38 members
Description
by Sushil Sarna
Dec 18, 2022
एक प्रयास ( राजस्थानी भाषा में दोहे )
छोरी चाली सासरे ,पकड़ बींद रो हाथ।बाबुल रो घर छोड़ियो , बींद बणायो नाथ ।।
बाबुल रो घर छोड़यो, बींद बणायो नाथ ।दारू पी कर बींद ने, खूब मरोड़ो हाथ ।।
आँख दिखावे बापरो, घणो सतावे नाथ ।दारू पी पी मारतो, कियाँ निभाऊँ साथ ।।
हाल देख के बींद रो , आयो बाबुल याद ।कुण ने बोलां आपणी, या दिल रो संवाद ।।
म्हारे मन री बात ने, समझ न पायो नाथ ।ले आयो सौतन मरी , दारू अपणे साथ ।।
बींद =पति
सुशील सरना / 18-12-22मौलिक एवं अप्रकाशित
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राजस्थानी साहित्य
38 members
Description
राजस्थानी भाषा में दोहे
by Sushil Sarna
Dec 18, 2022
एक प्रयास ( राजस्थानी भाषा में दोहे )
छोरी चाली सासरे ,पकड़ बींद रो हाथ।
बाबुल रो घर छोड़ियो , बींद बणायो नाथ ।।
बाबुल रो घर छोड़यो, बींद बणायो नाथ ।
दारू पी कर बींद ने, खूब मरोड़ो हाथ ।।
आँख दिखावे बापरो, घणो सतावे नाथ ।
दारू पी पी मारतो, कियाँ निभाऊँ साथ ।।
हाल देख के बींद रो , आयो बाबुल याद ।
कुण ने बोलां आपणी, या दिल रो संवाद ।।
म्हारे मन री बात ने, समझ न पायो नाथ ।
ले आयो सौतन मरी , दारू अपणे साथ ।।
बींद =पति
सुशील सरना / 18-12-22
मौलिक एवं अप्रकाशित