उर्दू शायरी में इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण - I - Open Books Online2024-03-29T14:20:17Zhttp://openbooksonline.com/group/kaksha/forum/topics/1?commentId=5170231%3AComment%3A960182&feed=yes&xn_auth=noजनाब अजय तिवारी जी आदाब, इस श…tag:openbooksonline.com,2020-07-12:5170231:Comment:10122282020-07-12T12:19:59.911Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब अजय तिवारी जी आदाब, इस शानदार जानकारी को साझा करने के लिए आपको बहुत बधाईयाँ और आभार। सादर। </p>
<p>जनाब अजय तिवारी जी आदाब, इस शानदार जानकारी को साझा करने के लिए आपको बहुत बधाईयाँ और आभार। सादर। </p> आदरणीय अजय तिवारी जी
सादर अभि…tag:openbooksonline.com,2020-07-12:5170231:Comment:10121552020-07-12T11:53:47.098Zसालिक गणवीरhttp://openbooksonline.com/profile/SalikGanvir
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी</p>
<p>सादर अभिवादन</p>
<p>इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपको कितना भी शुक्रिया अदा किया जाए, कम ही होगा. सादर.</p>
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी</p>
<p>सादर अभिवादन</p>
<p>इतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपको कितना भी शुक्रिया अदा किया जाए, कम ही होगा. सादर.</p> आदरणीय समर साहब, आपकी उत्साहव…tag:openbooksonline.com,2019-01-15:5170231:Comment:9696682019-01-15T14:10:04.881ZAjay Tiwarihttp://openbooksonline.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय समर साहब, आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से मेरा श्रम-सार्थक हुआ. हार्दिक आभार. </p>
<p>आदरणीय समर साहब, आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से मेरा श्रम-सार्थक हुआ. हार्दिक आभार. </p> जनाब अजय तिवारी साहिब आदाब,बह…tag:openbooksonline.com,2019-01-02:5170231:Comment:9682742019-01-02T11:39:02.974ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब अजय तिवारी साहिब आदाब,बहुत उम्दा और शानदार आलेख,यक़ीनन नए सीखने वालों के लिए इसमें तमाम बहूर की जानकारी के साथ साथ उम्दा अशआर का इंतिख़ाब सोने पर सुहागा का काम कर रहा है,आपके क़लम से निकलने वाले आलेख नई नस्ल के लिए बहतरीन तुहफ़ा हैं,मेरी तरफ़ से आपको इस शाहकार के लिए ढेरों मुबारकबाद ।</p>
<p>'अल्लाह करे ज़ोर-क़लम और ज़ियादा'</p>
<p>जनाब अजय तिवारी साहिब आदाब,बहुत उम्दा और शानदार आलेख,यक़ीनन नए सीखने वालों के लिए इसमें तमाम बहूर की जानकारी के साथ साथ उम्दा अशआर का इंतिख़ाब सोने पर सुहागा का काम कर रहा है,आपके क़लम से निकलने वाले आलेख नई नस्ल के लिए बहतरीन तुहफ़ा हैं,मेरी तरफ़ से आपको इस शाहकार के लिए ढेरों मुबारकबाद ।</p>
<p>'अल्लाह करे ज़ोर-क़लम और ज़ियादा'</p> आदरणीय राज़ साहब, आपकी त्वरित…tag:openbooksonline.com,2018-11-08:5170231:Comment:9604142018-11-08T14:44:58.038ZAjay Tiwarihttp://openbooksonline.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय राज़ साहब, आपकी त्वरित प्रतिक्रिया ने इसे सार्थकता दी. हार्दिक आभार. </p>
<p>आदरणीय राज़ साहब, आपकी त्वरित प्रतिक्रिया ने इसे सार्थकता दी. हार्दिक आभार. </p> आदरणीय अजय तिवारी जी, आदाब. इ…tag:openbooksonline.com,2018-11-08:5170231:Comment:9601822018-11-08T14:25:13.549Zराज़ नवादवीhttp://openbooksonline.com/profile/RazNawadwi
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी, आदाब. इस बेहतरीन अनुसंधान परक कार्य के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद. सादर. </p>
<p>आदरणीय अजय तिवारी जी, आदाब. इस बेहतरीन अनुसंधान परक कार्य के लिए आपको हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद. सादर. </p>