38 members
Description
by डिम्पल गौड़
Feb 15, 2015
धरती रंग सुरंगी सी
मन मां रस जगावे रे
ऊँचा ऊँचा टीबा इण रां
जीवण री आस जगावे रे
लहर लहर लहरियों उड़ उड़
आसमान पर छावे रे
पंछी भी तो गीत धरा का
मधुर स्वरां म गावे रे
डिम्पल गौड़ 'अनन्या '
(मौलिक और अप्रकाशित )
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राजस्थानी साहित्य
38 members
Description
धरती रंग सुरंगी ...
by डिम्पल गौड़
Feb 15, 2015
धरती रंग सुरंगी सी
मन मां रस जगावे रे
ऊँचा ऊँचा टीबा इण रां
जीवण री आस जगावे रे
लहर लहर लहरियों उड़ उड़
आसमान पर छावे रे
पंछी भी तो गीत धरा का
मधुर स्वरां म गावे रे
धरती रंग सुरंगी सी
मन मां रस जगावे रे
डिम्पल गौड़ 'अनन्या '
(मौलिक और अप्रकाशित )