For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नादिर ख़ान's Blog (47)

वही हँसाता है हमें, वही रुलाता है

वही हँसाता है हमें, वही रुलाता है

गम ओर ख़ुशी देकर आज़माता है

 

अपनों की अहमियत भी सीखाता है

बिछुडों को फिर वही मिलाता है

 

यकीं खुदा का तो बड़ा सीधा है

मारता है वही,वही जिलाता है

 

इसका उसका क्या है जग में

सबका हिस्सा तो वही बनाता है

 

नेमतें उसकी तो बड़ी निराली है

छीनता है कभी,कभी  दिलाता है

 

मेरे घर में कभी तुम्हारे घर में

खुशियाँ भी तो वही पहुँचाता है

 

आखिर भूले…

Continue

Added by नादिर ख़ान on October 17, 2012 at 11:15am — No Comments

हाईकु

जिम्मेदारियाँ

हो राज या समाज

धर्म निभाना

 

जिम्मेदारियाँ

खुद का आंकलन

जाँच परख

 

जिम्मेदारियाँ

जब भी हो चुनाव

खरा ही लेना

 

जिम्मेदारियाँ

धरती या आकाश

प्यार ही बाँटे

Added by नादिर ख़ान on October 16, 2012 at 12:44pm — 3 Comments

जमें रहना है

तालाब में मगरमच्छ

शिकार की तलाश में हैं

गिरगिट अपना रंग बदले

दबे पाँव जमे हैं

मकड़ियाँ जाल बुनने में

व्यस्त हैं ।

इन सबके बीच

फूलों को  फर्क नहीं पड़ता…

Continue

Added by नादिर ख़ान on October 12, 2012 at 4:00pm — 2 Comments

हमने शेरों को

हमने शेरों को ठिकाने दिये हैं
आज गीदड़ हमें डराने लगे हैं

जिनके हाथों में रहनुमाई दी थी
बस्तियाँ हमारी वो जलाने लगे हैं

जिन्हे धर्म का मतलब नहीं पता
लोग क़ाज़ी उन्हें बनाने लगे हैं

लूट-खसोट, धोखा जिनका ईमान
वो तहज़ीब हमको सिखाने लगे हैं 

जो आए तो थे ख़बर हमारी लेने
हौंसला देख ख़ुद लड़खड़ाने लगे हैं

Added by नादिर ख़ान on October 7, 2012 at 11:30pm — 10 Comments

ये परेशानियाँ तो आनी-जानी है

ये परेशानियाँ तो आनी-जानी है

मधुमेह तो कभी दिल की बीमारी है

 

गम है तो खुशी की वजहें भी हैं

रोते गुज़रे तो क्या जिंदगानी है

 

दिल के ज़ख़्मों से यूँ न घबराओ

बीते वक़्त की ये हसीं निशानी है

 

वक़्त बे वक़्त कुछ नहीं होता

जो मिला सब खुदा की मेहरबानी है

 

हर काम कल पर न छोड़ा करो

बर्बादिये वक़्त भी एक बीमारी है

 

गम की वजहें समझ नहीं आती

यही तो हमारी तुम्हारी कहानी है 

Added by नादिर ख़ान on October 4, 2012 at 6:32pm — 4 Comments

शर्मिंदा हूँ

मनाना तो चाहता हूँ ईद

मगर बंद है

मेरे दिल के दरवाज़े

और ईद का चाँद

मुझे दिखाई नहीं पड़ता

 

दिवाली,दशहरा कैसे मनाऊँ

मेरे अन्दर का रावण

नहीं मरता मुझसे

 

बापू की जयंती है

पर मै

उनसे भी शर्मिंदा हूँ  

मेरे अन्दर हिंसा है

लालच है

मै नहीं मिला पाता

अपनी नज़रें

उनकी तस्वीर से

 

जिन शहीदों ने

जान तक दे दी

हमारी आज़ादी के लिए

हमने उनका सब कुछ लूट…

Continue

Added by नादिर ख़ान on September 30, 2012 at 7:00pm — 5 Comments

ख़ुद अपनी आँच में

तुम जल रहे हो, हम जल रहे हैं

ख़ुद अपनी आँच में पिघल रहे हैं

 

नया  दौर  हैं नये हैं रस्मों-रिवाज़

अब इंसानियत के पैगाम बदल रहे हैं

 

बाज़ारों की रौनक है, जादू का खेल

किस…

Continue

Added by नादिर ख़ान on September 28, 2012 at 4:00pm — 6 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service