K.Kumar 's Posts - Open Books Online2024-03-29T10:00:26ZK.Kumar http://openbooksonline.com/profile/KKumarhttp://storage.ning.com/topology/rest/1.0/file/get/2991289492?profile=RESIZE_48X48&width=48&height=48&crop=1%3A1http://openbooksonline.com/profiles/blog/feed?user=1fa20p0v9cccj&xn_auth=noमैं कौन हूँ ?tag:openbooksonline.com,2017-12-30:5170231:BlogPost:9068512017-12-30T08:00:00.000ZK.Kumar http://openbooksonline.com/profile/KKumar
<p>मैं कौन हूँ ?</p>
<p>------------------------------</p>
<p>कलम हूँ, इसलिए लिखता हूँ ,<br></br> कागज हूँ, इसलिए पढ़ा जाता हूँ |</p>
<p></p>
<p>कथा हूँ, इसलिए कहा जाता हूँ,<br></br> व्यथा हूँ, इसलिए सुना जाता हूँ |</p>
<p></p>
<p>काव्य हूँ, इसलिए भव्य हूँ <br></br> शांत हूँ, इसलिए द्रव्य हूँ |</p>
<p></p>
<p>हार हूँ, इसलिए प्रहार हूँ ,<br></br> जीत हूँ, इसलिए त्यौहार हूँ |</p>
<p></p>
<p>मृत हूँ, इसलिए अमृत हूँ,<br></br> जीवन हूँ, इसलिए सृष्ट हूँ |</p>
<p></p>
<p>शौर्य हूँ, इसलिए प्रकाश हूँ,<br></br> चंद्र हूँ, इसलिए…</p>
<p>मैं कौन हूँ ?</p>
<p>------------------------------</p>
<p>कलम हूँ, इसलिए लिखता हूँ ,<br/> कागज हूँ, इसलिए पढ़ा जाता हूँ |</p>
<p></p>
<p>कथा हूँ, इसलिए कहा जाता हूँ,<br/> व्यथा हूँ, इसलिए सुना जाता हूँ |</p>
<p></p>
<p>काव्य हूँ, इसलिए भव्य हूँ <br/> शांत हूँ, इसलिए द्रव्य हूँ |</p>
<p></p>
<p>हार हूँ, इसलिए प्रहार हूँ ,<br/> जीत हूँ, इसलिए त्यौहार हूँ |</p>
<p></p>
<p>मृत हूँ, इसलिए अमृत हूँ,<br/> जीवन हूँ, इसलिए सृष्ट हूँ |</p>
<p></p>
<p>शौर्य हूँ, इसलिए प्रकाश हूँ,<br/> चंद्र हूँ, इसलिए आकाश हूँ |</p>
<p></p>
<p>भाव हूँ, इसलिए प्रभाव हूँ,<br/> संयम हूँ, इसलिए अभाव हूँ |</p>
<p></p>
<p>युवा हूँ, इसलिए जुआ हूँ,<br/> गहरा हूँ, इसलिए कुआं हूँ |</p>
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<p>पुष्प हूँ, इसलिए उपहार हूँ, <br/> अर्चन हूँ इसलिए कुमार हूँ |</p>
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<p>आकार हूँ, इसलिए विकार हूँ,<br/> साकार हूँ, इसलिए साहित्यकार हूँ |</p>
<p></p>
<p>प्रेम नमन :- के.कुमार 'अभिषेक' <br/> ( मौलिक व् अप्रकाशित)</p>