"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 131 - Open Books Online2024-03-28T13:48:16Zhttp://openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/131?commentId=5170231%3AComment%3A1080603&feed=yes&xn_auth=noनिशा स्वस्ति
tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10808912022-03-20T18:30:34.314ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>निशा स्वस्ति</p>
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<p></p> आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्त…tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10806982022-03-20T18:19:51.007ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करता सुंदर कुण्डलिया छंद रचा है आपने. आवश्यक सुझाव भी मिले ही हैं. सादर</p>
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करता सुंदर कुण्डलिया छंद रचा है आपने. आवश्यक सुझाव भी मिले ही हैं. सादर</p> आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10807772022-03-20T18:18:31.406Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। छंदों पर उपस्थिति ,सराहना व मार्गदर्शन के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। छंदों पर उपस्थिति ,सराहना व मार्गदर्शन के लिए आभार।</p> आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर…tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10806972022-03-20T18:16:55.011ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रस्तुत दोहावली को चित्र पर सार्थक पाने के लिए आपका हार्दिक आभार.सादर</p>
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रस्तुत दोहावली को चित्र पर सार्थक पाने के लिए आपका हार्दिक आभार.सादर</p> आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सा…tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10808902022-03-20T18:16:08.659ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत दोहावली की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.सादर</p>
<p>आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत दोहावली की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.सादर</p> आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प…tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10809152022-03-20T18:15:22.343ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुत दोहावली पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार. सादर</p>
<p>आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुत दोहावली पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार. सादर</p> आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्त…tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10809142022-03-20T18:14:20.559ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब प्रस्तुत दोहावली की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p>
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब प्रस्तुत दोहावली की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p> आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्त…tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10807762022-03-20T18:10:29.312ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर,वाह ! प्रदत्त चित्र पर सुंदर दोहावली रची है आपने.हार्दिक बधाई स्वीकारें. फिर भी चौथा दोहा कुछ कमज़ोर प्रतीत हो रहा है. सादर</p>
<p>आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर,वाह ! प्रदत्त चित्र पर सुंदर दोहावली रची है आपने.हार्दिक बधाई स्वीकारें. फिर भी चौथा दोहा कुछ कमज़ोर प्रतीत हो रहा है. सादर</p> आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर…tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10806962022-03-20T18:06:56.845ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रदत्त चित्र से चीन और पाकिस्तान की स्थिति को साधते हुए सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर .</p>
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रदत्त चित्र से चीन और पाकिस्तान की स्थिति को साधते हुए सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर .</p> आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सा…tag:openbooksonline.com,2022-03-20:5170231:Comment:10808892022-03-20T18:03:47.638ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. फिर भी एक दो जगह गेयता कुछ कम है. सादर</p>
<p>आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. फिर भी एक दो जगह गेयता कुछ कम है. सादर</p>