बनो सब मीत होली में -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

निभाकर  रीत होली में
दिलों को जीत होली में।१।
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भरें  जीवन  उमंगों से
चलो गा गीत होली में।२।
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सभी सुख दुश्मनी छीने
बनो सब  मीत  होली में।३।
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बहुत विरही तड़पता है
सफल हो प्रीत होली में।४।
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किसी को याद मत आये
गयी  जो  बीत  होली  में।५।
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लगे अब रोग कहते हैं
दुखों को पीत होली में।६।
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गिरा दो  रंग  बरसाकर
खड़ी हर भीत होली में।७।
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यही अरदास है पिघलें
दिलों की शीत होली में।८।
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मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'