"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 88 - Open Books Online2024-03-29T12:48:44Zhttp://openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/88?commentId=5170231%3AComment%3A945085&feed=yes&xn_auth=noआयोजन में सुखद सहभागिता के ल…tag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9453612018-08-19T18:24:31.582ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
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<p>आयोजन में सुखद सहभागिता के लिए सभी सदस्यों के प्रति हृदयतल से आभार </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
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<p>आयोजन में सुखद सहभागिता के लिए सभी सदस्यों के प्रति हृदयतल से आभार </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> आदरणीय अजय गुप्ता जी, ओबीओ क…tag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9453602018-08-19T18:22:58.933ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
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<p>आदरणीय अजय गुप्ता जी, ओबीओ के पटल की एक विशिष्ट परम्परा है, यहाँ सभी वरिष्ठ अथवा समवयस्क सदस्यों के नाम के पूर्व आवश्यकतानुसार आदरणीय अथवा आदरणीया लगा कर उन्हें इंगित या सम्बोधित करते हैं. विशेष रूप से अनुजों के लिए उनके नाम के साथ भाई लगाया जाता है. विश्वास है, आप इस परम्परा का अनुपालन करेंगे. </p>
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<p>आदरणीय अशोक भाई जी वरिष्ठ भी हैं आउर विद्वान भी हैं </p>
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<p>आदरणीय अजय गुप्ता जी, ओबीओ के पटल की एक विशिष्ट परम्परा है, यहाँ सभी वरिष्ठ अथवा समवयस्क सदस्यों के नाम के पूर्व आवश्यकतानुसार आदरणीय अथवा आदरणीया लगा कर उन्हें इंगित या सम्बोधित करते हैं. विशेष रूप से अनुजों के लिए उनके नाम के साथ भाई लगाया जाता है. विश्वास है, आप इस परम्परा का अनुपालन करेंगे. </p>
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<p>आदरणीय अशोक भाई जी वरिष्ठ भी हैं आउर विद्वान भी हैं </p>
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<p></p> सुंदर छंद अनामिका जीtag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9453592018-08-19T18:19:08.620Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>सुंदर छंद अनामिका जी</p>
<p>सुंदर छंद अनामिका जी</p> शुक्रिया सतविंदर भाई।tag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9450912018-08-19T18:15:46.373Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>शुक्रिया सतविंदर भाई।</p>
<p>शुक्रिया सतविंदर भाई।</p> अशोक जी रचना पर विचार देने के…tag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9453582018-08-19T18:15:05.366Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>अशोक जी रचना पर विचार देने के आभार।</p>
<p>गीत तो गाकर ही बता पाऊंगा। :)</p>
<p>तुक तथा अन्य छान्दसिक कमियां आप सब के सहयोग से कम हो रही हैं। लगातार सुधार का प्रयास है। सहयोग बनाये रखें।</p>
<p>जय जय</p>
<p>अशोक जी रचना पर विचार देने के आभार।</p>
<p>गीत तो गाकर ही बता पाऊंगा। :)</p>
<p>तुक तथा अन्य छान्दसिक कमियां आप सब के सहयोग से कम हो रही हैं। लगातार सुधार का प्रयास है। सहयोग बनाये रखें।</p>
<p>जय जय</p> जय हो..
tag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9452432018-08-19T18:14:41.722ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>जय हो.. </p>
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<p>जय हो.. </p>
<p></p> शुक्रिया प्रतिभा जी।
इसपर पुन…tag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9453572018-08-19T18:12:47.360Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>शुक्रिया प्रतिभा जी।</p>
<p>इसपर पुनः प्रयास करूंगा और आपके सुझाव से समाहित करने का प्रयास रहेगा</p>
<p>शुक्रिया प्रतिभा जी।</p>
<p>इसपर पुनः प्रयास करूंगा और आपके सुझाव से समाहित करने का प्रयास रहेगा</p> जी सौरभ जी।
आपके सब के मार्गद…tag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9450902018-08-19T18:11:16.191Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>जी सौरभ जी।</p>
<p>आपके सब के मार्गदर्शन तथा सटीक टिप्पणियों से निरंतर सुधार हो रहा है तथा आगे भी प्रयास जारी रहेगा। ऐसा विश्वास आपको दिलाता हूं।</p>
<p>सदा शुभ</p>
<p>जी सौरभ जी।</p>
<p>आपके सब के मार्गदर्शन तथा सटीक टिप्पणियों से निरंतर सुधार हो रहा है तथा आगे भी प्रयास जारी रहेगा। ऐसा विश्वास आपको दिलाता हूं।</p>
<p>सदा शुभ</p> आदरणीय अशोक भाई जी, आपकी दूसर…tag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9451552018-08-19T18:08:24.229ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय अशोक भाई जी, आपकी दूसरी प्रस्तुति से आयोजन धन्य हुआ. </p>
<p></p>
<p>साजन का भी मन बहका है, आया जतलाने नाता |</p>
<p>बिन बारिश के ताने बैठा, सजनी के सिर पर छाता .............. इन पंक्तियों के माध्यम से रचना में आपने हास्य का बखूबी पुट डाला है. यह एक सकारात्मक संकेत दे रहा है. </p>
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<p>हार्दिक बधाई. </p>
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<p>आदरणीय अशोक भाई जी, आपकी दूसरी प्रस्तुति से आयोजन धन्य हुआ. </p>
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<p>साजन का भी मन बहका है, आया जतलाने नाता |</p>
<p>बिन बारिश के ताने बैठा, सजनी के सिर पर छाता .............. इन पंक्तियों के माध्यम से रचना में आपने हास्य का बखूबी पुट डाला है. यह एक सकारात्मक संकेत दे रहा है. </p>
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<p>हार्दिक बधाई. </p>
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<p></p> आदरणीया अनामिका सिंह अना जी,…tag:openbooksonline.com,2018-08-19:5170231:Comment:9453562018-08-19T18:04:23.970ZSaurabh Pandeyhttp://openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया अनामिका सिंह अना जी, आपके इस दूसरे प्रयास के लिए बार-बार धन्यवाद. ऐसे ही अभ्यासों से छांदसिक रचनाओं पर पुनर्अभ्यास के प्रति विश्वास बढ़ता है. </p>
<p></p>
<p>दूसरे छंद की दूसरी पंक्ति विधानसम्मत नहीं है, आदरणीया </p>
<p></p>
<p>शुभातिशुभ</p>
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<p>आदरणीया अनामिका सिंह अना जी, आपके इस दूसरे प्रयास के लिए बार-बार धन्यवाद. ऐसे ही अभ्यासों से छांदसिक रचनाओं पर पुनर्अभ्यास के प्रति विश्वास बढ़ता है. </p>
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<p>दूसरे छंद की दूसरी पंक्ति विधानसम्मत नहीं है, आदरणीया </p>
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<p>शुभातिशुभ</p>
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