"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 29(Now Closed) - Open Books Online2024-03-29T13:27:59Zhttp://openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/29?commentId=5170231%3AComment%3A415917&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत…tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4156552013-08-16T18:28:54.235Zयोगराज प्रभाकरhttp://openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
<p><span style="font-family: Mangal, serif;" lang="HI" xml:lang="HI">"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-</span>29 के सफल आयोजन के लिए मंच संचालक श्री सौरभ पाण्डेय जी सहित सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद.</p>
<p><span style="font-family: Mangal, serif;" lang="HI" xml:lang="HI">"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-</span>29 के सफल आयोजन के लिए मंच संचालक श्री सौरभ पाण्डेय जी सहित सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद.</p> ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्…tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4159232013-08-16T18:28:28.742ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 29 के सफल आयोजन के लिए समस्त सुधीजनों के प्रति सादर आभार</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p>
<p>ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 29 के सफल आयोजन के लिए समस्त सुधीजनों के प्रति सादर आभार</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> छुरा पीठ में घोंप रहा है, फें…tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4159222013-08-16T18:27:56.210ZMAHIMA SHREEhttp://openbooksonline.com/profile/MAHIMASHREE
<p>छुरा पीठ में घोंप रहा है, फेंक-फेंक अनगिन छलजाल।<br/>चिनगारी देखी है तूने, देखा नहीं अभीतक ज्वाल।<br/>अबकी बजने दे रणभेरी, लाएंगे ऐसा भूचाल।<br/>घर में घुस-घुसकर मारेंगे, खींच-खींचकर तेरी खाल।... वाह वाह आदरणीय अजितेंदु जी .. खून में उबाल ला दिया आपने ..बहुत ही सुंदर और जोशीली प्रस्तुती ...क्या बात हैं ...मन कर रहा है अभी दो दो हाथ कर ही आये .. हार्दिक बधाई स्वीकार करें / सादर</p>
<p>छुरा पीठ में घोंप रहा है, फेंक-फेंक अनगिन छलजाल।<br/>चिनगारी देखी है तूने, देखा नहीं अभीतक ज्वाल।<br/>अबकी बजने दे रणभेरी, लाएंगे ऐसा भूचाल।<br/>घर में घुस-घुसकर मारेंगे, खींच-खींचकर तेरी खाल।... वाह वाह आदरणीय अजितेंदु जी .. खून में उबाल ला दिया आपने ..बहुत ही सुंदर और जोशीली प्रस्तुती ...क्या बात हैं ...मन कर रहा है अभी दो दो हाथ कर ही आये .. हार्दिक बधाई स्वीकार करें / सादर</p> सर पर पगड़ी लाल चढ़ाके, और पहन…tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4159212013-08-16T18:27:45.748Zवेदिकाhttp://openbooksonline.com/profile/vedikagitika
<p><strong>सर पर पगड़ी लाल चढ़ाके, और पहन खाकी परिधान</strong><br/><strong>तेरी ऐसी तैसी कर दूँ, जब चाहूँ मैं पाकिस्तान..:) </strong></p>
<p></p>
<p><span>वाह आदरणीय अरुण जी! </span></p>
<p><span>क्या तार बिठाये शब्दों के, झन्नाटेदार,</span><span style="font-size: 13px;">फरुरी उठ आई। </span></p>
<p><span style="font-size: 13px;">अनंत शुभकामनाएं आपको आदरणीय अरुण अनंत जी!! </span><span style="font-size: 13px;"> </span></p>
<p><strong>सर पर पगड़ी लाल चढ़ाके, और पहन खाकी परिधान</strong><br/><strong>तेरी ऐसी तैसी कर दूँ, जब चाहूँ मैं पाकिस्तान..:) </strong></p>
<p></p>
<p><span>वाह आदरणीय अरुण जी! </span></p>
<p><span>क्या तार बिठाये शब्दों के, झन्नाटेदार,</span><span style="font-size: 13px;">फरुरी उठ आई। </span></p>
<p><span style="font-size: 13px;">अनंत शुभकामनाएं आपको आदरणीय अरुण अनंत जी!! </span><span style="font-size: 13px;"> </span></p> आयोजन की सफलता के लिए मंच संच…tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4159202013-08-16T18:26:01.534ZAlbela Khatrihttp://openbooksonline.com/profile/AlbelaKhatri
<p>आयोजन की सफलता के लिए मंच संचालक श्री सौरभ जी पाण्डेय समेत ओ बी ओ प्रबन्धन के सभी मित्रों, कलमकारों और सहभागियों को बधाई . समयाभाव के कारण न मैं ज्यादा कुछ पढ़ सका और न ही उनका आभार व्यक्त कर पाया जिन्होंने मुझे सराहना के शब्द प्रदान किये <br/><br/>क्षमाप्रार्थी <br/>-अलबेला खत्री <br/><br/>जय हिन्द</p>
<p>आयोजन की सफलता के लिए मंच संचालक श्री सौरभ जी पाण्डेय समेत ओ बी ओ प्रबन्धन के सभी मित्रों, कलमकारों और सहभागियों को बधाई . समयाभाव के कारण न मैं ज्यादा कुछ पढ़ सका और न ही उनका आभार व्यक्त कर पाया जिन्होंने मुझे सराहना के शब्द प्रदान किये <br/><br/>क्षमाप्रार्थी <br/>-अलबेला खत्री <br/><br/>जय हिन्द</p> छन्न पकैया छन्न पकैया, रही अध…tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4158352013-08-16T18:25:51.616Zयोगराज प्रभाकरhttp://openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
<p><span>छन्न पकैया छन्न पकैया, रही अधूरी आशा </span></p>
<p>दूर चित्र से भागी जाए, कैसी ये परिभाषा ?</p>
<p><span>छन्न पकैया छन्न पकैया, रही अधूरी आशा </span></p>
<p>दूर चित्र से भागी जाए, कैसी ये परिभाषा ?</p> आदरणीय गीतिकाजी, आपकी इस मंच…tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4157442013-08-16T18:25:46.247ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय गीतिकाजी, आपकी इस मंच से, इस मंच के आयोजन से जो जुड़ाव हुआ है वह हम सभी को इत्मिनान के भाव से भर देता है. यह आपकी संलग्नता नहीं तो और क्या है जो आपने आयोजन के आखिरी कुछ पलों में अपनी व्यस्ततम घडियों से समय निकाल कर एक रचना पोस्ट की है.<br/>तीनों बंद उन्नत हैं .. चित्र को ध्यान में रखा करें..<br/>बधाई स्वीकार करें. <br/>शुभ-शुभ<br/> </p>
<p>आदरणीय गीतिकाजी, आपकी इस मंच से, इस मंच के आयोजन से जो जुड़ाव हुआ है वह हम सभी को इत्मिनान के भाव से भर देता है. यह आपकी संलग्नता नहीं तो और क्या है जो आपने आयोजन के आखिरी कुछ पलों में अपनी व्यस्ततम घडियों से समय निकाल कर एक रचना पोस्ट की है.<br/>तीनों बंद उन्नत हैं .. चित्र को ध्यान में रखा करें..<br/>बधाई स्वीकार करें. <br/>शुभ-शुभ<br/> </p> सादर आभार, आदरणीय अविनाश भाई
tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4157432013-08-16T18:22:03.447ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>सादर आभार, आदरणीय अविनाश भाई</p>
<p></p>
<p>सादर आभार, आदरणीय अविनाश भाई</p>
<p></p> वाह बहुत ही सुंदर दोहावली आदर…tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4157422013-08-16T18:20:05.599ZMAHIMA SHREEhttp://openbooksonline.com/profile/MAHIMASHREE
<p>वाह बहुत ही सुंदर दोहावली आदरणीय लक्ष्मण सर हार्दिक बधाई स्वीकार करें</p>
<p>वाह बहुत ही सुंदर दोहावली आदरणीय लक्ष्मण सर हार्दिक बधाई स्वीकार करें</p> बहुत बहुत aabhar आपको। "samee…tag:openbooksonline.com,2013-08-16:5170231:Comment:4157412013-08-16T18:19:47.772ZAVINASH S BAGDEhttp://openbooksonline.com/profile/AVINASHSBAGDE
<p><span>बहुत बहुत aabhar आपको।<a href="http://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topic/listForContributor?user=0hnxbfk7c0jxx" class="fn url"> "sameer"</a><span> ji</span></span></p>
<p><span>बहुत बहुत aabhar आपको।<a href="http://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topic/listForContributor?user=0hnxbfk7c0jxx" class="fn url"> "sameer"</a><span> ji</span></span></p>