मैं उसे देखकर मुस्कराता रहा,
वो मुझे देखकर मुस्कराती रही। उस कहानी का किरदार मैं ही तो था, जो कहानी वो सबको सुनाती रही।।
मैं चला घर से मुझ पर गिरीं बिजलियां बदलियां नफरतों की बरसने लगीं, बुझ न जाए दिया इसलिए डर गया देखकर आंधियां मुझको हंसने लगीं, दुश्मनी जब अंधेरे निभाने लगे रोशनी साथ मेरा निभाती रही, मैं उसे देखकर मुस्कराता...
प्यास तुमको है तुम तो हो प्यासी नदी एक सागर को क्या प्यास होगी भला,…