"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-96 - Open Books Online2024-03-28T15:18:59Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/96?commentId=5170231%3AComment%3A936703&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=noओबीओ लाइव तरही मुशायरा अंक-96…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9372872018-06-28T18:29:10.767ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>ओबीओ लाइव तरही मुशायरा अंक-96 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का ह्रदय से आभर व धन्यवाद ।</p>
<p>ओबीओ लाइव तरही मुशायरा अंक-96 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का ह्रदय से आभर व धन्यवाद ।</p> 2122 1212 22
दोस्त दौलत भले…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9372842018-06-28T18:27:13.110Zsurender insanhttp://openbooksonline.com/profile/surenderinsan
<ul>
<li>2122 1212 22</li>
<li>दोस्त दौलत भले कमानी है।</li>
<li>पर न इज्ज़त कभी गँवानी है।।</li>
<li>ये ज़माना रखे हमेशा याद।</li>
<li>इस तरह ज़िन्दगी बितानी है।।</li>
<li>ज़ह्र को ज़ह्र मारता अक्सर।</li>
<li>ये कहावत बहुत पुरानी है।।</li>
<li>गर मिले वक़्त तो मिलो मुझको।</li>
<li>बात दिल की तुम्हें बतानी है।।</li>
<li>क्या करें आप ही बताये अब।</li>
<li>"रात है नींद है कहानी है "</li>
<li>छोड़ कर सब यही हमें जाना।</li>
<li>बस ये इंसान की कहानी है।।</li>
<li>मौलिक व अप्रकाशित</li>
</ul>
<ul>
<li>2122 1212 22</li>
<li>दोस्त दौलत भले कमानी है।</li>
<li>पर न इज्ज़त कभी गँवानी है।।</li>
<li>ये ज़माना रखे हमेशा याद।</li>
<li>इस तरह ज़िन्दगी बितानी है।।</li>
<li>ज़ह्र को ज़ह्र मारता अक्सर।</li>
<li>ये कहावत बहुत पुरानी है।।</li>
<li>गर मिले वक़्त तो मिलो मुझको।</li>
<li>बात दिल की तुम्हें बतानी है।।</li>
<li>क्या करें आप ही बताये अब।</li>
<li>"रात है नींद है कहानी है "</li>
<li>छोड़ कर सब यही हमें जाना।</li>
<li>बस ये इंसान की कहानी है।।</li>
<li>मौलिक व अप्रकाशित</li>
</ul> जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी साहि…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9372002018-06-28T18:25:51.750ZAfroz 'sahr'http://openbooksonline.com/profile/Afrozsahr
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब ग़जल में शिरकत और सुख़न नवाज़ी पर आपका ममनून ओ मश्कूर हूँ।</p>
<p>जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब ग़जल में शिरकत और सुख़न नवाज़ी पर आपका ममनून ओ मश्कूर हूँ।</p> मुहतरमा अंजली गुप्ता साहिबा स…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9373082018-06-28T18:23:07.284ZAfroz 'sahr'http://openbooksonline.com/profile/Afrozsahr
<p>मुहतरमा अंजली गुप्ता साहिबा सुख़न नवाज़ी पर आपका मशकूर हूँ,,,</p>
<p>मुहतरमा अंजली गुप्ता साहिबा सुख़न नवाज़ी पर आपका मशकूर हूँ,,,</p> कोई बात नहीं ।tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9371992018-06-28T18:13:26.842ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>कोई बात नहीं ।</p>
<p>कोई बात नहीं ।</p> जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9372822018-06-28T18:11:43.973ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल बहुत देर बाद पोस्ट की आपने?क्यों हमारी परिक्षा लेते हो भाई ।</p>
<p>उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>
<p>छटे शैर के ऊला में 'देखा' को "देखी" कर लें ।</p>
<p>आठवें के ऊला में 'भूँख' को "भूख" कर लें,बार बार बताने पर भी आप भूँख ही लिखते हैं?</p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल बहुत देर बाद पोस्ट की आपने?क्यों हमारी परिक्षा लेते हो भाई ।</p>
<p>उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>
<p>छटे शैर के ऊला में 'देखा' को "देखी" कर लें ।</p>
<p>आठवें के ऊला में 'भूँख' को "भूख" कर लें,बार बार बताने पर भी आप भूँख ही लिखते हैं?</p> आदरणीय , आदाब ,कहीं बाहर गई ह…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9373072018-06-28T18:10:41.668ZManjeet kaurhttp://openbooksonline.com/profile/Manjeetkaur
आदरणीय , आदाब ,कहीं बाहर गई हुई थी ,बस यही देरी का कारण है।आप की हौसला अफ़ज़ाई का शुक्रिया।
आदरणीय , आदाब ,कहीं बाहर गई हुई थी ,बस यही देरी का कारण है।आप की हौसला अफ़ज़ाई का शुक्रिया। मुहतरमा मंजीत कौर जी आदाब, बह…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9370052018-06-28T18:01:47.530ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा मंजीत कौर जी आदाब, बहुत देर बाद ग़ज़ल पोस्ट की आपने?</p>
<p>उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>
<p></p>
<p>मुहतरमा मंजीत कौर जी आदाब, बहुत देर बाद ग़ज़ल पोस्ट की आपने?</p>
<p>उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>
<p></p> जाने क्यूं इश्क़ विश्क कर बैठ…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9370972018-06-28T17:58:18.353Zनादिर ख़ानhttp://openbooksonline.com/profile/Nadir
<p>जाने क्यूं इश्क़ विश्क कर बैठे,<span> </span><br/>जानते थे कि दुनिया फ़ानी है । लाजवाब शेर </p>
<p></p>
<p>एक बस तू नहीं है पहलू में,<br/>"रात है नींद है कहानी है ।"शानदार गिरः </p>
<p></p>
<p>चाँद, सूरज, घटा, तेरी सूरत,<br/>कितने रंगों की ये कहानी है ।...बहुत मुबारकबाद आदरणीय नागाइच रोशन साहब उम्दा पेशकश .....</p>
<p>जाने क्यूं इश्क़ विश्क कर बैठे,<span> </span><br/>जानते थे कि दुनिया फ़ानी है । लाजवाब शेर </p>
<p></p>
<p>एक बस तू नहीं है पहलू में,<br/>"रात है नींद है कहानी है ।"शानदार गिरः </p>
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<p>चाँद, सूरज, घटा, तेरी सूरत,<br/>कितने रंगों की ये कहानी है ।...बहुत मुबारकबाद आदरणीय नागाइच रोशन साहब उम्दा पेशकश .....</p> 2122 1212 22 तेरी खुशबू तो…tag:openbooksonline.com,2018-06-28:5170231:Comment:9370022018-06-28T17:47:32.380ZNaveen Mani Tripathihttp://openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p dir="ltr"><a>2122 1212 22</a><br></br> तेरी खुशबू तो जाफ़रानी है ।<br></br> सांस थम थम के आनी जानी है ।।</p>
<p dir="ltr">होश में ही नहीं कदम उनके ।<br></br> बेख़ुदी में ढली जवानी है ।।</p>
<p dir="ltr">आज साकी तो मिह्रबां होगा ।<br></br> तिश्नगी आपकी पुरानी है ।।</p>
<p dir="ltr">भूल पाएंगे आप कब मुझको ।<br></br> आपके पास कुछ निशानी है ।।</p>
<p dir="ltr">कुछ असर हो गया मुहब्बत का ।<br></br> उसका लहज़ा तो पानी पानी है ।।</p>
<p dir="ltr">जब से देखा है हुस्न की फितरत ।…<br></br></p>
<p dir="ltr"><a>2122 1212 22</a><br/> तेरी खुशबू तो जाफ़रानी है ।<br/> सांस थम थम के आनी जानी है ।।</p>
<p dir="ltr">होश में ही नहीं कदम उनके ।<br/> बेख़ुदी में ढली जवानी है ।।</p>
<p dir="ltr">आज साकी तो मिह्रबां होगा ।<br/> तिश्नगी आपकी पुरानी है ।।</p>
<p dir="ltr">भूल पाएंगे आप कब मुझको ।<br/> आपके पास कुछ निशानी है ।।</p>
<p dir="ltr">कुछ असर हो गया मुहब्बत का ।<br/> उसका लहज़ा तो पानी पानी है ।।</p>
<p dir="ltr">जब से देखा है हुस्न की फितरत ।<br/> इश्क में आ गयी रवानी है ।।</p>
<p dir="ltr">पाँव उनके जमीं से गायब हैं ।<br/> आजकल बात आसमानी है ।।</p>
<p dir="ltr">ढक रहे लोग भूँख की इज़्ज़त ।<br/> आज घर घर की ये कहानी है ।।</p>
<p dir="ltr">और क्या होगा पास में उसके ।<br/> रात है नींद है कहानी है।।</p>
<p dir="ltr"> नवीन<br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/></p>
<p dir="ltr"><a>2122 1212 22</a><br/> तेरी खुशबू तो जाफ़रानी है ।<br/> सांस थम थम के आनी जानी है ।।</p>
<p dir="ltr">होश में ही नहीं कदम उनके ।<br/> बेख़ुदी में ढली जवानी है ।।</p>
<p dir="ltr">आज साकी तो मिह्रबां होगा ।<br/> तिश्नगी आपकी पुरानी है ।।</p>
<p dir="ltr">भूल पाएंगे आप कब मुझको ।<br/> आपके पास कुछ निशानी है ।।</p>
<p dir="ltr">कुछ असर हो गया मुहब्बत का ।<br/> उसका लहज़ा तो पानी पानी है ।।</p>
<p dir="ltr">जब से देखा है हुस्न की फितरत ।<br/> इश्क में आ गयी रवानी है ।।</p>
<p dir="ltr">पाँव उनके जमीं से गायब हैं ।<br/> आजकल बात आसमानी है ।।</p>
<p dir="ltr">ढक रहे लोग भूँख की इज़्ज़त ।<br/> आज घर घर की ये कहानी है ।।</p>
<p dir="ltr">और क्या होगा पास में उसके ।<br/> रात है नींद है कहानी है।।</p>
<p dir="ltr"> नवीन<br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/></p>
<p dir="ltr"><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/><br/></p>