मैं समझता हूँ की आरक्षण हर क्षेत्र में होना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री और अन्य सभीमंत्रियों को इसे बढ़ाने में समर्थन देता हूँ। आरक्षण की शुरुआत हमारी क्रिकेट टीम से होनी चाहिये।
उसमे 10% आरक्षण मुस्लिम के लिए होना चाहिए। 30% ओबीसी/एससी/एसटी और अन्य के लिए। क्रिकेट के नियम भी आरक्षण के हिसाब से बदलने चाहिये।
बाउंड्री ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम के लिए छोटी करनी चाहिए। किसी ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी द्वारा मारे गए चौके को छक्का और छक्के को आठ रन मानने चाहिए। किसी ओबीसी/एससी/एसटी और मुस्लिम खिलाड़ी द्वारा बनाए गए 60 रनों को शतक मान लेना चाहिए। हमें आईसीसी से बात करके उन्हे मनाना चाहिए और ऐसे नियम बनवाने चाहिए जिससे शोइब अख्तर और ब्रेट ली जैसे तेज़ गेंदबाज किसी ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी को तेज़ गेंद नहीं फेकेंगे। कोई भी गेंदबाज ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी को अधिकतम 80 किलोमीटर/घंटा की रफ्तार से गेंद फेकेगा। इस रफ्तार से अधिक रफ्तार की गेंदों को नो-बॉल मान लिया जाएगा।
हमें ओलंपिक मे भी आरक्षण देना चाहिये। 100 मीटर की रेस में किसी भी ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी को 80 मीटर में स्वर्ण पदक दिया जाना चाहिए।
सरकारी नौकरी में भी आरक्षण होना चाहिए। सबसे पहले नेताओं और मंत्रियों के विमानों के लिए ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम पायलट की भर्ती करनी चाहिए (इससे देश का भला होगा)। ये भी सुनिश्चित करना चाहिए की नेताओं और मंत्रियों के ऑपरेशन ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम डॉक्टर ही करेंगे (देश को बचाने का एक और तरीका)।
देश को आगे बढ़ाने के तरीकों के बारे में थोड़ा अलग सोचो। दिखा दो दुनिया को की भारत एक महान देश है। भारतीय होने पर गर्व करो।
--- * विप्रो के चेयरमैन "अज़ीम प्रेमजी" का आरक्षण पर तर्क *
॥ अरे, भ्रष्ट नेताओं हमें जातियों में मत बांटो , हमारी एक ही जाति है ""भारतीय"" ॥
Admin
Sep 15, 2011
devendra upadhyay
उसमे 10% आरक्षण मुस्लिम के लिए होना चाहिए। 30% ओबीसी/एससी/एसटी और अन्य
के लिए। क्रिकेट के नियम भी आरक्षण के हिसाब से बदलने चाहिये।
बाउंड्री ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम के लिए छोटी करनी चाहिए। किसी
ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी द्वारा मारे गए चौके को छक्का और छक्के
को आठ रन मानने चाहिए। किसी ओबीसी/एससी/एसटी और मुस्लिम खिलाड़ी द्वारा
बनाए गए 60 रनों को शतक मान लेना चाहिए। हमें आईसीसी से बात करके उन्हे
मनाना चाहिए और ऐसे नियम बनवाने चाहिए जिससे शोइब अख्तर और ब्रेट ली जैसे
तेज़ गेंदबाज किसी ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी को तेज़ गेंद नहीं
फेकेंगे। कोई भी गेंदबाज ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी को अधिकतम 80
किलोमीटर/घंटा की रफ्तार से गेंद फेकेगा। इस रफ्तार से अधिक रफ्तार की
गेंदों को नो-बॉल मान लिया जाएगा।
हमें ओलंपिक मे भी आरक्षण देना
चाहिये। 100 मीटर की रेस में किसी भी ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी
को 80 मीटर में स्वर्ण पदक दिया जाना चाहिए।
सरकारी नौकरी में भी
आरक्षण होना चाहिए। सबसे पहले नेताओं और मंत्रियों के विमानों के लिए
ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम पायलट की भर्ती करनी चाहिए (इससे देश का भला
होगा)। ये भी सुनिश्चित करना चाहिए की नेताओं और मंत्रियों के ऑपरेशन
ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम डॉक्टर ही करेंगे (देश को बचाने का एक और
तरीका)।
देश को आगे बढ़ाने के तरीकों के बारे में थोड़ा अलग सोचो। दिखा दो दुनिया को की भारत एक महान देश है। भारतीय होने पर गर्व करो।
--- * विप्रो के चेयरमैन "अज़ीम प्रेमजी" का आरक्षण पर तर्क *
॥ अरे, भ्रष्ट नेताओं हमें जातियों में मत बांटो , हमारी एक ही जाति है ""भारतीय"" ॥
जय हिन्द, जय भारत !!
वंदे मातरम !! — at भारत .
Dec 10, 2011
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
Sep 10, 2012