Added by sanjiv verma 'salil' on March 7, 2011 at 5:38pm — 2 Comments
Added by sanjiv verma 'salil' on March 7, 2011 at 5:30pm — 3 Comments
8 मार्च -अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
जंग ए आजादी के दौर में राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त ने आंख के आंसूओं में अपनी कलम डूबाकर इन पंक्तियों की रचना की थी
अबला जीवन तेरी हाय यही कहानी !
आंचल में है दूध और आंखों में पानी
आज़ादी के दौर में यह कहानी बहुत कुछ बदल चुकी है। देश की महिलाएं सातवें आसमान में देश का झंडा गाड़कर कल्पना चावला बन रही हैं। किरन बेदी बनकर अपराधियों से लोहा ले रही हैं। अरुणा राय और मेधा…
ContinueAdded by prabhat kumar roy on March 7, 2011 at 7:00am — No Comments
Added by arvind yogi on March 5, 2011 at 11:43pm — 3 Comments
Added by Akhileshwar Pandey on March 1, 2011 at 4:30pm — 3 Comments
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