स्वागत है आशीष जी
"क्या पता होगा अपना ठिकाना कहाँ,
क्या करें तय की हमको है जाना कहाँ|
मंजिल सामने होके आवाज देगी,
वक़्त के रास्ते हमको आजमाएंगे|
कुछ समय में ......................."
आपकी लेखनी यथार्थ के धरातल पर समय की लकीर खींचती प्रतीत होती है बधाई.
प्रिय आशीष जी!
वन्दे मातरम.
हिन्दी के पुराने शब्दकोष में प्रियंका अथवा प्रियंक शब्द नहीं है.
हिन्दी समान्तर कोष (थिसारस) में प्रियंक/प्रियंका का अर्थ प्रसन्नताप्रद (पृष्ठ २१३), आनंदप्रद (पृष्ठ २१४) तथा कल्याणकारी (पृष्ठ ३७९) दिया गया है.
OBO प्रबंधन द्वारा महीने के सक्रिय सदस्य चुने जाने पर बहुत बहुत बधाई.....आशा ही नही पूर्ण विस्वास है की आपका सहयोग हमलोगों को निरंतर इसी प्रकार मिलता रहेगा.....
आदरणीय Ashish Yadav जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करे |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका प्यार इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
आपका
एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन
"महीने का सक्रिय सदस्य" चुने जाने पर मेरी भी बधाई स्वीकार करें |यूँ ही आपके सृजन रथ का कारवाँ चलता रहे यही कामना है |मुबारक हो धारदार लेखनी चलाते रहिये | आप आकाश की ऊँचाइयाँ चूमेंगे !!!! जय हो !!!!
आशीष जी!
वन्दे मातरम.
आज अकस्मात् आपकी एक जिज्ञासा पर दृष्टि गयी. आपने 'अनीता' का अर्थ जानना चाहा था. मुझे शब्द कोशों में अनीता शब्द नहीं मिला. मिलते-जुलते अन्य शब्द निम्न हैं:
अनी = नोक. कोर, ग्लानी, कुसमय, समूह, सेना.
अनीत = अन्याय, दुर्व्यवहार, दुष्कर्म.
नीत = ग्रहण किया हुआ, प्राप्त, ले जाया गया.
सामान्यतः नाम शुभ अर्थ में रखे जाते हैं. अतः अंतिम अर्थ को लें तो नीत का स्त्रीलिंग नीता = जिसे ग्रहण किया जा चुका हो = विवाहित. अनीता = जिसे ग्रहण न किया गया हो = अविवाहित.
अन्य अर्थ शुभ न होने क कारण नामादि में ग्रहणीय नहीं हैं. आशा है समाधान होगा.
आशीष जी, मैने अभी चेक किया, आपका ११ ब्लॉग मौजूद है, यदि कोई ब्लॉग आप को नहीं मिल रहा है तो आप उस का शीर्षक लिखकर भेजे, मैं आपको लिंक भेज दूंगा |
धन्यवाद |
बारिश के मौसम में तनहा मन के अहसास को आपने कागज पे उकेरा है ,सबसे पहले आपको इसके लिए बधाई ..........और हमारी रचना पसंद आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .......
साथ ही आशीष जी वह शेर दो चार सबक वाला मैंने हैप्पी होली के अंदाज़ में लिखा था आपकी भावना को चोट पहुँचाने के लिए नहीं | मैंने समीक्षा आलोचना को कत्ताअन नाराज़गी की तरह कभी नहीं लिया और न ही मैं अपने को लेखक कवि मानता हूँ | ग़ज़लों और दोहों में तकतई करना मुझे अब तक नहीं आया | कोई मिला ही नहीं जो मुझे बताता | अभी इस मंच पर अग्रजों से निवेदन कर चुका हूँ देखिये सफलता मिलती है की नहीं |
आदरणीय श्री आशीष जी , आप वह कमेन्ट पुनः डाल दें मेरा भी आग्रह है | मैं जब बाज़ार में निकला हूँ तो अपनी आम - परख कमी - बेसी सब कुछ खुद और सभी के द्वारा पढ़े सुने कहे जाने से मुझे कोई ऐतराज़ नहीं | इससे कोई छोटा बड़ा नहीं होता | रचनाकार अपनी रचना से बड़ा होता है अपनी उम्र या वरिष्ठता से नहीं | इधर ओ बी ओ में मेरे कारन से कुछ तल्खी बढ़ी है मैं इसे स्वस्थ रूप से लेता हूँ , सभी लें | अन्यथा प्रबंधन मुझे इशारा कर दे टा टा बाय बाय हो तो थोड़ी तकलीफ होगी पर बहुत कुछ सहा है कुछ और सही |
Admin
Jul 17, 2010
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
Jul 17, 2010
Rash Bihari Ravi
Jul 17, 2010
PREETAM TIWARY(PREET)
Jul 17, 2010
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
Jul 18, 2010
Admin
http://www.openbooksonline.com/group/bhojpuri_sahitya
Aug 5, 2010
Julie
Apni Dosti se Nawaazne ka Bahut-Bahut Shukariya 'Ashiah Jee'...!! -Julie :-)
Sep 6, 2010
Hilal Badayuni
aap sabhi itni muhabbato se nawaaz rahe hai aur mujhe nibha bhi rahe hai
Oct 5, 2010
Abhinav Arun
"क्या पता होगा अपना ठिकाना कहाँ,
क्या करें तय की हमको है जाना कहाँ|
मंजिल सामने होके आवाज देगी,
वक़्त के रास्ते हमको आजमाएंगे|
कुछ समय में ......................."
आपकी लेखनी यथार्थ के धरातल पर समय की लकीर खींचती प्रतीत होती है बधाई.
Oct 10, 2010
sanjiv verma 'salil'
वन्दे मातरम.
हिन्दी के पुराने शब्दकोष में प्रियंका अथवा प्रियंक शब्द नहीं है.
हिन्दी समान्तर कोष (थिसारस) में प्रियंक/प्रियंका का अर्थ प्रसन्नताप्रद (पृष्ठ २१३), आनंदप्रद (पृष्ठ २१४) तथा कल्याणकारी (पृष्ठ ३७९) दिया गया है.
Oct 14, 2010
PREETAM TIWARY(PREET)
बहुत बहुत बधाई हो....
CONGRATS ASHISH BHAI.....
Nov 1, 2010
Admin
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करे |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका प्यार इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
आपका
एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन
Nov 1, 2010
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
Nov 1, 2010
Abhinav Arun
Nov 2, 2010
sanjiv verma 'salil'
वन्दे मातरम.
आज अकस्मात् आपकी एक जिज्ञासा पर दृष्टि गयी. आपने 'अनीता' का अर्थ जानना चाहा था. मुझे शब्द कोशों में अनीता शब्द नहीं मिला. मिलते-जुलते अन्य शब्द निम्न हैं:
अनी = नोक. कोर, ग्लानी, कुसमय, समूह, सेना.
अनीत = अन्याय, दुर्व्यवहार, दुष्कर्म.
नीत = ग्रहण किया हुआ, प्राप्त, ले जाया गया.
सामान्यतः नाम शुभ अर्थ में रखे जाते हैं. अतः अंतिम अर्थ को लें तो नीत का स्त्रीलिंग नीता = जिसे ग्रहण किया जा चुका हो = विवाहित. अनीता = जिसे ग्रहण न किया गया हो = अविवाहित.
अन्य अर्थ शुभ न होने क कारण नामादि में ग्रहणीय नहीं हैं. आशा है समाधान होगा.
Nov 9, 2010
Admin
धन्यवाद |
Nov 17, 2010
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
Dec 29, 2010
Rash Bihari Ravi
Dec 29, 2010
वीनस केसरी
धन्यवाद आशीष जी,,
आप सभी का स्नेह है ...
Apr 3, 2011
nemichandpuniyachandan
Apr 11, 2011
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
हार्दिक धन्यवाद मित्र. सहयोग और विश्वास परस्पर बना रहे.
Jul 3, 2011
Shanno Aggarwal
आशीष, मित्रता के लिये बहुत धन्यबाद. और आपकी रचनायें बहुत सुंदर हैं...बधाई व शुभ कामनायें.
Aug 2, 2011
Shanno Aggarwal
Aug 2, 2011
Atendra Kumar Singh "Ravi"
बारिश के मौसम में तनहा मन के अहसास को आपने कागज पे उकेरा है ,सबसे पहले आपको इसके लिए बधाई ..........और हमारी रचना पसंद आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .......
Aug 4, 2011
Atendra Kumar Singh "Ravi"
aasish bhai aapko hamari rachna pasand aaee iske liye bahut bahut dhanyavaad.....
Aug 6, 2011
Kalu Ram
वाह बहुत खूब कविता लिखी हे आपको इसके लिए बधाई
Aug 26, 2011
Rash Bihari Ravi
dhanyavad ashish ji
Oct 3, 2011
Sanjay Mishra 'Habib'
स्वागत आशीष भाई...
आपका सादर आभार....
Nov 4, 2011
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
Dec 29, 2011
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
जन्मदिन की अनेकानेक शुभकामनाएँ .. .
Dec 29, 2011
Rash Bihari Ravi
janamdin mubarak ho
Dec 29, 2011
Mukesh Kumar Saxena
क्यो आज बार की पारियाँ
बहुत खूब लिखा है आपने जो मेरा मनोवल बड़ाया उसके लिए धन्याबाद
Jan 28, 2012
Abhinav Arun
साथ ही आशीष जी वह शेर दो चार सबक वाला मैंने हैप्पी होली के अंदाज़ में लिखा था आपकी भावना को चोट पहुँचाने के लिए नहीं | मैंने समीक्षा आलोचना को कत्ताअन नाराज़गी की तरह कभी नहीं लिया और न ही मैं अपने को लेखक कवि मानता हूँ | ग़ज़लों और दोहों में तकतई करना मुझे अब तक नहीं आया | कोई मिला ही नहीं जो मुझे बताता | अभी इस मंच पर अग्रजों से निवेदन कर चुका हूँ देखिये सफलता मिलती है की नहीं |
आदरणीय श्री आशीष जी , आप वह कमेन्ट पुनः डाल दें मेरा भी आग्रह है | मैं जब बाज़ार में निकला हूँ तो अपनी आम - परख कमी - बेसी सब कुछ खुद और सभी के द्वारा पढ़े सुने कहे जाने से मुझे कोई ऐतराज़ नहीं | इससे कोई छोटा बड़ा नहीं होता | रचनाकार अपनी रचना से बड़ा होता है अपनी उम्र या वरिष्ठता से नहीं | इधर ओ बी ओ में मेरे कारन से कुछ तल्खी बढ़ी है मैं इसे स्वस्थ रूप से लेता हूँ , सभी लें | अन्यथा प्रबंधन मुझे इशारा कर दे टा टा बाय बाय हो तो थोड़ी तकलीफ होगी पर बहुत कुछ सहा है कुछ और सही |
Mar 10, 2012
PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
sundar vicharon ki dharti par aap ka swagat hai.
Mar 17, 2012
PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
dhanyvad ashish ji, sneh banaye rakhiye.
Apr 2, 2012
Sarita Sinha
thanx ashish ji for liking my post...
Apr 12, 2012
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
Dhanyavaad Ashish Bhai.
May 4, 2012
MAHIMA SHREE
swagat hai
May 19, 2012
डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
आशीष जी आपकी दाद के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ! अच्छा लिखते हो ! ऐसे ही लिखते रहो और सबका मनोरंजन करते रहो !!
May 26, 2012
डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
आशीष जी आपकी शुभकमानयों और बधाइयों के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
Jun 1, 2012
अरुण कान्त शुक्ला
आशीष जी मित्र बनने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद |
Jun 6, 2012
कुमार गौरव अजीतेन्दु
Jun 25, 2012