दोस्तों नेट की खराबी के चलते मैं तरही मुशायरा में शामिल नहीं हो पाया लेकिन मेरी इसमें शामिल होने की बड़ी इच्छा थी चार लाइन पेश करना चाहता हूँ और लेट लतीफी की माफ़ी भी ...
जिनकी बातों से चिढ होती थी कभी
उन्ही को फर्शी सलाम बजाना है...
जिनके पीछे पड़े थे कभी पुलिस के दस्ते
उन्ही के कदमों में जा गिरा ज़माना है
सर नीचे दिये गये लिंक या तरही मुशायरा-३ जहा आपकी ग़ज़ल पोस्ट हुई है उसके ठीक नीचे आने वाली प्रतिक्रिया को आप पढ़ सकते है, आप सीधे भी तरही मुशायरा-३ मे पोस्ट कर सकते थे किन्तु आप के नहीं कर सकने के कारण मै पोस्ट कर दिया था,
किसी भी जानकारी के लिये आप का स्वागत है , http://www.openbooksonline.com/forum/topics/obo-3?id=5170231%3ATopi...
Admin
Jul 15, 2010
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
Jul 15, 2010
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
Jul 15, 2010
PREETAM TIWARY(PREET)
Jul 15, 2010
Admin
http://openbooksonline.com/xn/detail/5170231:Comment:19883?xg_sourc...
दोस्तों नेट की खराबी के चलते मैं तरही मुशायरा में शामिल नहीं हो पाया लेकिन मेरी इसमें शामिल होने की बड़ी इच्छा थी चार लाइन पेश करना चाहता हूँ और लेट लतीफी की माफ़ी भी ...
जिनकी बातों से चिढ होती थी कभी
उन्ही को फर्शी सलाम बजाना है...
जिनके पीछे पड़े थे कभी पुलिस के दस्ते
उन्ही के कदमों में जा गिरा ज़माना है
Sep 15, 2010
Admin
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/obo-3/showLastReply
Sep 18, 2010
Admin
किसी भी जानकारी के लिये आप का स्वागत है ,
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/obo-3?id=5170231%3ATopi...
Sep 19, 2010
SARA MISRA
Nov 21, 2010
Lata R.Ojha
Nov 23, 2010