"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 86 - Open Books Online2024-03-29T14:03:36Zhttp://openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/86?groupUrl=pop&%3Bxg_source=activity&%3BgroupId=5170231%3AGroup%3A68907&%3Bid=5170231%3ATopic%3A934549&%3Bpage=1&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत…tag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9358032018-06-24T18:16:30.246ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव"अंक-86 को सफल बनाने के लिए सभी रचनाकारों और पाठकों का हार्दिक धन्यवाद व आभार ।</p>
<p>"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव"अंक-86 को सफल बनाने के लिए सभी रचनाकारों और पाठकों का हार्दिक धन्यवाद व आभार ।</p> जी ,आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी ,…tag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9360382018-06-24T17:54:10.237ZAnamika singh Anahttp://openbooksonline.com/profile/AnamikasinghAna
<p>जी ,आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , प्रस्तुत चौपई छंदो पर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका , सादर ।</p>
<p>जी ,आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , प्रस्तुत चौपई छंदो पर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका , सादर ।</p> आदरणीया सुनंदा झा जी , प्रस्त…tag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9358022018-06-24T17:52:30.457ZAnamika singh Anahttp://openbooksonline.com/profile/AnamikasinghAna
<p>आदरणीया सुनंदा झा जी , प्रस्तुत चौपई छंदो पर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका , सादर ।</p>
<p>आदरणीया सुनंदा झा जी , प्रस्तुत चौपई छंदो पर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका , सादर ।</p> आदरणीय डॉ छोटेलाल जी , प्रस्त…tag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9360372018-06-24T17:51:35.266ZAnamika singh Anahttp://openbooksonline.com/profile/AnamikasinghAna
<p>आदरणीय डॉ छोटेलाल जी , प्रस्तुत चौपई छंदो पर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका , सादर ।</p>
<p>आदरणीय डॉ छोटेलाल जी , प्रस्तुत चौपई छंदो पर प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार आपका , सादर ।</p> सादर आभार आदरणीयtag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9358012018-06-24T17:48:05.571ZSatyanarayan Singhhttp://openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p>सादर आभार आदरणीय</p>
<p>सादर आभार आदरणीय</p> आदरणीय सतविंद्र कुमार जी प्रद…tag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9358582018-06-24T17:45:19.948ZSatyanarayan Singhhttp://openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p>आदरणीय सतविंद्र कुमार जी प्रदत्त चित्र को परिभाषित करता चौपई छंद पर आधारित सुंदर गीतिका हार्दिक बधाई</p>
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<p>आदरणीय सतविंद्र कुमार जी प्रदत्त चित्र को परिभाषित करता चौपई छंद पर आधारित सुंदर गीतिका हार्दिक बधाई</p>
<p></p> जी ! हार्न या नाद प्रदूषण. सा…tag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9358572018-06-24T17:44:01.803ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>जी ! हार्न या नाद प्रदूषण. सादर. </p>
<p>जी ! हार्न या नाद प्रदूषण. सादर. </p> आदरणीय सतविन्द्र कुमार जी साद…tag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9359642018-06-24T17:36:35.070ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय सतविन्द्र कुमार जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करती चौपई छंद आधारित सुंदर गीतिका रची है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. कुछ जगह पंक्तिया तोड़ मरोड़ कर लिखी प्रतीत हो रहीं हैं.</p>
<p></p>
<p><span>सुर सबके का हो जब ज्ञान.......सबके सुर का जब हो ज्ञान </span></p>
<p></p>
<p><span>पेड़ नहीं पाओगे देख.......देख नहीं पाओगे पेड़ ........ सादर.</span></p>
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<p>आदरणीय सतविन्द्र कुमार जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करती चौपई छंद आधारित सुंदर गीतिका रची है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. कुछ जगह पंक्तिया तोड़ मरोड़ कर लिखी प्रतीत हो रहीं हैं.</p>
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<p><span>सुर सबके का हो जब ज्ञान.......सबके सुर का जब हो ज्ञान </span></p>
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<p><span>पेड़ नहीं पाओगे देख.......देख नहीं पाओगे पेड़ ........ सादर.</span></p>
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<p></p> आदरणीया सुनंदा झा जी सादर, प्…tag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9358562018-06-24T17:31:17.418ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया सुनंदा झा जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करने साथ-साथ ही मन्त्र-मुग्ध करते चौपई छंदों के लिए बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. आपने चित्र के कई बिन्दुओं को कुशलता के साथ छंदों में ढाला है. एक टंकण दोष रह गया है. हकलान /हलकान. सादर. </p>
<p>आदरणीया सुनंदा झा जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करने साथ-साथ ही मन्त्र-मुग्ध करते चौपई छंदों के लिए बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. आपने चित्र के कई बिन्दुओं को कुशलता के साथ छंदों में ढाला है. एक टंकण दोष रह गया है. हकलान /हलकान. सादर. </p> आदरणीय अशोक भाईजी
छंद की प्र…tag:openbooksonline.com,2018-06-24:5170231:Comment:9358002018-06-24T17:30:50.755Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://openbooksonline.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय अशोक भाईजी</p>
<p>छंद की प्रशंसा के लिए आपका हृदय से धन्यवाद, आभार।</p>
<p>हॉर्न प्रदूषण ... लिखना सही है।</p>
<p>सादर</p>
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<p>आदरणीय अशोक भाईजी</p>
<p>छंद की प्रशंसा के लिए आपका हृदय से धन्यवाद, आभार।</p>
<p>हॉर्न प्रदूषण ... लिखना सही है।</p>
<p>सादर</p>
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