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VIRENDER VEER MEHTA's Blog – January 2016 Archive (2)

ठोकर

ठोकर

एक हल्का सा धमाका हुआ और रेल की पटरी एक जगह से ऊखड़ गयी। कोहरे भरी सुबह को और घना करते बारूद के धुऐं पर एक उचटती नजर डाल वो सोचने लगा। "हमारे जीवन में धुंध की तरह छाया अँधेरा भी अब जल्दी ही छंट जायेगा। घर की टूटी छत, मां की बीमारी, बहन का गौना और खाली पेट सोने की आदत। बस कुछ ही पल में ट्रेन यहाँ से गुजरेगी और........।"

ट्रेन की आती आवाज ने उसे सतर्क कर दिया। दिमाग अभी भी विचारो में उलझा था। "बाबा तुमने कहा था न कि मेरे सपनो को मेरा बेटा पूरे करेगा। अब बहुत जल्दी आप की हर बात को… Continue

Added by VIRENDER VEER MEHTA on January 27, 2016 at 11:03pm — 9 Comments

एक और आकांक्षा (लघुकथा)

दिन में क्षण क्षण परेशान करते मीडिया तथा समाज के कटाक्ष और रात में एकाकी जीवन की भयावह राते। विलासिता की आदी हो चुकी कामना के लिए जब ये सब असहनीय हो गया तो विवश हो उसे एक ही रास्ता नज़र आया और वो उसकी ओर चल पड़ी। नशे की अत्यधिक मात्रा से अर्धचेतना में जाती कामना अतीत में खोती चली गयी।...........

"वर्षो पहले मिस मनाली का ताज पहनाते युवा विवाहित नेता मणिधर की पहचान से शुरू हुआ अनन्त इच्छाओ का आकाश कब 'लिव इन रिलेशनशिप' में बदला और कब उसने मातृत्व के सुख को पा लिया पता ही नहीं चला, लेकिन…

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Added by VIRENDER VEER MEHTA on January 3, 2016 at 9:30am — 2 Comments

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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