"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-99 - Open Books Online2024-03-29T16:03:08Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/99-1?commentId=5170231%3AComment%3A968993&feed=yes&xn_auth=noउसकी आकांक्षाओं पर पाबंदी उस…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9697162019-01-12T18:30:07.650Zनादिर ख़ानhttp://openbooksonline.com/profile/Nadir
<p><span>उसकी आकांक्षाओं पर </span><br/><span>पाबंदी </span><br/><span>उसकी खुराक पर </span><br/><span>पाबंदी </span><br/><span>उसकी हसरतों का प्रतिरोध </span><br/><span>कब एक जीता जागता </span><br/><span>ज़िस्म </span><br/><span>बोनसाई बन कर</span><br/><span>ड्राइंगरूम में आ गया </span><br/><span>पता ही नहीं चला...</span></p>
<p>बहुत ही गहरी बात कही आपने .. उत्तम रचना कर्म हेतु बधाई</p>
<p><span>उसकी आकांक्षाओं पर </span><br/><span>पाबंदी </span><br/><span>उसकी खुराक पर </span><br/><span>पाबंदी </span><br/><span>उसकी हसरतों का प्रतिरोध </span><br/><span>कब एक जीता जागता </span><br/><span>ज़िस्म </span><br/><span>बोनसाई बन कर</span><br/><span>ड्राइंगरूम में आ गया </span><br/><span>पता ही नहीं चला...</span></p>
<p>बहुत ही गहरी बात कही आपने .. उत्तम रचना कर्म हेतु बधाई</p> आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी साहब…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9695652019-01-12T18:29:39.272ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी साहब सादर, प्रस्तुति को सराहने केलिए आपका अतिशय आभार. सादर. </p>
<p>आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी साहब सादर, प्रस्तुति को सराहने केलिए आपका अतिशय आभार. सादर. </p> आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9694922019-01-12T18:28:52.392ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदयातल से आभार. सादर. </p>
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदयातल से आभार. सादर. </p> आदरणीय दयाराम मेठानी साहब साद…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9695642019-01-12T18:27:53.327ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय दयाराम मेठानी साहब सादर, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका अतिशय आभार. सादर. </p>
<p>आदरणीय दयाराम मेठानी साहब सादर, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका अतिशय आभार. सादर. </p> आदरणीय महेन्द्र कुमार जी सादर…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9697152019-01-12T18:26:59.496ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय महेन्द्र कुमार जी सादर, अवश्य ही कुछ कमी रही होगी. सुधार की कोशिश रहेगी. प्रस्तुति पर उपस्थिति और अपने विचारों से अवगत कराने के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर. </p>
<p>आदरणीय महेन्द्र कुमार जी सादर, अवश्य ही कुछ कमी रही होगी. सुधार की कोशिश रहेगी. प्रस्तुति पर उपस्थिति और अपने विचारों से अवगत कराने के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर. </p> आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्त…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9696322019-01-12T18:24:33.832ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, आपकी सुंदर प्रतिक्रिया पाकर रचनाकर्म सार्थक हुआ. हार्दिक आभार. सादर. </p>
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, आपकी सुंदर प्रतिक्रिया पाकर रचनाकर्म सार्थक हुआ. हार्दिक आभार. सादर. </p> आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9695632019-01-12T18:23:38.652ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत छंदों को सराहने केलिए आपका हृदयातल से आभार. सादर.</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत छंदों को सराहने केलिए आपका हृदयातल से आभार. सादर.</p> आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह जी सा…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9694912019-01-12T18:22:52.830ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह जी सादर, प्रस्तुति को सराहने केलिए आपका अतिशय आभार. सादर. </p>
<p>आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह जी सादर, प्रस्तुति को सराहने केलिए आपका अतिशय आभार. सादर. </p> आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्त…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9695622019-01-12T18:19:38.996ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर नमस्कार, प्रदत्त विषय पर सुंदर रचनाएं की हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. फिरभी</p>
<p>ऐसा प्रतीत होता है रचनाएं झटपट रची गईं हैं. </p>
<p> कुण्डलिया छंद में हिंदी व्याकरण का सही पालन नहीं दिख रहा है. फिर 'खूब सताए' से प्रारम्भ कर इसे 'खूब सताई' पर समाप्त किया गया है. शायद टंकण त्रुटि हो. देख लें. फिरभी यहाँ यह चरण // खूब सताया मर्द ने// होता तो वह व्याकरण सम्मत होता. </p>
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<p>प्रथम और द्वितीय दोहा नेताओं की आदत प्रतिरोध की सजगता पर सुंदर…</p>
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर नमस्कार, प्रदत्त विषय पर सुंदर रचनाएं की हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. फिरभी</p>
<p>ऐसा प्रतीत होता है रचनाएं झटपट रची गईं हैं. </p>
<p> कुण्डलिया छंद में हिंदी व्याकरण का सही पालन नहीं दिख रहा है. फिर 'खूब सताए' से प्रारम्भ कर इसे 'खूब सताई' पर समाप्त किया गया है. शायद टंकण त्रुटि हो. देख लें. फिरभी यहाँ यह चरण // खूब सताया मर्द ने// होता तो वह व्याकरण सम्मत होता. </p>
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<p>प्रथम और द्वितीय दोहा नेताओं की आदत प्रतिरोध की सजगता पर सुंदर रचे हैं आपने. किन्तु तीसरे दोहे के दोनों की विषम चरणों का प्रारम्भ ठीक नहीं है. प्रथम चरण जहाँ पञ्चकल से प्रारम्भ हो रहा है तो तृतीय चरण "जगण" से. दोनों ही उचित नहीं है. तुक पर भ गुणीजनों का कहना उचित ही है. क्योंकि यहाँ समान्तता ही दिख रही है. तुकांतता नहीं. </p>
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<p>फ़िल्मी छंद तो मैं पहली ही बार पढ़ रहा हूँ. यदि इसका शिल्प भी लिखा होता तो शायद कुछ अधिक समझ पाता इसे. सादर.</p>
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<p> </p> अशोक जी,छंदों में मुझे इस पर…tag:openbooksonline.com,2019-01-12:5170231:Comment:9695612019-01-12T18:19:01.210ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>अशोक जी,छंदों में मुझे इस पर कोई ऐतिराज़ नहीं,लेकिन ग़ज़ल में है ।</p>
<p>अशोक जी,छंदों में मुझे इस पर कोई ऐतिराज़ नहीं,लेकिन ग़ज़ल में है ।</p>