वादे तेरे अब मेरे.......
किसे बताऊँ जिंदगी में कितनी घनेरी छाई रात है
धड़कते ह्रदय किसी की असहनीय घाव है
हम भी चाहते है की तुम्हें भूल जाऊं
पर तेरी चाहत की नहीं दिल में कोई घात है
हर कोशिश नाकाम हो जाती है,
जो तुम्हें भुलाने के लिए मै करता,
कोई तो कभी समझे ह्रदय में गहरी दवी कोई बात है
कर के वादा तुम निभा ना सके,
गर मै ज़िंदा रहा तो तेरे उन वादों की कसम,
पूरा करूंगा हुई है जो तेरी मेरी…