वाह जनतंत्र , कुर्सी स्वतंत्र , आदमी परतंत्र। कल कुर्सी पर था तो स्वतंत्र था , आज हट गया , परतंत्र हो गया।........... 1.
किसी को भी कहीं भी यूं ही बुरा बोल देते हो। सच , किसी बुरे को भी कभी बुरा बोल लेते हो।...........2.
कुछ कर न कर दूसरे के काम में दखल जरूर कर। अच्छा बोल , बुरा बोल , कैसा भी बोल, शहद में लपेट कर बोल l.......... 3.
मौलिक एवं अप्रकाशित