अंक-95 को सफ़ल बनाने के लिए सभी रचनाकरों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p>
<p>"ओबीओ लाइव महाउत्सव" अंक-95 को सफ़ल बनाने के लिए सभी रचनाकरों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p> मेरी रचनाओं पर सदैव पर्याप्त…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9490822018-09-15T18:25:48.724ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी रचनाओं पर सदैव पर्याप्त समय देकर मर्म तक जाकर, विस्तृत टिपप्णियां कर अपने विचारों और इस्लाह से आपने मुझे प्रोत्साहित किया है। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <em><strong>मोह़म्मद आरिफ़</strong> </em>साहिब।</p>
<p>मेरी रचनाओं पर सदैव पर्याप्त समय देकर मर्म तक जाकर, विस्तृत टिपप्णियां कर अपने विचारों और इस्लाह से आपने मुझे प्रोत्साहित किया है। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <em><strong>मोह़म्मद आरिफ़</strong> </em>साहिब।</p> रचना के आरंभिक भाग में //दो त…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9490812018-09-15T18:23:08.669ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>रचना के आरंभिक भाग में //<span><strong>दो तन-मन में.</strong>.// से <em><strong>पति-पत्नी</strong> </em>से आशय है, क्या यह स्पष्ट लिखना, सुधार करना ज़रूरी है वहां? मार्गदर्शन निवेदित।</span></p>
<p>रचना के आरंभिक भाग में //<span><strong>दो तन-मन में.</strong>.// से <em><strong>पति-पत्नी</strong> </em>से आशय है, क्या यह स्पष्ट लिखना, सुधार करना ज़रूरी है वहां? मार्गदर्शन निवेदित।</span></p> आदरणीय शेख शहजाद भाई
बहुत…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9488022018-09-15T18:19:45.204Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय शेख शहजाद भाई</p>
<p>बहुत सुंदर , पूरी बात कह दी इस रचना में, हार्दिक बधाई</p>
<p>आदरणीय शेख शहजाद भाई</p>
<p>बहुत सुंदर , पूरी बात कह दी इस रचना में, हार्दिक बधाई</p> रचना पर समय देकर मुझे प्रोत्स…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9489852018-09-15T18:19:22.441ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>रचना पर समय देकर मुझे प्रोत्साहित करने हेतु सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय <span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/forum/topic/listForContributor?user=3qej5g6tg3m1o" class="fn url">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</a><span> साहिबा।</span></p>
<p>रचना पर समय देकर मुझे प्रोत्साहित करने हेतु सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय <span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/forum/topic/listForContributor?user=3qej5g6tg3m1o" class="fn url">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</a><span> साहिबा।</span></p> हमारी रचनाओं पर आप सुधीजन की…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9488012018-09-15T18:17:38.915ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>हमारी रचनाओं पर आप सुधीजन की उपस्थिति और यूं हमारी हौसला अफ़ज़ाई हमें लेखन करते रहने और अच्छा लिखने को प्रेरित करती है। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया <em><strong>प्रतिभा पाण्डेय</strong></em> साहिबा।</p>
<p>हमारी रचनाओं पर आप सुधीजन की उपस्थिति और यूं हमारी हौसला अफ़ज़ाई हमें लेखन करते रहने और अच्छा लिखने को प्रेरित करती है। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया <em><strong>प्रतिभा पाण्डेय</strong></em> साहिबा।</p> अबोध बचपन से सुबोध और ढलती उम…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9489842018-09-15T18:14:42.087ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p style="text-align: left;">अबोध बचपन से सुबोध और ढलती उम्र के बचपन तक के संस्मरण व अनुभवों की बेहतरीन चौपाई छंदमाला हेतु सादर हार्दिक बधाई और आभार आदरणीय <strong>अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव</strong> साहिब।<span>इस आयोजन में अतुकांत/छंदमुक्त रचनाओं के बीच आपकी संयत व सटीक रचना ने आयोजन को सार्थक रंग प्रदान किये हैं। </span></p>
<p style="text-align: left;">अबोध बचपन से सुबोध और ढलती उम्र के बचपन तक के संस्मरण व अनुभवों की बेहतरीन चौपाई छंदमाला हेतु सादर हार्दिक बधाई और आभार आदरणीय <strong>अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव</strong> साहिब।<span>इस आयोजन में अतुकांत/छंदमुक्त रचनाओं के बीच आपकी संयत व सटीक रचना ने आयोजन को सार्थक रंग प्रदान किये हैं। </span></p> आपकी उपस्थिति और अनुमोदन हमार…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9488002018-09-15T18:10:09.832ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आपकी उपस्थिति और अनुमोदन हमारे लिए बहुत अहम और प्रोत्साहक है। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <em><strong>समर कबीर</strong> </em>साहिब।</p>
<p>आपकी उपस्थिति और अनुमोदन हमारे लिए बहुत अहम और प्रोत्साहक है। तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <em><strong>समर कबीर</strong> </em>साहिब।</p> मेरी रचना पर उपस्थित होकर पहल…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9487992018-09-15T18:08:04.687ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी रचना पर उपस्थित होकर पहली व अहम प्रतिक्रिया रूप में अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <strong>डॉ. छोटे लाल सिंह</strong> साहिब।</p>
<p>मेरी रचना पर उपस्थित होकर पहली व अहम प्रतिक्रिया रूप में अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब <strong>डॉ. छोटे लाल सिंह</strong> साहिब।</p> शेख उस्मानी साहब, हौसला अफ़ज़ाई…tag:openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9489832018-09-15T18:06:35.721ZManjeet kaurhttp://openbooksonline.com/profile/Manjeetkaur
शेख उस्मानी साहब, हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया
शेख उस्मानी साहब, हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया