मन के जीते जीत है मन के हारे हार
मन चाहे तो मिल जाए आँगन में हरिद्वार
क्यों चले बाज़ार में करने को चित्कार
मन की बात जो मान गए हो जाए सब उपचार
बस मन हिन मानिए पट दिखलाए सटीक
वापस लौट के आ जाए पथ से भटका…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 2, 2023 at 8:16am — No Comments
तेरे रूठने का सिलसिला कुछ ज्यादा हीं बढ़ गया है
लगता है मुझे दिल का किराया बढ़ाना होगा
बहुत जिये तेरी उम्मीद के साये में अब तक
अब खुदका एक तय आशियाँ बनाना होगा
सब जानते है पता जिसने ताजमहल बनवाया था
मगर उन गुमशुदा…
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 24, 2023 at 11:24pm — 1 Comment
मोहब्बत है या नफरत है सभी कुछ जनता हूँ मैं
इन लहजों को अदाओं को बहुत पहचानता हूँ मैं
तेरे आने से फैली है जो खुशबू इन हवाओं में
इस खुशबू से उस आहट तक तुझे पहचानता हूँ मैं
कभी कुछ सोचना चाहा ख़यालों में तुम्ही ही आए …
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 16, 2023 at 8:39pm — 1 Comment
दबा कर आँखों में आँसू यूं मुस्कुरा जाते हो तुम
देकर खुशियाँ अपने हिस्से की हमें ग़म भुला जाते हो तुम
कैसे अपने एहसासों को ज़ुबां पर आने नहीं देते
दिल के बवंडर को क्यों बह जाने तुम नहीं देते
कैसे हर बार तुम हीं अपने अरमानो को दबाते हो …
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 10, 2023 at 6:47am — No Comments
कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है
मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है?
क्यों है तू फंसा हुआ, बंधनों में बंधा हुआ
अपनी भावनाओं के रस्सी में कसा हुआ
त्याग चिंताओं को अब चिंतन की राह धरो
स्वयं पर विश्वास कर दृढ़ हो…
ContinueAdded by AMAN SINHA on June 3, 2023 at 7:26pm — No Comments
एक जीवन मे नारी का तीन जन्म होता है
लेकिन हर जनम मे उसका कर्म अलग होता है
पहला रूप है पुत्री का, पिता के घर वो आती है
संग में अपने मात-पिता का स्वाभिमान भी लाती है
यहाँ कर्म हैं मात-पिता की सेवा निशदिन करते रहना …
ContinueAdded by AMAN SINHA on May 21, 2023 at 6:00am — No Comments
Added by AMAN SINHA on May 14, 2023 at 8:30am — 1 Comment
मेरी खूबसूरती श्राप है
मेरे पूर्व जन्म का पाप है
जितनों को मैंने छला होगा
ये उन सबका अभिशाप है
घर से निकल ना पाऊँ मैं
रास्ते पर चल ना पाऊँ मैं
कपड़े गहनों की बात हीं…
ContinueAdded by AMAN SINHA on May 7, 2023 at 6:39am — 1 Comment
मैं जिया हूँ दो दफा और दो दफा हीं मैं मरा हूँ
पर अधूरी ख्वाहिशो संग हर दफा हीं मैं रहा हूँ
चाह मेरी जो भी थी वो मेरे पास थी सदा
पर मेरे पहुँच से देखो दूर थी वो सर्वदा
राह जो चुनी थी मैंने पूरी तरह सपाट थी
पर मेरे लिए हमेशा बंद उसकी कपाट थी
मैंने जो गढ़ी इमारत दीवार जो बनाई थी
उसकी नींव में हमेशा हो रही खुदाई थी
मैं चला था साथ जिसके मंज़िलों के प्यास में
वो रहा था पास मेरे किसी दूसरे के आस में
साथ…
ContinueAdded by AMAN SINHA on May 1, 2023 at 5:30am — 2 Comments
चार रुपये लिए थे, मेरे दादा ने कर्ज़ में
कल तक बाबा चुका रहे थे, ब्याज उसका फर्ज़ में
रकम बढ़ी फिर किश्त की, हर साल के अंत में
मूलधन खड़ा है अब भी, ब्याज दर के द्वंद में
चार बीघा ज़मीन थी, अपना खेत खलिहान था
हँसता खेलता घर हमारा, स्वर्ग के समान था
बाढ़ आयी सब तबाह हुआ, बाबा की हिम्मत टूट गयी
कल तक जो खिली हुई थी, किस्मत जैसे…
ContinueAdded by AMAN SINHA on April 23, 2023 at 8:32am — 2 Comments
जिस दौर से हम-तुम गुजरे है,
वो दौर ज़माना क्या जाने?
हम दोनों हीं बस किरदार यहाँ के,
कोई अपना अफसाना क्या जाने
रंगमंच के पर्दे के पीछे
चरित्र सभी गढ़े जाते है
जो कहते है जो करते है
वो बोल सभी लिखे जाते है
हम दोनों अपने किरदार में थे
अपनी बेचैनी कोई क्या जाने?
जिस दौर से हम तुम गुजरे है,
वो दौर जमाना क्या जाने?
है एक लम्हे का साथ सही,
पर साथ पुराना लगता है
तुम कंधे…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 23, 2023 at 10:03am — No Comments
Added by AMAN SINHA on March 14, 2023 at 10:12am — 1 Comment
Added by AMAN SINHA on February 27, 2023 at 12:52pm — 4 Comments
Added by AMAN SINHA on February 25, 2023 at 12:31pm — No Comments
वही दिन है वही रातें जैसे वर्षों पहले थे
पर अब जैसे तुम मिले हो पहले तो ऐसे ना थे
अब भी पुरानी तसवीरों में ऐसी है मुस्कान तेरी
जैसे कोई बांध के रख दे नज़रों से जुबान मेरी
सन्दुक में रखे कपड़े तेरे नए आज भी लगते हैं
तेरी यादों की खुशबू से महके-महके से रहते हैं
हंसी पुरानी गयी कहाँ अब तेरे कपड़े तो ऐसे ना थे
पर अब जैसे तुम मिले…
ContinueAdded by AMAN SINHA on February 22, 2023 at 10:00am — No Comments
करूंगा याद तुम्हें इतना, मुझे भुला ना पाओगे
जपूँगा नाम मैं इतना, कि पानी पी ना पाओगे
हरेक आहट पर ये सोचोगे, मेरी आहट कहीं ना हो
दिखूँगा ख्वाब में इतना, कभी तुम सो ना पाओगे
रहूँगा पास मैं इतना, जुदा तुम हो ना पाओगे
रहूँगा सांस में ऐसे, अकेले रह ना पाओगे
कभी जो छोड़ना चाहो, मुझे तन्हा अंधेरे में
है मेरा वायदा तुमसे, अकेले चल ना…
ContinueAdded by AMAN SINHA on February 11, 2023 at 7:17am — No Comments
वक़्त को भी चाहिए वक़्त, घाव भरने के लिए
ज़ख्म कितने है लगे, हिसाब करने के लिए
बस दवाओं से हमेशा, बात बनती है नहीं
एक दुआ भी चाहिए, असर दिखाने के लिए
खींच लेता हैं समंदर, लहरों को आगोश में
सागर तो होना चाहिए, सैलाब लाने के लिए
पानी में डूबा हुआ, लोहा कभी सड़ता नहीं
बस हवा हीं चाहिए, उसे जंग खाने के…
ContinueAdded by AMAN SINHA on January 23, 2023 at 5:24pm — 1 Comment
कभी मैं दासतां दिल की, नहीं खुल के बताता हूँ
कई हैं छंद होंठो पर, ना उनको गुनगुनाता हूँ
अभी तो पाया था मैंने, सुकून अपने तरानों से
उसे तुम भी समझ जाओ, चलो मैं आजमाता हूँ
जो लिखता हूँ जो पढ़ता, हूँ वही बस याद रहता है
बस कागज कलम हीं है, जो मेरे पास रहता है
भरोसा बस मुझे मेरी, इन चलती उँगलियों पर है
ज़हन जो सोच लेता है, कलम वो छाप देता है
भले दो शब्द हीं लिक्खु, पर उसके मायने तो हो
सजाने को मेरे घर में , कोई एक आईना…
ContinueAdded by AMAN SINHA on January 16, 2023 at 11:30am — No Comments
अपनों को खो देना का ग़म, रह रह कर हमें सताएगा
चाहे मरहम लगा लो जितना, ये घाव ना भरने पाएगा
कैसे हम भुला दे उनको, जो अपने संग हीं बैठे थे
रिश्ता नहीं था उनसे फिर भी, अपनो से हीं लगते थे
कैसे हम अब याद करे ना, उन हँसते-मुस्काते चेहरों को
एक पल में हीं जो तोड़ निकल गए, अपने सांस के पहरों को
हम थे, संग थे ख्वाब हमारे, बाकी सब दुनियादारी…
ContinueAdded by AMAN SINHA on January 10, 2023 at 9:54am — No Comments
तेरे उपकार का ये ऋण, भला कैसे चुकाऊंगा?
दबा हूँ बोझ में इतना, खड़ा अब हो ना पाऊँगा
मेरी पूंजी है ये जीवन, जो तुम चाहो तो बस ले लो
सिवा इसके तुम्हें अर्पण, मैं कुछ भी कर ना पाऊँगा
दिया था हाथ जब तुमने, मैं तब डूबता हीं था
सम्हाला था मुझे तुमने, के जब मैं टूटता हीं था
मैं भटका सा मुसाफिर था, राह तू ने था…
ContinueAdded by AMAN SINHA on December 26, 2022 at 2:22pm — No Comments
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