"OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-९ ( Now Closed ) - Open Books Online2024-03-28T15:32:25Zhttp://openbooksonline.com/forum/topics/obo-9-now-closed?id=5170231%3ATopic%3A58644&feed=yes&xn_auth=noआपका तहे दिल से शुक्रिया डॉ स…tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:617602011-03-17T18:29:34.284ZEr. Ambarish Srivastavahttp://openbooksonline.com/profile/AmbarishSrivastava
आपका तहे दिल से शुक्रिया डॉ संजय जी !
आपका तहे दिल से शुक्रिया डॉ संजय जी ! एक बोतल आप पीजिए और एक बोतल ह…tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:619072011-03-17T18:29:26.342ZRana Pratap Singhhttp://openbooksonline.com/profile/RanaPratapSingh
एक बोतल आप पीजिए और एक बोतल हम पी पी कर खतम कर देंगे....
एक बोतल आप पीजिए और एक बोतल हम पी पी कर खतम कर देंगे.... "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक ९…tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:617062011-03-17T18:29:21.072ZAdminhttp://openbooksonline.com/profile/Admin
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक ९ में शामिल सभी साथियों का पूरा OBO प्रबंधन टीम ह्रदय से आभारी है, तीन दिन तक चले आयोजन में आप सबने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया, जम कर आनंद लुटा और दूसरों को भी लूटने का मौका दिया, साथ ही वर्तुअल पियक्कड़ी का भी शानदार लुत्फ़ उठाया, हम विशेष तौर पर अपने महिला सदस्यों का भी आभार व्यक्त करना चाहते है जिन्होंने इस आयोजन में शामिल होकर हम सबके मनोबल को बढाया |<br></br> <br></br> साथियों, मुझे ख़ुशी हो रही है की "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक ७ में ६२५ Reply का कीर्तिमान टूट चूका है,…</p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक ९ में शामिल सभी साथियों का पूरा OBO प्रबंधन टीम ह्रदय से आभारी है, तीन दिन तक चले आयोजन में आप सबने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया, जम कर आनंद लुटा और दूसरों को भी लूटने का मौका दिया, साथ ही वर्तुअल पियक्कड़ी का भी शानदार लुत्फ़ उठाया, हम विशेष तौर पर अपने महिला सदस्यों का भी आभार व्यक्त करना चाहते है जिन्होंने इस आयोजन में शामिल होकर हम सबके मनोबल को बढाया |<br/> <br/> साथियों, मुझे ख़ुशी हो रही है की "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक ७ में ६२५ Reply का कीर्तिमान टूट चूका है, विशेष रिपोर्ट तो प्रधान संपादक जी द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा | अंत में पुनः आप सभी का आभार व्यक्त करते हुए इस मुशायरे का समापन किया जाता है | पुनः अप्रैल प्रथम सप्ताह में "OBO लाइव महा उत्सव" के आयोजन में आप सब इसी जोश के साथ शामिल होंगे ऐसा मेरा विश्वास है |</p>
<p>धन्यवाद |<br/> <br/> आप सबका अपना <br/> एडमिन <br/> ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार</p> इस चेले को आशीर्वाद देने का ब…tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:615902011-03-17T18:28:30.934Zयोगराज प्रभाकरhttp://openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
इस चेले को आशीर्वाद देने का बहुत बहुत <span id="7_TRN_8">शुक्रिया गुरू जी</span>
इस चेले को आशीर्वाद देने का बहुत बहुत <span id="7_TRN_8">शुक्रिया गुरू जी</span> अच्छी है।tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:618582011-03-17T18:10:42.810ZDr. Sanjay danihttp://openbooksonline.com/profile/DrSanjaydani
अच्छी है।
अच्छी है। देर आये पर दुरुस्त आये अच्छी…tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:618572011-03-17T18:09:41.122ZDr. Sanjay danihttp://openbooksonline.com/profile/DrSanjaydani
देर आये पर दुरुस्त आये अच्छी अभिव्यक्ति के साथ्।
देर आये पर दुरुस्त आये अच्छी अभिव्यक्ति के साथ्। मेरे भी दिल के सबसे करीब है य…tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:617592011-03-17T18:09:10.060ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
मेरे भी दिल के सबसे करीब है यह शे'र , आपको पसंद आया , श्रम सार्थक हुआ , धन्यवाद अम्बरीश भाई |
मेरे भी दिल के सबसे करीब है यह शे'र , आपको पसंद आया , श्रम सार्थक हुआ , धन्यवाद अम्बरीश भाई | अम्बरीश भाई, इस मुशायरे में ज…tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:618562011-03-17T18:07:34.498ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>अम्बरीश भाई, इस मुशायरे में जो रस मिल रहा है ना इसके आगे सभी रस बेकार है और ऐसी वेर्तुअल पियक्कड़ी के क्या कहने, हर्रे ना फिटकरी रंग भी चोखा, </p>
<p><span>OBO पर जायेगा तो मनुष्य सा हो जायेगा............मनुष्य लिखने के पीछे केवल मात्रिक गणित है नहीं तो आदमी ज्यादा सुट कर रहा था |</span></p>
<p>बहुत बहुत धन्यवाद , उत्साहवर्धन हेतु |</p>
<p>अम्बरीश भाई, इस मुशायरे में जो रस मिल रहा है ना इसके आगे सभी रस बेकार है और ऐसी वेर्तुअल पियक्कड़ी के क्या कहने, हर्रे ना फिटकरी रंग भी चोखा, </p>
<p><span>OBO पर जायेगा तो मनुष्य सा हो जायेगा............मनुष्य लिखने के पीछे केवल मात्रिक गणित है नहीं तो आदमी ज्यादा सुट कर रहा था |</span></p>
<p>बहुत बहुत धन्यवाद , उत्साहवर्धन हेतु |</p> शुक्रिया नूतन जी !tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:618552011-03-17T18:01:08.103ZEr. Ambarish Srivastavahttp://openbooksonline.com/profile/AmbarishSrivastava
शुक्रिया नूतन जी !
शुक्रिया नूतन जी ! :))tag:openbooksonline.com,2011-03-17:5170231:Comment:617052011-03-17T18:00:24.222ZEr. Ambarish Srivastavahttp://openbooksonline.com/profile/AmbarishSrivastava
:))
:))