भारतीय छंद विधान

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कामरूप छंद // --सौरभ

आज हम कामरूप छंद पर चर्चा करते हैं. इसे वैताल छंद के नाम से भी जाना जाता है.  

यह 26 मात्राओं के चार पदों का छंद है.  दो-दो पदों पर तुकान्तता बनती है.

नियमों को क्रमबद्ध किया जाय तो नियमों की सूची कुछ यों बनेगी -

1. चार पदों के इस छंद में दो-दो पदों की तुकान्तता बनती है.
2. पदों की यति 9-7-10 पर होती है. यानि प्रत्येक पद में तीन चरण होंगे. पहला चरण 9 मात्राओं का, दूसरा चरण 7 मात्राओं का तथा तीसरा चरण 10 मात्राओं का होगा.
3. पदांत या तीसरे या आखिरी चरण का अंत गुरु-लघु (ऽ। या 2 1) से होता है.
4. पदों की मात्राओं के आंतरिक विन्यास के अनुसार -
        A.  पहले चरण का प्रारम्भ गुरु या लघु-लघु से हो.
        B.  दूसरे चरण का प्रारम्भ गुरु-लघु से हो. यानि, दूसरे चरण का पहला शब्द या शब्दांश ऐसा त्रिकल बनावे जिसका पहला अक्षर दो मात्राओं का हो. जैसे, धार जिसकी मात्रा ऽ। यानि 2 1 होती है.
        C.  तीसरे चरण का प्रारम्भिक शब्द भी त्रिकल ही बनाए, लेकिन इस त्रिकल को लेकर कोई मात्रिक विधान नहीं है. अर्थात, प्रारम्भिक शब्द धार (ऽ। ) या धरा (।ऽ) हो सकते है.

उदाहरण -
मांगें युवतियाँ, ठोंक छतियाँ, न्याय दे सरकार.
जो पुरुष कामी, नारि गामी, बदचलन बदकार,
ये लाज लूटे, भाग फूटे, देव इसको मार.
फाँसी चढ़ा दो, सर उड़ा दो, हो तभी प्रतिकार..  (श्री आलोक सीतापुरी)

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--सौरभ

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ध्यातव्य :  सूचनायें और जानकारियाँ उपलब्ध साहित्य पर अधारित है.

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    डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

    आदरणीय सौरभ जी

    एक जिज्ञासा और है  i पदों की यति  9,7,10 तो सही है  पर संगठन 9+7+7+2+1  होना भी शायद एक्षित है i अनुमोदन  या मार्ग दर्शन चाहूँगा

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      सदस्य कार्यकारिणी

      मिथिलेश वामनकर

      सीतारामजी, राम सीता, राम सीताराम 

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      आदरणीय सौरभ सर, जानकारी के लिए आभार 

      एक निवेदन- कुछ और उदाहरण होते तो छंद की लय पकड़ने में सहजता होती.

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        सदस्य कार्यकारिणी

        मिथिलेश वामनकर

        सीखे गजल हम,

        गीत गाए,

        ओबिओ के साथ।

        जो भी कमाया, नाम

        माथे, ओबिओ का हाथ।

        जो भी सृजन में,

        भाव आए,

        ओबिओ विश्वास।

        हो जब ज़रूरत,

        दौड़ आते,

        ओबिओ के पास।