एक आयु के उपरान्त
प्रेम मुदित तुम्हारा लौट आना
गुज़रती साँसों को मानो
संजीवनी की बूटी से
साँस नई दे देना
स्नेह का यह फल मीठा
और अति आनन्ददायक था
सूने सूखे प्यासे ठूँठ को जैसे
एक आयु के बाद
कुछ घूँट पानी मिला
मेरा मन हँसा, फिर
स्नेह की रिमझिम सोंधी गन्ध में
संध्यावेला में उगते तारों के संग
झूमते-गाते कुछ और हँस दिया
इस नए हृदय-स्पन्दन को थपथपाते
बचपन की अधभूली लोरी को दुलारते
प्रसन्न था मैं, प्…