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राधा प्रियस्वामिनिहे राधा प्रियस्वामिनि, तेरी किरपा किरण दामिनि मोह तम को हरे, कृतकृत्य करे, माता आपके पावन चरण। श्री राधे की बोले जो जय, उसको भव का नहीं हो… Started by डा॰ सुरेन्द्र कुमार वर्मा |
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Aug 29, 2017 Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़') |
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