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Ashok Kumar Raktale's Discussions (6,281)

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"  आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सादर, प्रदत्त चित्र पर मेरी यह सार छंदों की प्रस्तुति आपक…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 19 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158

62 Aug 19
Reply by Ashok Kumar Raktale

"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत सार छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभा…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 19 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158

62 Aug 19
Reply by Ashok Kumar Raktale

"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, मेरे प्रस्तुत छंदों पर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आ…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 19 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158

62 Aug 19
Reply by Ashok Kumar Raktale

"चिट्ठी लिख  पूछे  यह बहिना, भाई  कब  आओगे। अगर न आ पाए तो क्या तुम, मुझको बुलवाओगे।।…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 19 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158

62 Aug 19
Reply by Ashok Kumar Raktale

"  काले - काले बादल छाये, कुहु - कुहु कोयल बोले।कजरी गाये सजनी, बहिना; बँधवा ...राखी.…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 19 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158

62 Aug 19
Reply by Ashok Kumar Raktale

"चन्दन रोली पीपल पत्ते,साथ     सजे   थाली में।सुंदर टीका भाल लगाने,अक्षत    हैं     प…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 19 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158

62 Aug 19
Reply by Ashok Kumar Raktale

"बहना बोली- भैया लाओ, आगे तनिक कलाई। देखो तो थाली में कितनी सुंदर राखी लाई।.....बहन…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 19 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158

62 Aug 19
Reply by Ashok Kumar Raktale

"    हों चमकीले या हों सादा, हैं धागे ये सच्चे। बन्धन इनका सबसे पक्का, मत कहना हैं कच…"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 19 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158

62 Aug 19
Reply by Ashok Kumar Raktale

"   सार छन्द * भाई-बहनों के जीवन का, दिन पावन है आया। अक्षत रोली राखी वाली, सजी  थाल …"

Ashok Kumar Raktale replied Aug 19 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158

62 Aug 19
Reply by Ashok Kumar Raktale

"हो जाता है अस्त जब, सूरज, ढलती शाम। लोग करें सब शाम को, बस ठेके के नाम। बस ठेके के…"

Ashok Kumar Raktale replied Jul 21 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 157

141 Jul 22
Reply by मिथिलेश वामनकर

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