Comments - अहसास की ग़ज़ल-मनोज अहसास - Open Books Online2024-03-29T16:04:32Zhttp://openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1000363&xn_auth=noजनाब मनोज अहसास जी आदाब, ग़ज़ल…tag:openbooksonline.com,2020-01-31:5170231:Comment:10002922020-01-31T10:05:52.903ZSamar kabeerhttp://openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p><span>'तबीयत से संग हमसे उछाले नहीं गए'</span></p>
<p><span>ये मिसरा बह्र में नहीं,सहीह शब्द है "तबीअत"</span></p>
<p></p>
<p><span>'किस्मत के लिखे फैसले टाले नहीं गए'</span></p>
<p><span>ये मिसरा बह्र में नहीं है ।</span></p>
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p><span>'तबीयत से संग हमसे उछाले नहीं गए'</span></p>
<p><span>ये मिसरा बह्र में नहीं,सहीह शब्द है "तबीअत"</span></p>
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<p><span>'किस्मत के लिखे फैसले टाले नहीं गए'</span></p>
<p><span>ये मिसरा बह्र में नहीं है ।</span></p>