Mamta gupta's Posts - Open Books Online2024-03-29T04:52:11ZMamta guptahttp://openbooksonline.com/profile/Mamtaguptahttp://storage.ning.com/topology/rest/1.0/file/get/986210709?profile=original&width=48&height=48&crop=1%3A1http://openbooksonline.com/profiles/blog/feed?user=0u4xvtyu91f2h&xn_auth=noजो भी ज़िक्रे ख़ुदा नहीं करतेtag:openbooksonline.com,2021-06-22:5170231:BlogPost:10617782021-06-22T07:52:09.000ZMamta guptahttp://openbooksonline.com/profile/Mamtagupta
जो भी ज़िक्रे ख़ुदा नहीं करते<br />
वो किसी के हुआ नहीं करते<br />
<br />
नेमतें पा के लोग क्युं आख़िर<br />
शुक्रे ख़ालिक़ अदा नहीं करते<br />
<br />
राहे हक़ पर जो गामज़न हैं बशर<br />
वो किसी का बुरा नहीं करते<br />
<br />
दिल मेरा ग़मज़दा नहीं होता<br />
वो जो मुझसे दग़ा नहीं करते<br />
<br />
जाने क्या हो गया है अब उनको<br />
मुझसे हँस कर मिला नहीं करते<br />
<br />
याद आती नहीं अगर उन की<br />
हम कभी रत-जगा नहीं करते<br />
<br />
लाख कोशिश करो मिटाने की<br />
नक़्शे उल्फ़त मिटा नहीं करते<br />
<br />
ज़ुल्म से 'नाज़' हक़परस्त कभी<br />
कोई शिकवा गिला नहीं करते<br />
<br />
ममता गुप्ता "नाज़"
जो भी ज़िक्रे ख़ुदा नहीं करते<br />
वो किसी के हुआ नहीं करते<br />
<br />
नेमतें पा के लोग क्युं आख़िर<br />
शुक्रे ख़ालिक़ अदा नहीं करते<br />
<br />
राहे हक़ पर जो गामज़न हैं बशर<br />
वो किसी का बुरा नहीं करते<br />
<br />
दिल मेरा ग़मज़दा नहीं होता<br />
वो जो मुझसे दग़ा नहीं करते<br />
<br />
जाने क्या हो गया है अब उनको<br />
मुझसे हँस कर मिला नहीं करते<br />
<br />
याद आती नहीं अगर उन की<br />
हम कभी रत-जगा नहीं करते<br />
<br />
लाख कोशिश करो मिटाने की<br />
नक़्शे उल्फ़त मिटा नहीं करते<br />
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ज़ुल्म से 'नाज़' हक़परस्त कभी<br />
कोई शिकवा गिला नहीं करते<br />
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ममता गुप्ता "नाज़"