ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 - Open Books Online2024-03-29T11:24:51Zhttp://openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/100?groupUrl=pop&id=5170231%3ATopic%3A989983&feed=yes&xn_auth=noसादर प्रणाम।
ट्रेन में हूँ..…tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9909442019-08-19T18:17:48.017ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>सादर प्रणाम। </p>
<p>ट्रेन में हूँ.. तमिलनाडु एक्सप्रेस में। नई दिल्ली से भोपाल तक।</p>
<p>नेट आ-जा रहा है। इसलिए, सभा समाप्त कर विश्राम लेता हूँ, आदरणीय अशोक भाई जी। </p>
<p>सादर प्रणाम। </p>
<p>ट्रेन में हूँ.. तमिलनाडु एक्सप्रेस में। नई दिल्ली से भोपाल तक।</p>
<p>नेट आ-जा रहा है। इसलिए, सभा समाप्त कर विश्राम लेता हूँ, आदरणीय अशोक भाई जी। </p> आदाब। जी। निरंतरता व आप सभी क…tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9908732019-08-19T18:14:26.158ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। जी। निरंतरता व आप सभी का सान्निध्य व मार्गदर्शन आवश्यक है। अंतिम दो पंक्तियाँ महज तुकबंदी रह गईं। छंद पर अभ्यास करते रहने की इच्छा है भी। रचनाओं पर समय देकर यूं समझाइश व हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक आभार आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले साहिब।<em><strong>शुभ रात्रि</strong></em>।</p>
<p>आदाब। जी। निरंतरता व आप सभी का सान्निध्य व मार्गदर्शन आवश्यक है। अंतिम दो पंक्तियाँ महज तुकबंदी रह गईं। छंद पर अभ्यास करते रहने की इच्छा है भी। रचनाओं पर समय देकर यूं समझाइश व हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक आभार आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले साहिब।<em><strong>शुभ रात्रि</strong></em>।</p> ओबीओ 'चित्र से काव्य तक' छंदो…tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9911152019-08-19T18:11:18.533ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>ओबीओ 'चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव का समापन हुआ</p>
<p>शुभ, शुभातिशुभ</p>
<p></p>
<p>ओबीओ 'चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव का समापन हुआ</p>
<p>शुभ, शुभातिशुभ</p>
<p></p> शुभ रात्रि।tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9909432019-08-19T18:10:22.243ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p><strong>शुभ रात्रि।</strong></p>
<p><strong>शुभ रात्रि।</strong></p> दोहों पर अभ्यास हो, लेकर सुन्…tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9910462019-08-19T18:09:59.666ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>दोहों पर अभ्यास हो, लेकर सुन्दर भाव <span>।</span></p>
<p>बार-बार रचते रहें, और बढेगा चाव <span>।।</span></p>
<p></p>
<p>आदरणीय भाई शैख़ शहजाद उस्मानी जी सादर, दोहों पर सुन्दर प्रयास हुआ है आपका. इस अभ्यास को निरंतरता दें तो और भी सुंदर दोहे आपकी कलम से निकलेंगे ऐसा विश्वास है. इस सुंदर प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई. सादर. </p>
<p>दोहों पर अभ्यास हो, लेकर सुन्दर भाव <span>।</span></p>
<p>बार-बार रचते रहें, और बढेगा चाव <span>।।</span></p>
<p></p>
<p>आदरणीय भाई शैख़ शहजाद उस्मानी जी सादर, दोहों पर सुन्दर प्रयास हुआ है आपका. इस अभ्यास को निरंतरता दें तो और भी सुंदर दोहे आपकी कलम से निकलेंगे ऐसा विश्वास है. इस सुंदर प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई. सादर. </p> जय हो..
tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9909422019-08-19T18:08:51.384ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>जय हो.. </p>
<p></p>
<p>जय हो.. </p>
<p></p> आदाब। मेरी सहभागिता/अभ्यास रच…tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9908722019-08-19T18:08:06.354ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। मेरी सहभागिता/अभ्यास रचना पर अपना त्वरित अमूल्य समय देकर.सुंदर प्रोत्साहक प्रतिक्रिया व अंतिम दो पंक्तियों की कमी इंगित करने हेतु बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय सौरभ पाण्डेय साहिब।</p>
<p>आदाब। मेरी सहभागिता/अभ्यास रचना पर अपना त्वरित अमूल्य समय देकर.सुंदर प्रोत्साहक प्रतिक्रिया व अंतिम दो पंक्तियों की कमी इंगित करने हेतु बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय सौरभ पाण्डेय साहिब।</p> आदरणीय सौरभ जी सादर, गुरुवर…tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9908712019-08-19T18:03:26.755ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय सौरभ जी सादर, गुरुवर यदि संतुष्ट हों तब यह मेरे लिए किसी उपहार से कम नहीं है. प्रस्तुत छंद रचना पर समय निकालकर आपके उपस्थित होने व सृजन को आशीष देने के लिए हृदयतल से आभार. सादर नमन.</p>
<p>आदरणीय सौरभ जी सादर, गुरुवर यदि संतुष्ट हों तब यह मेरे लिए किसी उपहार से कम नहीं है. प्रस्तुत छंद रचना पर समय निकालकर आपके उपस्थित होने व सृजन को आशीष देने के लिए हृदयतल से आभार. सादर नमन.</p> रचना सम्यक हो गयी, बना रहे अभ…tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9910452019-08-19T18:01:24.382ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>रचना सम्यक हो गयी, बना रहे अभ्यास </p>
<p>छंद सहज है जानिए, यह भी आये रास .. </p>
<p></p>
<p>बधाई, आदरणीय शेख शहजाद भाई जी। </p>
<p></p>
<p>अंतिम प्रस्तुति दोहा ही नहीं है, भाई जी </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p>
<p>रचना सम्यक हो गयी, बना रहे अभ्यास </p>
<p>छंद सहज है जानिए, यह भी आये रास .. </p>
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<p>बधाई, आदरणीय शेख शहजाद भाई जी। </p>
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<p>अंतिम प्रस्तुति दोहा ही नहीं है, भाई जी </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p> आदरणीय भाई सत्यनारायण सिंह जी…tag:openbooksonline.com,2019-08-19:5170231:Comment:9908702019-08-19T18:00:10.002ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय भाई सत्यनारायण सिंह जी सादर, प्रस्तुत छंद आपको सुंदर लगे मेरे सृजन को मान मिला है. आपका हृदय से आभार. सादर </p>
<p>आदरणीय भाई सत्यनारायण सिंह जी सादर, प्रस्तुत छंद आपको सुंदर लगे मेरे सृजन को मान मिला है. आपका हृदय से आभार. सादर </p>