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Rajesh kumari's Blog – December 2015 Archive (2)

कसीदे काम के पिछले सुना है वो पढ़ेगा कल (नव वर्ष पर ग़ज़ल 'राज )

नई हसरत नई हिम्मत नई परवाज़ देगा कल

मिटाने  तीरगी सबकी  नया सूरज उगेगा कल

 

नये सपने उगाये खेत में देखो सियासत ने

फ़लक तक कीमतें पाकर बशर बेबस हँसेगा कल

नये इस दौर में आकर हुआ नेता कलम मेरा

अधूरा छोड़ कर कल का नया वादा लिखेगा कल 

 

किसी भी रोज दफ्तर में किया कुछ भी नहीं जिसने

कसीदे काम के पिछले  सुना है वो पढ़ेगा कल

 

जो पिछले साल सोचे थे हुए पूरे कहाँ उसके  

भुलाकर वो पुराने अब नये संकल्प लेगा…

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Added by rajesh kumari on December 29, 2015 at 8:30pm — 10 Comments

टूटे हुए मकान का सामान बन गये (तरही ग़ज़ल 'राज ')

221  2121   1221   212

अपने लहू से आज वो अन्जान बन गये

टूटे हुए मकान का सामान बन गये

 

ज़ज्बात से किसी को यहाँ वास्ता नहीं

ड्राइंग रूम में रखा दीवान बन गये 

 

बेगानों की तरह रहे अपने ही देश में

बस चार पाँच दिन के ही मेह्मान बन गये

 

अपने ही घर में किश्तियाँ महफूज़ हैं कहाँ

साहिल के आस पास ही तूफ़ान बन गये

 

छोड़ी कसर न देखिये कुदरत को लूटकर

आफ़ात आ पड़ी तो अब इंसान बन गये

 

करतूत वो करें…

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Added by rajesh kumari on December 26, 2015 at 12:28pm — 20 Comments

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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