"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 72 - Open Books Online2024-03-29T11:22:56Zhttp://openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/72?commentId=5170231%3AComment%3A850352&feed=yes&xn_auth=noबहुत खूब .. बहुत खूब ... आदरण…tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8511112017-04-22T18:31:40.588ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>बहुत खूब .. बहुत खूब ... आदरणीय अशोक भाई जी. </p>
<p>हार्दिक शुभकामनाएँ </p>
<p></p>
<p>बहुत खूब .. बहुत खूब ... आदरणीय अशोक भाई जी. </p>
<p>हार्दिक शुभकामनाएँ </p>
<p></p> आदरणीय सतीश भाईजी, आपकी आमद प…tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8510132017-04-22T18:29:24.059ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय सतीश भाईजी, आपकी आमद प्रसन्नतादायी है. चित्र के बर अक्स आपने अच्छी कोशिश दिल खुश कर गयी. </p>
<p>सादर बधाइयाँ </p>
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<p>आदरणीय सतीश भाईजी, आपकी आमद प्रसन्नतादायी है. चित्र के बर अक्स आपने अच्छी कोशिश दिल खुश कर गयी. </p>
<p>सादर बधाइयाँ </p>
<p></p> आदरणीय अशोक भाई, आपकी प्रस्तु…tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8509142017-04-22T18:25:33.501ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय अशोक भाई, आपकी प्रस्तुतियों का स्तर उच्च है, इस हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें. </p>
<p>अलबत्ता, दूसरी कुण्डलिया में ’हो गया’ का दो बार प्रयोग न होता तो और अच्छा होता.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
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<p>आदरणीय अशोक भाई, आपकी प्रस्तुतियों का स्तर उच्च है, इस हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें. </p>
<p>अलबत्ता, दूसरी कुण्डलिया में ’हो गया’ का दो बार प्रयोग न होता तो और अच्छा होता.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p> </p> आदरणीय सतविन्दर जी, प्रदत्त च…tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8508242017-04-22T18:21:30.454ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय सतविन्दर जी, प्रदत्त चित्र को आपने बखूबी शब्द दिये हैं .. हार्दिक बधाइयाँ </p>
<p>शुभेच्छाएँ </p>
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<p>आदरणीय सतविन्दर जी, प्रदत्त चित्र को आपने बखूबी शब्द दिये हैं .. हार्दिक बधाइयाँ </p>
<p>शुभेच्छाएँ </p>
<p></p> विस्तार से जानकारी साझा कर मा…tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8511092017-04-22T17:50:46.972ZSatyanarayan Singhhttp://openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p>विस्तार से जानकारी साझा कर मार्गदर्शन हेतु आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. आदरणीय सादर </p>
<p>विस्तार से जानकारी साझा कर मार्गदर्शन हेतु आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ. आदरणीय सादर </p> आदरणीया राजेश जी, एक से मेरा…tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8508232017-04-22T17:46:59.873ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया राजेश जी, एक से मेरा क्या होगा ? .. :-))))</p>
<p>:-))))))))))))))</p>
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<p>आदरणीया राजेश जी, एक से मेरा क्या होगा ? .. :-))))</p>
<p>:-))))))))))))))</p>
<p></p> सादर धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश ज…tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8510122017-04-22T17:46:32.331Zsatish mapatpurihttp://openbooksonline.com/profile/satishmapatpuri
<p>सादर धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश जी ।</p>
<p>सादर धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश जी ।</p> वाह ! उदाहरण भी मजेदार दिए। आ…tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8510112017-04-22T17:46:04.907Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>वाह ! उदाहरण भी मजेदार दिए। आज भी ऐसे लाखों में हैं जो बड़ी सहजता से सकूल अस्नान और इस्तिरी कहते हैं । ओबीओ के सदस्यों का मुझे पता नहीं ....... हा हा ...</p>
<p>वाह ! उदाहरण भी मजेदार दिए। आज भी ऐसे लाखों में हैं जो बड़ी सहजता से सकूल अस्नान और इस्तिरी कहते हैं । ओबीओ के सदस्यों का मुझे पता नहीं ....... हा हा ...</p> बहुत बहुत आभार आदरणीय tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8508222017-04-22T17:44:36.434Zsatish mapatpurihttp://openbooksonline.com/profile/satishmapatpuri
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय </p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय </p> आभारी हूँ आदरणीय अशोक जी ।tag:openbooksonline.com,2017-04-22:5170231:Comment:8510102017-04-22T17:43:19.507Zsatish mapatpurihttp://openbooksonline.com/profile/satishmapatpuri
<p>आभारी हूँ आदरणीय अशोक जी ।</p>
<p>आभारी हूँ आदरणीय अशोक जी ।</p>