कुंडलिया .... गौरैया

कुंडलिया - गौरैया

गौरैया  को   देखने, हम  आ  बैठे  द्वार ।
गौरैया के  झुंड  का, सुंदर   लगे  संसार ।
सुंदर लगे संसार , धरा पर  दाना  खाती ।
लेकर तिनके साथ, घोंसला खूब बनाती ।
कह ' सरना ' कविराय, धूप में ढूँढे छैया ।
उसको  उड़ते  देख, कहें  री आ  गौरैया ।

सुशील सरना / 21-3-24

मौलिक एवं अप्रकाशित 

  • Sheikh Shahzad Usmani

    बेहतरीन सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरन जी। पिछले महीने मेरे फ्लैट के किचन एक युगल गौरैया घोंसले की जगह तलाशने आया। मुझे यह दृश्य बहुत सुखद लगा। मोबाइल से वीडियो बनाने की कोशिश की, तो वे उड़ कर भाग गये। अच्छा यह लगा कि दोनों स्वस्थ लग रहे थे।

  • Sushil Sarna

    आदरणीय शेख उस्मानी साहब आदाब सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी